पंजाबः कोरोना वायरस से उद्योग जगत में भी हाहाकार, लुधियाना में तबाही के हालात, कारोबारियों की टूटी कमर

कोरोना वायरस देश के साथ-साथ पंजाब की अर्थव्यवस्था के लिए भी घातक साबित हो रहा है। लुधियाना, जालंधर और अमृतसर के व्यापारियों का मानना है कि कोरोना के चलते अब तक औद्योगिक उत्पादन पर तीस फीसदी तक असर पड़ा है। आगे यह बढ़कर 50 से 60 फीसदी तक पहुंच सकता है।

फोटोः सोशल मीडिया
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अमरीक

पंजाब में कोरोना वायरस अब अर्थव्यवस्था पर भी कहर बरपा रहा है। पहले से मंदी का शिकार चल रहे पंजाब के उद्योग जगत की कमर अब और ज्यादा टूट रही है। यहां विदेश आधारित व्यापार पूरी तरह ठप्प हो गया है। यहां के साइकिल इंडस्ट्री, मशीन टूल, होजरी, हैंड टूल, स्पोर्ट्स इंडस्ट्री, मनी एक्सचेंज, ट्रैवल और होटल कारोबार को कोरोना वायरस बुरी तरह निगल रहा है। सब अचानक आई इस मुसीबत से गहरे सकते और सदमे में हैं।

पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने भी कहा है कि कोरोना वायरस अर्थव्यवस्था के लिए घातक साबित हो रहा है और पहले से खराब हालात अब और ज्यादा बदतर हो सकते हैं। लुधियाना, जालंधर और अमृतसर के उद्यमियों का मानना है कि अब तक औद्योगिक उत्पादन पर कोरोना वायरस के चलते तीस फीसदी तक असर पड़ा है। आगे 31 मार्च तक यह बढ़कर 50 से 60 फीसदी तक पहुंच सकता है।

इसका सीधा मतलब है कि हो रहे नुकसान की भरपाई में बहुत लंबा वक्त लग जाएगा। इस बीच देशी-विदेशी बाजार की अफरातफरी ने पैसा गायब कर दिया है। खरीदार नए आर्डर नहीं दे रहे और पहले से दिए गए ऑर्डर कैंसिल किए जा रहे हैं। यहां विदेश आधारित कारोबार अपने इतिहास के सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है। लुधियाना के कारोबारियों का कहना है कि सामान्य दिनों में अकेले चीन से भारत में सालाना तकरीबन पांच लाख करोड़ रुपये का माल आयात किया जा रहा था, लेकिन अब यह पूरी तरह बंद हो गया है।

ऑल इंडिया साइकिल मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन के प्रधान और एवन साइकिल के सीएमडी ओंकार सिंह पाहवा के अनुसार एक हफ्ते से घरेलू बाजार में साइकिल की बिक्री लगभग खत्म हो गई है। फेडरेशन ऑफ इंडियन एक्सपोर्ट्स ऑर्गनाइजेशन के पूर्व अध्यक्ष एससी रल्हन कहते हैं कि चीन से माल की आवक पूरी तरह से ठप्प है। अप्रैल तक हालात सामान्य नहीं हुए तो इंडस्ट्री बंद हो जाएगी। पहले कभी ऐसा नहीं हुआ। लुधियाना एशिया की सबसे बड़ी साइकिल मार्केट है। साइकिल के ज्यादातर पुर्जे चीन से आते थे।

इसी तरह होजरी में फैब्रिक्स गवर्नमेंट एक्सेसरीज और गारमेंट मशीनरी चीन से आयात की जा रही थी। डाइंग उद्योग में डाइवर केमिकल्स, इंजीनियरिंग उद्योग में स्पेशल स्टील, केमिकल्स और नट-बोल्ट का आयात होता था। अब ये तमाम उद्योग कच्चे माल की किल्लत से जूझ रहे हैं। फेडरेशन ऑफ इंडस्ट्रियल एंड कमर्शियल ऑर्गेनाइजेशन में टेक्सटाइल डिवीजन हेड अजीत लाकड़ा के अनुसार, “कोरोना वायरस की मार से होजरी में गर्मी का सीजन तो चौपट हो गया है, हालात जल्द सामान्य नहीं हुए तो सर्दी के सीजन पर भी इसका नागवार असर पड़ेगा।”

उद्योग जगत का मानना है कि मौजूदा प्रभावों से उभरने के लिए इंडस्ट्री को कम से कम दो साल का समय लगेगा। कोरोना वायरस जल्दी काबू नहीं आया तो यह अवधि लंबी हो सकती है। यूनाइटेड साइकिल एंड पार्ट्स मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष डीएस रावला कहते हैं, “इंडस्ट्री में विदेशों से कच्चा माल नहीं आ रहा है। हालात यही रहे तो संभलना मुश्किल हो जाएगा।"

जालंधर में 1800 करोड़ रुपए का सालाना कारोबार करने वाली स्पोर्ट्स इंडस्ट्री घरेलू बाजारों के साथ-साथ दुनिया के 110 से ज्यादा देशों को खेल सामग्री मुहैया कराती है। कोरोना वायरस की तगड़ी चोट यहां भी लगी है। कच्चे माल की सप्लाई रुक गई है और ऑर्डर निरस्त हो रहे हैं। आईपीएल सहित दुनिया भर में खेलों के छोटे-बड़े आयोजनों पर प्रतिबंध लगाने या स्थगित करने का असर जालंधर की स्पोर्ट्स इंडस्ट्री पर पड़ा है। इस बार आईपीएल से इंडस्ट्री को 100 करोड़ के बिजनेस की उम्मीद थी, जिस पर पानी फिर गया है।

बता दें कि यहां की इंडस्ट्री में खेल सामग्री के निर्माण के लिए 90 फीसदी कच्चा माल चीन, कोरिया, जापान, इंडोनेशिया और जर्मनी से आता था। स्पोर्ट्स गुड्स मैन्युफैक्चरिंग एसोसिएशन के सचिव मुकुल वर्मा के मुताबिक, “यहां का खेल उद्योग विभिन्न प्रकार के कच्चे माल के लिए चीन पर ही निर्भर है। अब खेल उद्योग बुरी तरह प्रभावित हो रहा है।” स्पोर्ट्स गुड्स मैन्युफैक्चर्स प्रमोशन काउंसिल के पूर्व चेयरमैन और एक्सपोर्टर राणा रघुनाथ सिंह भी कहते हैं कि कोरोना वायरस ने खेल उद्योग को तबाही की कगार पर ला दिया है।

इसके अलावा यहां की होटल इंडस्ट्री भी जबरदस्त संकट से जूझ रही है। लुधियाना, अमृतसर और जालंधर के ज्यादातर होटल और रेस्टोरेंट सुनसान नजर आते हैं। बाहर से आने वाले कारोबारियों और पर्यटकों का आना थम गया है। शादी-विवाह और इस किस्म के अन्य आयोजन भी स्थगित हो रहे हैं। अमृतसर होटल एंड रेस्टोरेंट एसोसिएशन के प्रधान एपी सिंह चड्ढा बताते हैं कि अमृतसर की होटल इंडस्ट्री 90 फीसदी प्रभावित हुई है। बंदी जैसे हालात हो गए हैं।

जबकि होटल एंड रेस्टोरेंट एसोसिएशन आफ पंजाब के अध्यक्ष अमरवीर सिंह के अनुसार, “कोरोना ने फिलहाल तो होटल इंडस्ट्री का वजूद ही खतरे में डाल दिया है। होटल कारोबारियों ने मंदी की ऐसी मार पहले कभी नहीं देखी।” होटलों के साथ-साथ मैरिज पैलेसों की बुकिंग भी रद्द हो रही है। कुल मिलाकर दुनिया भर में फैला कोरोना वायरस अर्थव्यवस्था को लगभग पूरी तरह अपनी चपेट में ले चुका है। व्यापार जगत में हाहाकार मचा हुआ है।

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