Corona Roundup: कोरोना मरीजों की संख्या 700 के पास, मजदूरों का अपने घरों को पैदल मार्च, राहत पैकेज का ऐलान,
कोरोना के चलते गुजरात, महाराष्ट्र और कश्मीर में एक-एक व्यक्ति की मौत हुई है। इसी के साथ देश में कोरोना वायरस के कुल केस 694 हो गए हैं। देश में महाराष्ट्र में कोरोना के सबसे अधिक केस सामने आए हैं, यहां 125 केस सामने आए हैं और 4 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं।

देश में कोरोना वायरस का कहर लगातार बढ़ता जा रहा है। एक दिन में आज (गुरुवार) सबसे ज्यादा कोरोना के मामला दर्ज किए गए हैं। अकेले आज 88 लोगों में कोरोना वायरस का संक्रमण पाया गया। अलग-अलग राज्यों में इसके मरीज पाए जा रहे हैं जिससे संख्या में लगातार इजाफा देखा जा रहा है। देश में पिछले 24 घंटे में 88 नए मामले सामने आए हैं जबकि कोविड-19 से जूझते 4 लोगों की मौत हुई है। अलग-अलग प्रदेशों में मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है जिसके चलते प्रशासन को कड़ी कार्रवाई पर उतरना पड़ा है और लोगों को घर में ज्यादा से ज्यादा रहने के लिए कहा जा रहा है।
कोरोना के चलते गुजरात, महाराष्ट्र और कश्मीर में एक-एक व्यक्ति की मौत हुई है। इसी के साथ देश में कोरोना वायरस के कुल केस 694 हो गए हैं। देश में महाराष्ट्र में कोरोना के सबसे अधिक केस सामने आए हैं, यहां 125 केस सामने आए हैं और 4 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। कोरोना वायरस की वजह से भारत में 16 लोगों की मौत हो गई है।
गुरुवार सुबह जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर में एक 65 वर्षीय कोरोना वायरस मरीज ने दम तोड़ दिया। श्रीनगर के CD अस्पताल ने इसकी पुष्टि की। भारत में अबतक कोरोना वायरस के 656 केस सामने आ चुके हैं। इसके अलावा इस व्यक्ति के संपर्क में आने वाले 4 लोग भी पॉजिटिव पाए गए हैं। 47 लोग ऐसे भी हैं जिन्हें इलाज के बाद अस्पताल से छुट्टी मिल गई है। इसमें वे लोग भी शामिल हैं जिनकी बीमारी पूरी तरह से ठीक हो गई है।
कोरोना वायरस की वजह से देश में 21 दिनों का लॉकडाउन है। इस लॉकडाउन की वजह से देश की इकोनॉमी को बड़ा नुकसान होने की आशंका जाहिर की जा रही है। इस बीच, सरकार की ओर से वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बड़ी राहत दी है। उन्होंने बताया कि गरीब कल्याण योजना के तहत गरीबों को 1.70 लाख करोड़ की मदद की जाएगी। निर्मला सीतारमण की ओर से किए गए ऐलान का फायदा गरीब वर्ग, मजदूर वर्ग, महिला वर्ग के अलावा दिव्यांग, विधवा और बुजुर्ग वर्ग को मिलने की उम्मीद है।
पंजाब में कोरोना वायरस के एक और मरीज की पुष्टि हुई है। इसे मिलाकर कोरोना पॉजिटिव की कुल संख्या 33 हो गई है। राज्य के महानगर जालंधर स्थित निजामत नगर में 62 साल की एक महिला के कोरोना वायरस की शिकार होने की खबर मिली है। प्रशासन और राज्य स्वास्थ्य विभाग की विधिवत पुष्टि के बाद जालंधर के निजामत नगर को पूरी तरह सील कर दिया गया है। महिला के परिजनों और उनसे पिछले दिनों तक संपर्क में आने वाले लोगों को भी विशेष जांच दायरे में ले लिया गया है। समूचे पंजाब में पहले से कड़ा कर्फ्यू लागू है। इस इलाके को पूरी तरह से घेर लिया गया है। स्वास्थ्य विभाग वहां मौजूद एक-एक बाशिंदे की गहन चिकित्सीय जांच करेगा। महानगर जालंधर में कोरोना वायरस से संक्रमित होने का यह पहला मामला है। जालंधर के निजामत नगर की इस 62 वर्षीया महिला सहित गंभीर संक्रमितों की तादाद फिलहाल तक 33 हो गई है। इनमें कुछ बच्चे भी शामिल हैं। इस बीच राज्य में कर्फ्यू बेहद सख्ती से लागू करवाया जा रहा है। तैनात पुलिसकर्मियों और अर्धसैनिक बलों के लिए सरकार के साथ-साथ गुरुद्वारों और अन्य धार्मिक संस्थानों से भी लंगर तथा चाय-पानी की विशेष व्यवस्था की गई है। गौरतलब है कि एनआरआई बेल्ट होने के चलते पंजाब में बेहद ज्यादा सावधानी बरती जा रही है। करुणा वायरस के खतरे के मद्देनजर मुख्यमंत्री, राज्य मंत्रिमंडल और समूचा प्रशासनिक-पुलिस अमला दिन-रात सक्रिय है ।
कोरोना के बढ़ते मरीजों के बारे में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने गुरुवार को बताया कि कोविड-19 के मामले भले बढ़ रहे हैं लेकिन जिस दर से इसमें बढ़ोतरी हो रही है, उसमें धीरे-धीरे स्थिरता आ रही है। हालांकि अभी यह शुरुआती रुझान है और आगे क्या होगा, अभी कुछ नहीं कहा जा सकता।
स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, विदेशों से 64,411 लोग देश लौटे हैं जिनकी गहन निगरानी की जा रही है। इनमें से 8300 लोगों को सर्विलांस पर अलग-अलग क्वारनटीन फैसिलिटी में रखा गया है। बाकी बचे लोगों को उनके-उनके घरों में ही क्वारनटीन में रखा गया है।
क्या समुदायिक स्तर पर भी कोरोना महामारी फैल सकती है? इस बारे में स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि कोविड-19 के कम्युनिटी ट्रांसमिशन का फेज शुरू हो सकता है अगर हम सरकार की ओर से सुझाए एहतियात नहीं बरतें। लोगों को एकजुट हो काम करना होगा और सरकार की ओर से जारी दिशा-निर्देश का पूरा पालन करना होगा।
पंजाब सरकार ने कोरोना वायरस द्वारा बढ़ रही त्रासदी को ध्यान में रखते हुए एक बड़ा फैसला लिया है। इसके तहत पंजाब के जेल में बंद 6,000 केदियों को रिहा किया जाएगा। इस फैसले के अनुसार ऐसे कैदियों को रिहा किया जाएगा जिन पर छोटे अपराधों का केस दर्ज है, जैसे पॉकेट मारी, छिनतई इत्यादी। सरकार ये भी ध्यान रख रही है कि अपराधियों को रिहा करने से समाज को कोई गलत संदेश ना जाए, या फिर अपराध में वृद्धी ना हो।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा कोरोनावायरस के खिलाफ घोषित किए गए 21 दिन के लॉकडाउन के दूसरे ही दिन देशभर से पुलिस कर्मियों द्वारा उन लोगों को सजा देने के वीडियो सामने आ रहे हैं जो या तो कर्फ्यू को तोड़ रहे हैं या लॉकडाउन के नियम के खिलाफ सड़क पर दिख रहे हैं। ऐसा ही एक वीडियो पश्चिमी उत्तर प्रदेश के बदायूं से सामने आया है जहां पुलिस कर्मियों द्वारा कुछ युवकों को पीठ पर बैग बांधे सड़क-सड़क पर बैठ-बैठ कर चलने के लिए मजबूर किया जा रहा है।

मीडिया रिपोर्ट की मानें तो वीडियो में जो युवक दिख रहे हैं वे मजदूर हैं और लॉकडाउन के बीच अपने घर लौट रहे हैं। कोई यातायात साधन न होने के कारण वे पैदल ही घर पहुंचने के लिए निकले हैं और रास्त में पुलिस उन्हें पकड़ लेती है। पुलिस उनकी दलील सुनने की जगह उनको दंडित करती है और गर्मी में सड़क पर रेंगने को मजबूर करती है।

बदायूं पुलिस प्रमुख एके त्रिपाठी ने इस मामले पर कहा कि वीडियो में जो पुलिसकर्मी दिख रहा है वह एक प्रोबेश्नर है जिसको साल भर का तजुर्बा है। सीनियर अफसर मौजूद थे लेकिन कुछ और काम देख रहे थे। मामले में उचित कार्रवाई की जाएगी। मैं इसके लिए माफी मांगता हूं और जो हुआ उसके लिए शर्मिंदा हूं।

राजधानी दिल्ली से भी ऐसी तस्वीरें आई है जहां लोग पैदल ही अपने घर को निकल पड़े हैं। राजधानी में दिहाड़ी मजदूरी करने वाले लोग काम के अभाव में घर जाने को निकले थे। लेकिन रेल, बस समेत सभी यातायात के साधन बंद होने की वजह से इन्हें पैदल ही घर जाना पड़ रहा है। इन लोगों का कहना है कि इनके पास न अब खाने को पैसे हैं न ही रहने को ठीकाना ऐसे में पैदल ही घर की ओर निकला ही एक मात्र रास्ता है।
अमरीक और बिपिन भारद्वाज और प्रमोद पुष्कर्णा के इनपुट के साथ
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