भारत में कोविड के नए वेरिएंट ने दी दस्तक, लेकिन अभी तक कोई गंभीर केस नहीं आया सामने

देश में कोविड के नए वेरिएंट ने दस्तक दी है। अधिकतर केस महाराष्ट्र में पाए गए हैं। लेकिन किसी भी माले में कोई गंभीर केस अभी सामने नहीं आया है। विशेषज्ञों ने एहतियात बरतने की सलाह दी है।

 प्रतीकात्मक तस्वीर
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नवजीवन डेस्क

कोविड एक बार फिर डरा रहा है। महाराष्ट्री में बीते दिनों में कम से कम 91 कोविड मामले सामने आए हैं और इनमें अधिकतर कोविड के ओमिक्रॉव वेरिएंट के हैं। इनकी श्रेणी केपी 1.1 और केपी 2 बताई गई है। महाराष्ट्र में ये केस जनवरी से सामने आना शुरु हुए हैं।

दरअसल कोविड के केपी 2 वेरिएंट ने इससे पहले के जेएन 1 वेरिएंट को पीछे छोड़ा है और इस समय दुनिया के कई देशों में इसकी मौजूदगी देखी जा रही है। पुणे में अब तक 51, थाणे मं 20 केस केपी 2 के मामले सामने आए हैं। दुनिया भर में इस वेरिएंट को सबसे पहले जनवरी में पहचाना गया था। 

मार्च और अप्रैल आते-आते यही वेरिएंट सबसे प्रभावी वेरिएंट बन चुका है। हालांकि अस्पतालों में अभी तक कोई गंभीर रूप से बीमार व्यक्ति नहीं आया है और न ही इस नए वेरिएंट के किसी मामले वाले मरीज को भर्ती किया गया है। अमरावती और औरंगाबाद में भी सात-सात केस मिले हैं। वहीं सोलापुर में दो केस सामने आए हैं। इसके अलावा केपी 2 वेरिएंट का एक एक मामला अहमदनगर, नाशिक, लातूर और सांगली में भी मिला है। अभी तक मुंबई में इस वेरिएंट का कोई भी केस सामने नहीं आया है।

मार्च और अप्रैल में की गई जीनोम सीक्वेंसिंग से सामने आया है कि महाराष्ट्र में कुल 91 केस केपी 2 के अभी तक मिले हैं।


अमेरिका में फिलहाल केपी 2 वेरिएंट के सर्वाधिक मामले दिखे हैं। नए वेरिएंट को फ्लरंट कहा जा रहा है क्योंकि इसमें केपी1.1 और केपी2 दोनों के स्ट्रेन्स हैं। वायरस को ऐसा नाम इनके बढ़ने के आधार पर तकनीकी रूप से दिया गया है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्लूएचओ) स्थिति पर नजर रखे हुए हैं और इन केसों में वैक्सीन की प्रभावशीलता का अध्ययन कर रहा है।

विशेषज्ञों का कहना है कि केपी 2 कोविड केसों में कितनी बढ़ोत्तरी करेगा इसके जांचने के लिए अभी कई सप्ताह लग सकते हैं। लेकिन, जो लक्षण मिले हैं वे पहले के मुकाबले काफी हल्के हैं। केपी2 पहले वाले वेरिएंट जेएन1 से ज्यादा तेज है और वैक्सीन के प्रभाव को पार कर लेता है और इसके संक्रमण की रफ्तार भी तेज है। लेकिन जिन लोगों को पहले कोविड हो चुका है उनमें इस वेरिएंट का संक्रमण अन्य के मुकाबले हल्का है।

कोविड के बाकी वेरिएंट की तरह ही यह वेरिएंट भी श्वांस लेने से निकलने वाली बूंदों से फैलता है और कम प्रतिरोधी क्षमता वाले लोगों को खास एहतियात बरतने की जरूरत है।

इस वेरिएंट का शिकार होने पर गले में खराश, नाक बहना, खांसी, शरीर और सिर में दर्द, बुखार आना, सीने में जकड़न, चक्कर आना और सांस लेने में दिक्कत आदि होना खास लक्षण हैं। इस वेरिएंट से संक्रमित बहुतसे लोगों को उल्टी और दस्त की भी शिकायत हो सकती है। लेकिन बहुत कम लोगों में गंध और स्वाद खत्म होने के लक्षण मिले हैं।

जहां केपी 2 तेजी से फैल रहा है, वहीं अन्य वेरिएंट के फैलने की गति धीमी है। अमेरिकी डेटा के मुताबिक केपी 2 देश के कुल कोविड केसों में से 28 फीसदी में पाया गया है, जबकि केपी 1.1 सिर्फ 7.1 फीसदी में मिला है। अमेरिका में फिलहाल जेएन1, जेएन 1.7, 1.13 आदि वेरिएंट सामने आए हैं।

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