CPI सांसद ने जगदीप धनखड़ को लिखा पत्र, इस्तीफे और सार्वजनिक जीवन से गायब होने पर जताई चिंता

पत्र में कहा गया है कि सबसे बड़ी चिंता का कारण धनखड़ का अपने इस्तीफे के बाद से सार्वजनिक जीवन से पूरी तरह गायब रहना है। उन्होंने प्रेस को संबोधित नहीं किया है, सार्वजनिक रूप से उपस्थित नहीं हुए और यहां तक कि पूर्व-निर्धारित कार्यक्रम भी रद्द कर दिए गए।

CPI सांसद ने जगदीप धनखड़ को लिखा पत्र, इस्तीफे और सार्वजनिक जीवन से गायब होने पर जताई चिंता
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नवजीवन डेस्क

भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीआई) के सांसद पी. संदोष कुमार ने गुरुवार को पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ को एक पत्र लिखकर उनके अचानक पद से इस्तीफा देने और उसके बाद सार्वजनिक जीवन से गायब होने पर गहरी चिंता व्यक्त की है। पत्र में धनखड़ से आग्रह किया गया है कि वे जल्द से जल्द जवाब दें और संसद तथा जनता को आश्वस्त करें।

सीपीआई सांसद और राज्यसभा में पार्टी के नेता पी. संदोष कुमार ने याद दिलाया कि एक महीने पहले जगदीप धनखड़ द्वारा 'स्वास्थ्य कारणों' का हवाला देते हुए उपराष्ट्रपति और राज्यसभा के सभापति के पद से इस्तीफा देना संसद और पूरे देश के लिए एक झटका था। हालांकि, सभापति पद पर उनके कार्यकाल के दौरान मतभेद स्वाभाविक थे, लेकिन उनके द्वारा धारण किए गए पद की गरिमा का हमेशा सम्मान किया गया।


पत्र में कहा गया है कि सबसे बड़ी चिंता का कारण जगदीप धनखड़ का अपने इस्तीफे के बाद से सार्वजनिक जीवन से पूरी तरह गायब रहना है। उन्होंने प्रेस को संबोधित नहीं किया है, सार्वजनिक रूप से उपस्थित नहीं हुए और यहां तक कि पूर्व-निर्धारित कार्यक्रम भी रद्द कर दिए गए। स्वास्थ्य कारणों का हवाला देकर इस तरह की चुप्पी और पीछे हटने से, स्वाभाविक रूप से, साथी सांसदों और नागरिकों में उनके स्वास्थ्य को लेकर गहरी चिंता पैदा हो गई है।

पत्र में धनखड़ से आग्रह किया गया है कि वे जल्द से जल्द जवाब दें और संसद तथा जनता को आश्वस्त करें। पी. संदोष कुमार ने कहा कि उनके उत्तराधिकारी के चुनाव की प्रक्रिया पहले से ही चल रही है, लेकिन धनखड़ की ओर से स्पष्टता और आश्वासन उनके अभूतपूर्व इस्तीफे को लेकर जारी अटकलों, बेचैनी और अनुत्तरित प्रश्नों को दूर करने में मदद करेगा। सीपीआई संसदीय दल इस बात पर जोर देता है कि यह अपील पूरी ईमानदारी से धनखड़ द्वारा धारण किए गए उच्च संवैधानिक पद की गरिमा का सम्मान करते हुए और सार्वजनिक जीवन में पारदर्शिता और जवाबदेही के हित में की गई है।

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