चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा के खिलाफ महाभियोग की तैयारी, सीतारम येचुरी ने दिए संकेत

मार्क्‍सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीएम) के महासचिव सीताराम येचुरी ने चीफ जस्टिस के खिलाफ महाभियोग लाने की कोशिशों की पुष्टी करते हुए कहा कि कार्यपालिका द्वारा अपनी भूमिका निभाने का समय आ गया है।

फोटोः सोशल मीडिया
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आईएएनएस

सुप्रीम कोर्ट जजों के विवाद की आग अभी ठंडी होती नहीं नजर आ रही है। देश के प्रमुख वामपंथी दल मार्क्‍सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीएम) ने कहा है कि अन्य विपक्षी दलों के साथ मिलकर वह देश के प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा के खिलाफ एक महाभियोग प्रस्ताव लाने पर विचार कर रही है। सीपीएम ने दावा किया है कि देश के मुख्‍य विपक्षी दलों के साथ इस पर विचार-विमर्श चल रहा है। प्रमुख वामपंथी पार्टी ने यह कदम सर्वोच्च न्यायालय के चार वरिष्ठतम न्यायाधीशों द्वारा प्रेस कांफ्रेंस कर मामलों के आवंटन में मनमानी पर मिश्रा के खिलाफ आवाज बुलंद करने के बाद उठाया है। पार्टी ने दावा किया है कि सुप्रीम कोर्ट में जारी संकट अभी खत्म नहीं हुआ है।

इसकी पुष्टी करते हुए सीपीएम महासचिव सीताराम येचुरी ने बताया, "इन हालात में कोई दूसरा उपाय नहीं है, लेकिन अगर कुछ गलत हो रहा है तो संस्थान (सर्वोच्च न्यायालय) को सही करने की जरूरत है। यह प्रधान न्यायाधीश के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव लाकर किया जा सकता है।" उन्होंने कहा कि 29 जनवरी से शुरू हो रहे आगामी बजट सत्र में प्रधान न्यायाधीश के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव लाने की संभावनाओं पर अन्य विपक्षी दलों के साथ मामले पर चर्चा की जा रही है। येचुरी ने कहा, "हम आगे बढ़ रहे हैं। मुझे लगता है कि जिस वक्त 29 जनवरी को संसद बैठेगी, मामला स्पष्ट हो जाएगा। हम महाभियोग प्रस्ताव लाने की ओर अग्रसर होंगे। यह कार्यपालिका द्वारा अपनी भूमिका निभाने का समय आ गया है।”

12 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट के 4 वरिष्ठ न्यायाधीशों ने प्रेस कांफ्रेंस कर सर्वोच्च न्यायालय के प्रशासन पर कई सवाल उठाया था। जस्टिस जे चेलामेश्‍वर के नेतृत्व में जजों ने संवेदनशील और राजनीतिक रूप से अहम मामलों के मनमाने आवंटन और प्रधान न्यायाधीश द्वारा पीठ का गठन करने के तौर-तरीकों पर सवाल उठाया था। देश केदइतिहास में ऐसा पहली बार हुआ था जब सुप्रीम कोर्ट के किसी न्यायधीश ने प्रधान न्यायाधीश के साथ मतभेदों को मीडिया के सामने रखा। प्रेस कॉन्फ्रेंस में जज लोया की संदिग्ध मौत के मामले को लेकर भी सवाल उठाए गए थे।

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