जोशीमठ में जहां रूके थे भू-धंसाव की जांच करने वाले वैज्ञानिक, उस जीएमवीएन गेस्ट हाउस में भी आई दरारें

चमोली आपदा प्रबंधन विभाग की रिपोर्ट के अनुसार जोशीमठ नगर के 9 वार्ड में 849 भवन प्रभावित हैं। इसमें से 181 भवन ऐसे हैं जिनको असुरक्षित जोन में रखा गया है। अब तक 258 परिवारों के 865 व्यक्तियों को विभिन्न सुरक्षित स्थानों पर अस्थायी रूप से शिफ्ट किया गया है।

फोटोः IANS
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नवजीवन डेस्क

उत्तराखंड के जोशीमठ में लगातार बढ़ रहे भू-धंसाव की स्थिति बेहद गंभीर होती जा रही है। यहां भू-धंसाव की जांच करने आए वैज्ञानिक भी अब सुरक्षित नही हैं। जिस जीएमवीएन के गेस्ट हाउस में ये वैज्ञानिक रुके थे, उसमें भी दरारें आ गई हैं, जिसके बाद यहां हड़कंप मच गया। इस भवन में दरार दिखते ही कर्मचारियों ने इसकी सूचना चमोली के जिला पर्यटन अधिकारी को दी, जिसके बाद आननफानन में आलाधिकारी यहां पहुंचे और जांच की।

जोशीमठ में भू-धंसाव की जांच के लिए आने वाले वैज्ञानिकों और अफसरों को गांधी मैदान के पास जीएमवीएन के वीआईपी गेस्ट हाउस में ठहराया गया था। बुधवार को भवन में दरार दिखते ही कर्मचारियों ने इसकी सूचना चमोली के जिला पर्यटन अधिकारी को दी। गेस्ट हाउस के फर्स्ट फ्लोर के रूम नम्बर 204 से 208 के 5 कमरों की दीवार में पहले हल्की दरारें थी जो अब और बढ़ गई हैं। ये दरारें कमरों और कार्यालय की दीवारों पर और ज्यादा उभर आई है। साथ ही निचले तल पर कुछ जगहों पर टाइल्स भी उखड़ने लगी है। जिसके बाद अब गेस्ट हाअस के ये 5 डीलक्स कमरे असुरक्षित हो गए हैं जिनमें पर्यटकों का ठहराना ठीक नहीं है।

जोशीमठ में जहां रूके थे भू-धंसाव की जांच करने वाले वैज्ञानिक, उस जीएमवीएन गेस्ट हाउस में भी आई दरारें
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वहीं, राहत शिविर के रुप में बनाए गए संस्कृत महाविद्यालय के भवनों में भी बारीक दरारें आनी शुरू हो गई हैं। यहां पर 23 परिवारों को रखा गया है। यहां रह रहे प्रभावित प्रदीप का कहना है कि यहां पर पुरानी दरारें हैं। ऐसी दरारें तो पूरे नगर में दिख रही हैं। इसके अलावा नगर में थाने के पीछे वाले भवनों में भी दरारें आ गई हैं। बताया जा रहा है कि हाल ही में यहां दरारें आई हैं। एक पुलिस कर्मी ने बताया कि थाने के पीछे एक बड़ा गड्ढा बना हुआ है। और दो दिन में यहां दरारें काफी बढ़ी हैं।

जोशीमठ में जहां रूके थे भू-धंसाव की जांच करने वाले वैज्ञानिक, उस जीएमवीएन गेस्ट हाउस में भी आई दरारें
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दूसरी ओर होटलों को तोड़ने की शुरूआत करने के बाद अब आवासीय भवनों को ढहाये जाने की तैयारी शुरू हो गई है। इस बीच बुधवार को आठ और परिवारों को राहत शिविरों में ले जाया गया। अब तक 258 परिवारों को सुरक्षा की दृष्टि से शिफ्ट किया जा चुका है। चमोली डीएम हिमांशु खुराना ने बताया कि पांच भवनों के ध्वस्तीकरण की प्रक्रिया शुरू की गई है। इसमें होटल माउंट व्यू, मलारी इन और लोक निर्माण विभाग के भवन शामिल हैं। भवनों के वैज्ञानिक तरीके से ध्वस्तीकरण के आदेश जारी कर दिए गए हैं।

जोशीमठ में जहां रूके थे भू-धंसाव की जांच करने वाले वैज्ञानिक, उस जीएमवीएन गेस्ट हाउस में भी आई दरारें
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भू-धंसाव को लेकर जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण चमोली द्वारा जारी दैनिक रिपोर्ट के अनुसार जोशीमठ नगर क्षेत्र के 9 वार्ड में 849 भवन प्रभावित हुए हैं। इसमें से 181 भवन ऐसे हैं जिनको असुरक्षित जोन के अंतर्गत रखा गया है। सुरक्षा की दृष्टि से जिला प्रशासन द्वारा अब तक 258 परिवारों के 865 व्यक्तियों को विभिन्न सुरक्षित स्थानों पर अस्थायी रूप से विस्थापित किया गया है। राहत कार्यों के तहत जिला प्रशासन द्वारा अब तक 500 प्रभावित परिवारों को 327.77 लाख रुपये की धनराशि वितरित की जा चुकी है।

प्रभावितों को अब तक 708 खाद्यान किट, 531 कंबल और 926 लीटर दूध, 55 हीटर/ब्लोवर, 79 डेली यूज किट, 48 जोड़ी जूते, 110 थर्मल वियर, 171 हाट वाटर बोटल, 458 टोपी, 280 मौजे, 149 शॉल व 262 अन्य सामग्री का वितरण राहत सामग्री के रूप में किया जा चुका है। इसके अलावा स्वास्थ्य विभाग द्वारा निरंतर प्रभावितों का स्वास्थ्य परीक्षण किया जा रहा है, जिसके तहत राहत शिविरों में रह रहे 707 से अधिक लोगों का स्वास्थ्य परीक्षण किया जा चुका है। प्रभावित क्षेत्रों में 51 पशुओं का स्वास्थ्य परीक्षण और 50 पशु चारा बैग का वितरण का किया गया है।

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