मध्य प्रदेश पुलिस ने पार की क्रूरता की हद, घर लौट रहे मजदूर के माथे पर लिखा- लॉकडाउन का उल्लंघन किया मैंने

कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिए देशव्यापी लॉकडाउन के बाद देश भर में प्रवासी मजदूरों में अफरा-तफरी का माहौल है और वे जल्द से जल्द अपने घर लौटना चाहते हैं। और कोई साधन नहीं मिलने के कारण हजारों मजदूरों ने अपने-अपने घरों की तरफ पैदल ही कूच कर दिया है।

फोटोः सोशल मीडिया
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नवजीवन डेस्क

कोरोना वायरस महामारी को रोकने के लिए देशव्यापी लॉकडाउन किया गया है। ऐसे में महानगरों में काम की तलाश में गए परिवार अफरा-तफरी में अपने गांव लौट रहे हैं और पुलिस उन्हें अनोखी सजा दे रही है। कहीं डंडे चल रहे हैं, तो कहीं हिंदी फिल्मों की तरह माथे तक पर अपराध लिखा जा रहा है। कमोबेश पुलिस की ऐसी क्रूरता हर प्रदेश में देखने को मिल रही है, लेकिन मध्य प्रदेश में सत्ता परिवर्तन के बाद तो पुलिस अलग ही रूप में नजर आने लगी है।

ताजा मामला मध्य प्रदेश के बुंदेलखंड के छतरपुर का है, जहां प्रदेश पुलिस का अतिसंवेदनहीन चेहरा उजागर हुआ है। दरअसल पुलिस ने उत्तर प्रदेश से होते हुए छतरपुर पहुंचे एक प्रवासी मजदूर को लॉकडाउन के उल्लंघन के आरोप में पकड़ लिया। और फिर इसके बाद पुलिस ने बीच चौराहे पर मजदूर को बैठाकर उसके माथे पर उसका अपराध लिख दिया। एक महिला पुलिसकर्मी ने उस युवक के माथे पर लिखा- "मैंने लॉकडाउन का उल्लंघन किया है, मुझसे दूर रहना।"

लेकिन सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहे इस घटना के वीडियो ने पुलिस की संवेदनहीनता को उजागर कर दिया जिसके बाद तो पुलिस-प्रशासन में हड़कंप मच गया। मामले के तूल पकड़ने पर जिले के एसपी को सामने आना पड़ा और आरोपी पुलिस अधिकारी पर कार्रवाई की बात कहनी पड़ी। इस मामले पर खासी किरकिरी के बाद जिले के एसपी कुमार सौरभ ने इसे अस्वीकार्य बताया है। साथ ही उन्होंने कहा कि आरोपी महिला पुलिसकर्मी के खिलाफ कानून के अनुसार कार्रवाई की गई है।

गौरतलब है कि कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिए मोदी सरकारी द्वारा लागू देशव्यापी लॉकडाउन के बाद से देश के विभिन्न हिस्सों में काम करने गए प्रवासी मजदूरों में अफरा-तफरी का माहौल है और उनके सामने रोजी-रोटी का भारी संकट खड़ा हो गया है। ऐसे में ये लोग जल्द से जल्द अपने घर लौटना चाहते हैं। और कोई साधन नहीं मिलने के कारण हजारों मजदूरों ने अपने-अपने घरों की तरफ पैदल ही कूच कर दिया है। देश के अलग-अलग हिस्सों से मजदूरों का बड़े पैमाने पर पलायन एक गंभीर और बड़ी चुनौती के रूप में सामने आया है और बिना तैयारी के प्रशासन और सरकारें बेबस नजर आ रही हैं।

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