चक्रवात बिपरजॉय गुजरात से गुजरने के साथ छोड़ गया तबाही के निशान, कहीं उखड़े पेड़ तो कहीं बिजली के खंभे

गुजरात के रिलीफ कमिश्नर आलोक पांडेय के मुताबिक, गांधीनगर में तूफान बिपारजॉय की वजह से 22 लोग घायल हो गए हैं। अभी तक किसी की मौत की खबर नहीं है। तूफान में 23 मवेशियों की मौत हो गई है। इस दौरान 524 पेड़ गिर गए। कई जगहों पर बिजली के खंभे भी उखड़ गए हैं।

गुजरात में चक्रवात बिपरजॉय से हुआ नुकसान।
गुजरात में चक्रवात बिपरजॉय से हुआ नुकसान।
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नवजीवन डेस्क

चक्रवाती तूफान बिपरजॉय गुजरात से गुजर गया है। इसके साथ ही तूफान अपने साथ तबाही के निशान छोड़ गया है। तूफान से काफी नुकसान हुआ है। जिस समय गुजरात के तट से तूफान टकराया उस समय 125 से 140 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चल रही थीं। बाद में हवा की रफ्तार कम होकर 108 किमी प्रति घंटा हो गई। भुज में 5 इंच तक बारिश हो चुकी है। वहीं, द्वारका और भुज में बिजली की सप्लाई बंद कर दी गई है। अभी कई इलाकों में बारिश हो रही है।

गुजरात के रिलीफ कमिश्नर आलोक पांडेय के मुताबिक, गांधीनगर में तूफान बिपारजॉय की वजह से 22 लोग घायल हो गए हैं। अभी तक किसी की मौत की खबर नहीं है। तूफान में 23 मवेशियों की मौत हो गई है। इस दौरान 524 पेड़ गिर गए। कई जगहों पर बिजली के खंभे भी उखड़ गए हैं। अकेले मोरबी में भारी बारिश और तेज हवाओं की वजह से 300 बिजली के खंभे क्षतिग्रस्त हो गए हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, 940 गांवों में बिजली गुल है।


गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने चक्रवात से निपटने की तैयारियों की समीक्षा के लिए गांधीनगर स्थित स्टेट इमरजेंसी ऑपरेशन सेंटर में आज एक बैठक की अध्यक्षता की। सरकार ने कहा है कि अब तक कच्छ, जामनगर, मोरबी, राजकोट, देवभूमि द्वारका, जूनागढ़, पोरबंदर और गिर सोमनाथ के 8 तटीय जिलों में करीब एक लाख लोगों को सुरक्षित जगहों पर पहुंचाया गया है।

तूफान के गुजरने के बाद राहत और बचाव कार्य के लिए बनाई गई टीमें सक्रिय हो गई हैं। चक्रवता से प्रभावित इलाकों में NDRF और SDRF के अलावा सेना, वायुसेना, नौसेना और BSF के जवानों को तैनात किया गया है। भुज, जामनगर, गांधीधाम के साथ नलिया, द्वारका और मांडवी में अग्रिम स्थानों पर सेना की 27 राहत टुकड़ियां तैनात की गई हैं।


वहीं, वायुसेना ने वड़ोदरा, अहमदाबाद और दिल्ली में एक-एक हेलीकॉप्टर को तैयार रखा है। नौसेना ने राहत और बचाव कार्य के लिए ओखा, पोरबंदर और बकासुर में 10-15 टीमों को तैनात किया है। इनमें से प्रत्येक में 5 गोताखोर और अच्छे तैराक शामिल हैं। रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, सेना, नौसेना, वायु सेना और भारतीय तटरक्षक समेत सभी सशस्त्र बलों ने गुजरात के स्थानीय लोगों की सहायता लिए जरूरी तैयारी की है।

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Published: 16 Jun 2023, 8:50 AM