असम में चक्रवात 'रेमल' से भारी तबाही! 4 लोगों की मौत, 18 घायल, पेड़ और बिजली के खंभे गिरे, राहत-बचाव कार्य जारी

अधिकारियों ने कहा कि तेज हवाओं के कारण गुवाहाटी समेत राज्य के कई इलाकों में पेड़ गिर गए हैं। बिजली के खंभे गिरने से असम के निचले क्षेत्रों में बिजली आपूर्ति बाधित हो गई है और विभिन्न शहरों से जलभराव की सूचना मिली है।

फोटो: सोशल मीडिया
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नवजीवन डेस्क

असम में चक्रवात रेमल के प्रकोप से चलीं तेज हवाओं और भारी बारिश ने मंगलवार को भारी नुकसान पहुंचाया, जिससे चार लोगों की मौत हो गई और 18 घायल हो गए। अधिकारियों ने यह जानकारी दी है।

लोकसभा चुनाव के प्रचार के लिए ओडिशा में मौजूद राज्य के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने कहा कि नगांव, होजाई, वेस्ट कार्बी आंगलोंग, गोलाघाट, दिमा हसाओ, कछार, हैलाकांडी और करीमगंज में मौसम के खराब रहने के आसार हैं और बेहद भारी बारिश हो सकती है तथा लगभग 40-50 किमी/घंटा की रफ्तार से तूफानी हवा चल सकती है।

कामरूप (मेट्रोपॉलिटन) जिले के सतगांव इलाके के नवज्योति नगर में एक घर पर पेड़ गिरने से 19 वर्षीय मिंटू तालुकदार की मौत हो गई और उसके पिता भी घायल हो गए। कामरूप जिले में 60 वर्षीय महिला पर एक पेड़ गिर गया जिसे घायल अवस्था में गुवाहाटी मेडिकल कॉलेज सह-अस्पताल में ले जाया गया जहां उसकी मौत हो गई। महिला की पहचान लावण्या कुमारी के रूप में हुई।

अधिकारी ने बताया कि इसके अलावा, लखीमपुर जिले के गेरुकामुख में एनएचपीसी की निर्माणाधीन लोअर सुबनसिरी जलविद्युत परियोजना में लगातार बारिश के कारण हुए भूस्खलन में एक व्यक्ति की मौत हो गयी। मृतक की पहचान पुतुल गोगोई के रूप में की गई है।


चक्रवात के प्रकोप से सड़क पर पेड़ गिर जाने से दिघलबोरी से मोरीगांव की ओर जा रहे रिक्शे में सवार कॉलेज छात्र कौशिक बोरदोलोई अम्फी की मौत हो गई। रिक्शे में सवार अन्य चार लोग घायल हो गए।

सोनितपुर जिले के ढेकियाजुली में एक स्कूल बस पर पेड़ गिर गया और 12 बच्चे घायल हो गये। उन्हें स्थानीय अस्पताल में भर्ती कराया गया हैं। कामरूप जिले के पलाशबाड़ी इलाके में एक अन्य व्यक्ति पेड़ गिरने से बचने की कोशिश में घायल हो गया।

मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा कहा कि खराब मौसम जारी रहने की उम्मीद है। उन्होंने ‘एक्स’ पर पोस्ट के माध्यम से कहा,‘‘मैंने अधिकारियों को जल्द से जल्द आपात स्थितियों से निपटने के लिए सतर्क रहने का निर्देश दिया है। नागरिकों से अनुरोध है कि बेहद जरुरी कार्य होने पर ही अपने घरों से बाहर निकलें और सतर्क एवं सुरक्षित रहें। हम लगातार स्थिति की निगरानी कर रहे हैं।''

जतिंगा-हरंगाजाओ खंड में यातायात पर लगाए गए प्रतिबंधों के कारण दीमा हसाओ और कछार के बीच यातायात प्रभावित हो गया है। उन्होंने कहा कि बराक घाटी के रास्ते में सभी भारी वाहनों को मेघालय से होकर जाने के लिए कहा गया है।


मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘भारी बारिश और तेज हवाओं से कापिछेरा और थेराबस्ती में भूस्खलन से यातायात प्रभावित हुआ है। हाफलॉन्ग में बी. एस. एन. एल. का एक टावर बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया है और वहां से लोगों को निकालने के प्रयास जारी हैं। हम स्थिति की बारीकी से निगरानी कर रहे हैं।''

अधिकारियों ने कहा कि तेज हवाओं के कारण गुवाहाटी समेत राज्य के कई इलाकों में पेड़ गिरने की समस्या सामने आ रही है। बिजली के खंभे गिरने से असम के निचले क्षेत्रों में बिजली आपूर्ति बाधित हो गई है और विभिन्न शहरों से जलभराव की सूचना मिली है।

उन्होंने बताया कि प्रभावित जिलों में कामरूप (मेट्रो), धुबरी, गोलपाड़ा, कामरूप, मोरीगांव, नागांव, सोनितपुर और दीमा हसाओ शामिल हैं। मोरीगांव, नागांव और दीमा हसाओ में स्कूल और अन्य शैक्षणिक संस्थानों को अगले आदेश तक बंद कर दिया गया है।

भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने चक्रवात के प्रभाव के रूप में राज्य भर में अत्यधिक भारी बारिश की चेतावनी दी है। मौसम के कारण गुवाहाटी, जोरहाट, तेज़पुर, मोरीगांव, धुबरी, गोलपाड़ा, दक्षिण सलमारा, बारपेटा, कछार और करीमगंज जिलों में नौका सेवाओं को भी रोक दिया गया है।


असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने लोगों से कहा कि वे दुर्घटना संभावित संरचनाओं में रहने से बचें, जलमग्न क्षेत्रों में जाने से बचें, आवश्यक वस्तुओं का भंडारण करें और आपात स्थिति में अधिकारियों से संपर्क करें। अधिकारियों ने कहा कि आपात स्थिति से निपटने के लिए राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) और राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ) भी अलर्ट पर हैं। अधिकारी ने कहा कि तूफान और बारिश से हुए नुकसान का आकलन किया जा रहा है।

(पीटीआई के इनपुट के साथ)

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