यूपी: कासगंज में 80 साल बाद घोड़े पर निकली दलित की बारात, 150 पुलिसकर्मी बने बाराती 

यूपी के कासगंज में दलित दूल्हा संजय जाटव अपनी दुल्हन शीतल से शादी करने के लिए आखिरकार घोड़ी पर पहुंच ही गए। इस दौरान सैकड़ों बारातियों और भारी पुलिस बल के बीच दोनों की शादी हुई।

फोटो: सोशल मीडिया 
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नवजीवन डेस्क

यूपी के कासगंज के निजामपुर गांव में बीते रविवार को पहली बार किसी दलित की बारात घोड़ी पर निकली। दलित-ठाकुरों के विवाद के बीच दूल्हा संजय जाटव की बारात पुलिस की कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच दुल्हन के घर पहुंची। बारात निकलने के दौरान एडीएम एएसपी, एसडीएम समेत कई सीनियर पुलिस अधिकारियों के साथ महिला पुलिसकर्मी भी मौजूद रहीं। खबरों के मुताबिक, पिछले 80 सालों से इस गांव में किसी भी दलित की बारात नहीं आई थी।

दरअसल, इसी साल जनवरी में कासगंज के जाटव परिवार की बेटी शीतल की शादी हाथरस के संजय जाटव से तय हुई थी और शादी 20 अप्रैल, 2018 को होनी थी। दलित दूल्हा चाहता था कि वह घोड़े पर बैठकर ही विवाह मंडप तक पहुंचे, लेकिन गांव के ठाकुरों को यह मंजूर नहीं था। ठाकुर समाज के लोग इस बात का विरोध कर रहे थे। ठाकुरों का कहना था कि यह गांव की परंपरा नहीं है और बेवजह जिद पकड़ कर परंपरा तोड़ गांव में बारात घुमाने की बात की जा रही है। इस मामले को लेकर दलित युवक संजय ने पुलिस प्रशासन से लेकर हाईकोर्ट तक गुहार लगाई। इस शादी को लेकर 8 अप्रैल को प्रशासन ने तय किया की पुलिस की मौजूदगी में बारात निकाली जाए।

यूपी: कासगंज में 80 साल बाद घोड़े पर निकली दलित की बारात, 150 पुलिसकर्मी बने बाराती 

शादी के दौरान गांव में 150 से ज्यादा पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया था। सुरक्षा के मद्देनजर गांव में पुलिस के अलावा पीएसी कांस्टेबलों को भी तैनात किया गया था। जिस रास्ते से बारात गुजरी उस रास्ते में छतों पर भी पुलिसकर्मी तैनात थे। दुल्हन की विदाई के बाद भी कई दिनों तक शांति व्यवस्था को लेकर भारी संख्या में पुलिसकर्मी मौजूद रहेंगे। प्रशासन पहले ही 37 लोगों के खिलाफ पाबंदी की कार्रवाई कर उनसे मुचलका भरवा चुका था। पाबंद हुए लोग शादी के दिन गांव से चले गए थे।

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