चीन में कहर ढाने वाले कोरोना वैरिएंट का भारत में पहला केस मिला, गुजरात के वडोदरा में NRI महिला पाई गई संक्रमित

मिली जानकारी के अनुसार गुजरात के वडोदरा में एक एनआरआई महिला जो 9 नवंबर को देश आई थी, वो इस BF7 सब वैरिएंट से संक्रमित पाई गई है। उसके सैंपल को तत्काल जीनोम सिक्वेंसिंग के लिए भेजा गया है।

फोटोः सोशल मीडिया
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नवजीवन डेस्क

चीन में कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों से पूरी दुनिया कोविड के कहर की आशंका से खौफ में है। इस बीच भारत में भी ओमिक्रॉन वैरिएंट के सब वैरिएंट बीएफ7 का पहला केस मिल गया है, जिसने पूरे चीन में कहर मचा रखा है। भारत में गुजरात के वडोदरा में BF7 का एक केस मिला है। बताया जा रहा है कि एक एनआरआई महिला जो 9 नवंबर को देश आई थी, वो इस वैरिएंट से संक्रमित पाई गई है। उसके सैंपल को तत्काल जीनोम सिक्वेंसिंग के लिए भेजा गया है।

इसे गुजरात के साथ भारत का पहला BF7 केस माना जा रहा है। हालांकि, गुजरात में दो और ऐसे मामले सामने आए हैं जिनको लेकर कहा जा रहा है कि वे भी BF7 हो सकते हैं, लेकिन अभी तक इसकी पुष्टि नहीं हुई है। इनके सैंपल को भी जांच के लिए भेज दिया गया है। वैसे देश में पहले भी सबवैरिएंट BF7 के मामले आ चुके हैं। इससे पहले अक्टूबर में एक केस दर्ज किया गया था। लेकिन चूंकि इस समय चीन में इस वैरिएंट ने कहर मचा रखा है, इसलिए भारत में भी चिंता बढ़ती जा रही है।


वहीं चीन में ताजा हालात के बीच बुधवार को स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने एक अहम बैठक की। बैठक के बाद नीति आयोग के सदस्य डॉ. वीके पॉल ने बताया कि घबराने की जरूरत नहीं है। बैठक में तय हुआ है कि कोरोना को लेकर हर हफ्ते स्वास्थ्य मंत्रालय में समीक्षा बैठक होगी। इस समय देश में पर्याप्त मात्रा में कोरोना जांच हो रही है। आगे बीच-बीच मे स्वास्थ्य मंत्रालय निर्णय लेगा कि और क्या कदम उठाए जाने चाहिए। वीके पॉल ने जोर दिया कि अब एक बार फिर सभी को भीड़ भाड़ वाले इलाकों में मास्क पहनने की जरूरत है और बूस्टर डोज भी लेना चाहिए।

गौरतलब है कि चीन में पिछले दिनों जीरो कोविड पॉलिसी में ढील देने के बाद कोरोना स्थिति ने विस्फोटक रूप ले लिया है। अभी हालात ऐसे हैं कि अस्पतालों में मरीजों के लिए बेड नहीं हैं, जमीन पर मरीजों को रखना पड़ रहा है, अस्पताल के बाहर मरीज दम तोड़ रहे हैं। वहीं वहां श्मशान घाटों पर लंबी कतारें देखी जा रही हैं। चीन सरकार की ओर से अभी तक मौत का कोई आंकड़ा तो जारी नहीं किया गया है, लेकिन कई विशेषज्ञों का कहना है कि अगले साल जनवरी-फरवरी में चीन में कोरोना की एक भयंकर लहर आने वाली है।

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