अनशन पर बैठीं दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल की बिगड़ी तबीयत, अस्पताल में कराया गया भर्ती

स्वाति मालीवाल ने महिला सांसदों को एक पत्र भी लिखा था। उन्होंने दुष्कर्मियों के लिए सख्त कानून की मांग संसद में उठाने की अपील की थी। उन्होंने कहा था कि अगर आप मांग संसद में नहीं उठा पातीं तो उम्मीद करूंगी कि राजघाट आकर बेटियों के अनशन में भाग लेंगी।

फोटो: सोशल मीडिया
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नवजीवन डेस्क

दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल की तबीयत बिगड़ने के बाद उन्हें एलएनजेपी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। 6 महीने के भीतर बलात्कार के मामलों में दोषियों को मौत की सजा देने की मांग को लेकर स्वाति मालीवाल 13 दिनों से भूख हड़ताल पर हैं। बेहोश होने के बाद उन्हें अस्पताल ले जाया गया है। अनशन की वजह से स्वाति मालीवाल का वजन भी काफी घटा है। दिल्ली महिला आयोग के अनुसार, स्वाति मालीवाल कमजोरी के चलते बात करने में भी असमर्थ हैं।

स्वाति मालीवाल द्वारा राजघाट पर अनशन शुरू किए जाने के बाद निर्भया की मां भी वहां पहुंची थीं और उनका समर्थन किया था। अनशन स्थल से स्वाति ने महिला सांसदों को पत्र लिखकर झकझोरने की कोशिश की है। उन्होंने दुष्कर्मियों के लिए सख्त कानून की मांग संसद में उठाने की अपील की थी। स्वाति ने कहा था, "अगर आप मांग संसद में नहीं उठा पातीं तो उम्मीद करूंगी कि राजघाट आकर देश की बेटियों के अनशन में भाग लेंगी और तब तक नहीं रुकेंगी जब तक देश में महिला अपराध के खिलाफ मजबूत तंत्र नहीं बन जाता।”


स्वाति ने पत्र में कहा कि पिछले तीन सालों में दिल्ली महिला आयोग ने 55,000 केस की सुनवाई की है। हेल्पलाइन 181 पर ढाई लाख कॉल्स अटेंड कीं और 75000 ग्राउंड विजिट की। उन्होंने कहा था कि सिर्फ कानून बना देना काफी नहीं है, उसको लागू भी करना होगा। इसलिए यह जरूरी है कि तत्काल सभी 'रेपिस्टों' को छह महीने में फांसी की सजा का कानून लागू हो। स्वाति ने महिला सांसदों से कम से कम छह मांगें संसद में उठाने की मांग की है। पहली मांग है कि निर्भया के दोषियों को तुरंत फांसी दी जाए, क्योंकि इंतजार करते-करते आठ साल हो गए।

स्वाति मालीवाल की अन्य मांगें हैं, दुष्कर्मियों को छह महीने में फांसी के लिए सभी कानूनों में संशोधन के साथ दया याचिका की समय सीमा भी तय हो। गृह मंत्रालय 66000 कर्मी दिल्ली पुलिस को उपलब्ध कराए। देशभर में अधिक से अधिक फास्ट ट्रैक कोर्ट खोली जाएं।

स्वाति ने कहा था कि दिल्ली में कम से कम और 45 कोर्ट की जरूरत है। निर्भया फंड को लेकर उन्होंने कहा कि हजारों करोड़ रुपये देश की बच्चियों की जान बचाने में काम आ सकते थे, मगर यह फंड वर्षो से सरकारी खजानों में बंद हैं।

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Published: 15 Dec 2019, 9:06 AM