मध्य प्रदेश में शराब से मौतों का सिलसिला जारी, मुरैना, उज्जैन के बाद अब भिंड में मातम, कटघरे में शिवराज सरकार

भिंड में शराब से मौतों पर कांग्रेस ने हमला बोलते हुए कहा शिवराज सरकार ने घोषणा की थी कि जिस जिले में जहरीली शराब की बिक्री पाई गयी, वहां के कलेक्टर-आईजी-एसपी दोषी होंगे, फिर गाज सिर्फ दो थाना प्रभारियों पर ही क्यों? आबकारी मंत्री को कब तक सरकार बचाएगी?

प्रतीकात्मक फोटोः सोशल मीडिया
प्रतीकात्मक फोटोः सोशल मीडिया
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नवजीवन डेस्क

मध्य प्रदेश में शराब पीने से हो रही मौतों का सिलसिला थमता नजर नहीं आ रहा है। मुरैना और उज्जैन सहित कई स्थानों पर शराब पीने से मौतों के बाद अब नया मामला भिंड जिले का है, जहां कथित तौर पर जहरीली शराब पीने से तीन लोगों की मौत हो गई है, जिसके बाद यहां मातम का माहौल है। साथ ही लोगों में स्थानीय पुलिस के साथ राज्य की शिवराज सरकार के खिलाफ भी गुस्सा देखा गया।

भिंड में शराब पीने से मरने वालों में दो सगे भाई शामिल हैं। सगे भाईयों ने अपने अन्य परिजनों के साथ रासायनिक पदार्थ के जरिए शराब बनाई थी और उसका सेवन किया था। बाद में दोनों भाईयों की मौत हो गई तो वहीं एक अन्य की भी शराब के सेवन से मौत हो गई। इस मामले में दो थानों के प्रभारी को निलंबित किया गया है।


इससे पहले उज्जैन में अक्टूबर 2020 और मुरैना में जनवरी 2021 में जहरीली शराब पीने से बड़े हादसे हुए। उज्जैन में जहां 14 मजदूरों की मौत हुई थी तो वहीं मुरैना में 20 लोगों ने जान गंवाई थी। उसके बाद कई और इलाकों में भी शराब पीने से मौतें होती रही हैं। मुरैना की घटना के बाद सरकार ने कलेक्टर और एसपी को हटा दिया था, साथ ही ऐलान किया था कि इस तरह की घटनाओं के लिए कलेक्टर और एसपी दोषी माने जाएंगे और उन पर कार्रवाई होगी।

भिंड में शराब से मौतों को लेकर कांग्रेस ने शिवराज सरकार पर हमला बोला है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के मीडिया समन्यक नरेंद्र सलूजा ने हमला बोलते हुए कहा, "उज्जैन - मंदसौर-मुरैना-इंदौर के बाद अब एक बार फिर भिंड में जहरीली शराब से तीन लोगों की मौत का मामला सामने आया। उमा भारती शराबबंदी के अभियान की घोषणा कर गायब। वहीं शिवराज सरकार लगातार शराब प्रेम दिखा ही रही है और शराब माफियाओं का कहर भी जारी और जहरीली शराब से मौतें भी जारी।


शिवराज सरकार की पूर्व की घोषणाओं पर तंज कसते हुए नरेंद्र सलूजा ने आगे कहा, "शिवराज सरकार ने घोषणा की थी कि जिस जिले में जहरीली शराब की बिक्री पायी गयी, वहां के कलेक्टर-आईजी-एसपी दोषी होंगे, फिर गाज सिर्फ दो थाना प्रभारियों पर ही क्यों? आबकारी मंत्री को कब तक सरकार बचाएगी, उन्हें कब दोषी मानेगी?

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