वैष्णोदेवी भूस्खलन में मृतकों की संख्या 34 हुई, उमर ने पूछा- अलर्ट के बावजूद तीर्थयात्रियों को क्यों नहीं रोका गया

उमर अब्दुल्ला ने पूछा कि जब हमें मौसम के बारे में पता था, तो क्या हमें उन लोगों की जान बचाने के लिए कुछ कदम नहीं उठाने चाहिए थे? मौसम की चेतावनी हमें कुछ दिन पहले ही मिल गई थी, इसके बावजूद ये लोग यात्रा मार्ग पर क्यों थे? उन्हें क्यों नहीं रोका गया?

वैष्णोदेवी भूस्खलन में मृतकों की संख्या 34 हुई, उमर ने पूछा- अलर्ट के बावजूद तीर्थयात्रियों को क्यों नहीं रोका गया
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नवजीवन डेस्क

जम्मू-कश्मीर में पिछले दो दिनों में रिकॉर्ड बारिश और भूस्खलन में मरने वालों की संख्या बढ़कर 36 हो गई है। इनमें से 34 लोगों की मौत वैष्णो देवी मार्ग पर हुए भूस्खलन की चपेट में आने से हुई। जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने बुधवार को सवाल किया कि जब खराब मौसम की चेतावनी दी गई थी, तो अधिकारियों ने वैष्णो देवी तीर्थयात्रियों को मार्ग पर जाने से क्यों नहीं रोका।

अधिकारियों ने बुधवार को बताया कि वैष्णो देवी यात्रा मार्ग पर भूस्खलन में मरने वालों की संख्या बढ़कर 34 हो गई है, क्योंकि बचाव दल ने मलबे के नीचे से और शव निकाले हैं। उन्होंने बताया कि लगातार और भारी बारिश के कारण हुए भूस्खलन में कम से कम 20 लोग घायल हो गए। मंगलवार को अपराह्न करीब तीन बजे भूस्खलन हुआ और पहाड़ की ढलान से पत्थर, शिलाखंड और चट्टानें नीचे गिरने लगीं। इससे बेखबर लोग इसकी चपेट में आ गए। घटना के बाद वैष्णो देवी मंदिर की तीर्थयात्रा स्थगित कर दी गई है।


राज्य में भारी बारिश से आई आपदा के बीच मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने आज वैष्णो देवी यात्रा मार्ग पर घटनास्थल का जायजा लिया। दौरे के बाद सीएम ने उपराज्यपाल मनोज सिन्हा के नियंत्रण वाले वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड के उस फैसले पर सवाल उठाया, जिसमें भारी बारिश की चेतावनी के बावजूद तीर्थयात्रा जारी रखने की अनुमति दी गई थी।

उन्होंने कहा, ‘‘हमें इसके बारे में बाद में बात करनी होगी। जब हमें मौसम के बारे में पता था, तो क्या हमें उन लोगों की जान बचाने के लिए कुछ कदम नहीं उठाने चाहिए थे? मौसम की चेतावनी हमें कुछ दिन पहले ही मिल गई थी।’’ उन्होंने अधिकारियों से सवाल किया, ‘‘ये लोग यात्रा मार्ग पर क्यों थे? उन्हें क्यों नहीं रोका गया? उन्हें सुरक्षित स्थान पर क्यों नहीं ले जाया गया? इस पर बाद में चर्चा की जाएगी। हमें 29 से 30 लोगों की मौत होने का दुख है।’’

कटरा से मंदिर तक 12 किलोमीटर के घुमावदार रास्ते के बीच में एक स्थान पर भूस्खलन हुआ था। मंदिर तक जाने के दो रास्ते हैं। मंगलवार सुबह से ही हिमकोटी मार्ग पर यात्रा स्थगित कर दी गई थी, लेकिन अपराह्न 1.30 बजे तक यह पुराने मार्ग से जारी थी, जब अधिकारियों ने मूसलाधार बारिश को देखते हुए इसे अगले आदेश तक स्थगित करने का फैसला किया।

इस बीच जम्मू में उफनती नदियों का जलस्तर घटने के संकेत दिखे, लेकिन अनंतनाग और श्रीनगर में झेलम नदी बाढ़ की चेतावनी के निशान को पार कर गई और पानी कई आवासीय क्षेत्रों में घुस गया, जिसके बाद अधिकारियों ने निवासियों को आश्वस्त किया कि वे स्थिति पर नजर रख रहे हैं और लोगों को घबराने की जरूरत नहीं है।


अधिकारियों ने बताया कि केंद्र शासित प्रदेश में जलाशयों के उफान पर आने और अचानक आई बाढ़ के कारण कई प्रमुख पुलों, घरों और व्यावसायिक प्रतिष्ठानों समेत सार्वजनिक बुनियादी ढांचे को भारी नुकसान पहुंचा है। दूरसंचार सेवाएं भी 22 घंटे से अधिक समय तक स्थगित रहने के बाद आंशिक रूप से बहाल हो गई हैं। जम्मू-कश्मीर सरकार का प्रशासन राहत और बचाव कार्य में लगा हुआ है।

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