जातिगत जनगणना करवाने का फैसला सत्य और न्याय की जीत, मोदी सरकार को झुकना ही पड़ाः अशोक गहलोत

अशोक गहलोत ने कहा कि जब मोदी सरकार और बीजेपी के नेता सदन और सदन के बाहर सभी जगह जातिगत जनगणना का विरोध कर रहे थे तब राहुल गांधी इसके समर्थन में अडिग खड़े थे। सरकार को झुकना पड़ा। आखिर सत्य और न्याय की जीत हुई।

जातिगत जनगणना करवाने का फैसला सत्य और न्याय की जीत, मोदी सरकार को झुकना ही पड़ाः अशोक गहलोत
जातिगत जनगणना करवाने का फैसला सत्य और न्याय की जीत, मोदी सरकार को झुकना ही पड़ाः अशोक गहलोत
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नवजीवन डेस्क

राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अशोक गहलोत ने जातिगत जनगणना करवाने के केंद्र सरकार के फैसले को सत्य और न्याय की जीत बताते हुए गुरुवार को कहा कि इस मुद्दे पर केंद्र सरकार को झुकना पड़ा है। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी ने दिखाया कि सच की लड़ाई कैसे लड़ी जाती है।

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अशोक गहलोत ने 'एक्स' पर लिखा, “हमारे नेता राहुल गांधी ने दिखाया, सच की लड़ाई कैसे लड़ी जाती है। जब मोदी सरकार और बीजेपी के नेता सदन और (सदन के) बाहर सभी जगह जातिगत जनगणना का विरोध कर रहे थे तब राहुल गांधी इसके समर्थन में अडिग खड़े थे। सरकार को झुकना पड़ा। आखिर सत्य और न्याय की जीत हुई।”


इससे पहले बुधवार को भी अशोक गहलोत ने कहा था कि केंद्र सरकार को स्पष्ट करना चाहिए कि जनगणना किस तारीख से शुरू होगी, इसमें कितना वक्त लगेगा और उसके बाद क्या कदम उठाए जाएंगे। केंद्र सरकार ने बुधवार को एक बड़े फैसले के तहत घोषणा की कि आगामी जनगणना में जातिगत गणना को ‘पारदर्शी’ तरीके से शामिल किया जाएगा।

कांग्रेस सांसद प्रमोद तिवारी ने भी दावा किया कि कांग्रेस के दबाव की वजह से केंद्र सरकार देश में जाति-जनगणना कराने के लिए मजबूर हो गई। कांग्रेस सांसद प्रमोद तिवारी ने कहा कि केंद्र सरकार ने अभी केवल निर्णय की घोषणा की है। हम राहुल गांधी और कांग्रेस पार्टी के निरंतर प्रयासों के लिए धन्यवाद देते हैं। यह हमारी निरंतर मांग थी जिसने सरकार को इसे स्वीकार करने के लिए मजबूर किया। भले ही उन्होंने आधे-अधूरे मन से इसे स्वीकार किया, लेकिन आखिरकार करना ही पड़ा।


प्रमोद तिवारी ने कहा कि कांग्रेस पार्टी कभी भी श्रेय लेने की होड़ में शामिल नहीं होती है। हमारे लिए अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी द्वारा पारित प्रस्ताव सबसे महत्वपूर्ण है जो 9 अप्रैल को गुजरात के अहमदाबाद में पारित किया गया था। हमारे नेता संसद के अंदर और बाहर जाति-जनगणना कराने को लेकर आवाज उठाते रहे। केंद्र सरकार को जाति-जनगणना कराने के लिए फैसला लेना पड़ा। यह कांग्रेस कार्यकर्ताओं और नेताओं की जीत है।

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