सीबीएसई की बची परीक्षाएं होंगी या नहीं, दो दिन में होगा साफ, सुप्रीम कोर्ट में याचिका के बाद मंत्रालय सक्रिय

मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने सीबीएसई की 10वीं और 12वीं बोर्ड की बाकी बची परीक्षाएं 1 से 15 जुलाई के बीच कराने का ऐलान किया था। लेकिन कोरोना वायरस के प्रकोप के कारण कुछ अभिभावकों द्वारा सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर बाकी परीक्षाएं न लेने की मांग पर सीबीएसई ने दो दिन में फैसला लेने की बात कही है।

फोटोः IANS
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नवजीवन डेस्क

सीबीएसई की 10वीं और 12वीं बोर्ड की बाकी बची हुई परीक्षाएं पूर्व के ऐलान के तहत 1 से 15 जुलाई के बीच होंगी या नहीं, इस पर अगले 48 घंटे में फैसला हो जाएगा। केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय परीक्षाओं के बारे में 25 जून तक कोई महत्वपूर्ण निर्णय ले सकता है। मंत्रालय इन परीक्षाओं पर आखरी फैसला लेने के लिए गृह मंत्रालय से परामर्श कर रहा है। सीबीएसई ने मंगलवार को कहा कि निर्णय लेने की प्रक्रिया एडवांस स्टेज में है। गुरुवार तक इसपर अंतिम फैसला लिया जाएगा। यानी अगले 2 दिन में साफ हो जाएगा कि दोनों बोर्ड परीक्षाएं तय कार्यक्रम के अनुसार करवाई जाएंगी या नहीं।

बता दें कि देशभर के अभिभावकों और कई राज्य सरकारों द्वारा कोरोना वायरस की वजह से सीबीएसई की बाकी बची हुई परीक्षाएं नहीं लेने की मांग की जा रही है। इसके लिए परीक्षा देने वाले कुछ छात्रों के माता-पिता ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर मांग की थी कि शेष विषयों के अंक पहले आयोजित परीक्षा और आंतरिक मूल्यांकन के अंकों के साथ औसत आधार पर गणना करके दिए जाएं और परिणाम घोषित किए जाएं। माता-पिता ने कहा कि एम्स के अनुसार, जुलाई में कोरोना वायरस महामारी अपने चरम पर होगी।

याचिका पर आज हुई सुनवाई में सीबीएसई ने कहा कि वह जुलाई में होने वाले बोर्ड की बची हुई परीक्षा पर कोई निर्णय बुधवार शाम तक ले लेगा। केंद्र का प्रतिनिधित्व कर रहे सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने न्यायमूर्ति ए.एम. खानविलकर की अध्यक्षता वाली पीठ को सूचित किया कि सरकार और बोर्ड छात्रों की परेशानी से भली-भांति अवगत हैं और अधिकारी इस मुद्दे पर जल्द ही निर्णय लेंगे। मेहता ने पीठ से इस मुद्दे को एक दिन के लिए स्थगित करने का अनुरोध किया और कहा कि वे अधिकारियों द्वारा लिए गए निर्णय के बारे में शीर्ष अदालत को अवगत कराएंगे।

इससे पहले दिल्ली के उपमुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने 10वीं और 12वीं कक्षा की बोर्ड परीक्षाओं के बारे में केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल 'निशंक' को एक पत्र लिखकर शेष रह गई परीक्षाएं नहीं करवाने की मांग की थी। केंद्रीय मंत्री को लिखे पत्र में सिसोदिया ने कहा, "कोरोना वायरस के कारण उत्पन्न हुई परिस्थितियों में बोर्ड परीक्षाएं कराना बहुत कठिन है। मौजूदा हालात को देखते हुए ये बोर्ड परीक्षाएं रद्द की जानी चाहिए। प्री-बोर्ड या आंतरिक परीक्षाओं के आधार पर 10वीं और 12वीं कक्षाओं के छात्रों का नतीजा घोषित कर देना चाहिए।

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