दिल्ली में कोरोना केस में तो आई गिरावट, लेकिन बढ़ गया ब्लैक फंगस का खौफ, केजरीवाल ने केंद्र से मांगी दवा

स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने दिल्ली में कोरोना की मौजूदा स्थिति को लेकर कहा कि दिल्ली में 18 मई को कोरोना के 4482 मामले आए और संक्रमण दर 6.89 फीसद रही। उन्होंने कहा कि दिल्ली के अंदर 24 अप्रैल के बाद से मामले धीरे-धीरे कम हो रहे हैं।

फोटोः विपिन
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नवजीवन डेस्क

राजधानी दिल्ली में कोरोना संक्रमण की रफ्तार धीमी होती नजर आ रही है। दिल्ली में बीते 24 घंटे के दौरान कोरोना के कारण 235 व्यक्तियों की मौत हुई है। वहीं इस दौरान कोरोना संक्रमण के 4482 नए मामले सामने आए हैं। इसी के साथ दिल्ली में संक्रमण दर घटकर 6.89 फीसद पहुंच गई है। दिल्ली सरकार इसे जल्द से जल्द 2 फीसद से नीचे लाना चाहती है।

कोरोना को लेकर राहत की इस खबर के बीच दिल्ली में बलैक फंगस का नया खतरा पैदा हो गया है। लगातार सामने आ रहे ब्लैक फंगस के मामलों से खौफ बढ़ता जा रहा है। हालात को देखते हुए दिल्ली सरकार ने ब्लैक फंगस के उपचार के लिए केंद्र से आवश्यक दवाइयों की मांग की है। दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा कि ब्लैक फंगस के मरीजों के इलाज के लिए अस्पतालों को सीधे दवा उपलब्ध कराने के लिए हमने एक लाख दवाओं की मांग की है।

सत्येंद्र जैन ने वैक्सीनेशन पर स्थिति स्पष्ट करते हुए कहा कि दिल्ली में 18 से 44 आयु वर्ग के लिए कोवैक्सीन की डोज खत्म हो चुकी है। कोवीशील्ड की करीब दो दिन की बची है। केंद्र सरकार से अभी तक वैक्सीन उपलब्ध कराने को लेकर ठोस आश्वासन नहीं मिला है। हालांकि जल्द वैक्सीन मिलने की उम्मीद है। सत्येंद्र जैन ने कहा कि अगर हम दूसरी कंपनियों से फार्मूला साझा करते हैं, तो बड़े पैमाने पर वैक्सीन बना सकते हैं। भारत के पास रोजाना एक करोड़ वैक्सीन उत्पादन की क्षमता है।

सत्येंद्र जैन ने दिल्ली में कोरोना की मौजूदा स्थिति को लेकर कहा कि दिल्ली में 18 मई को कोरोना के 4482 मामले आए थे और संक्रमण दर 6.89 फीसद रही है। दिल्ली के अंदर 24 अप्रैल के बाद से मामले धीरे-धीरे कम हो रहे हैं। दिल्ली में पहले कोरोना के मामले 1 दिन में 28 हजार तक आ रहे थे, जो अब छह हजार से नीचे होते-होते चार हजार के करीब पहुंच गए हैं।


उन्होंने कहा कि कोरना की संक्रमण दर को 2 फीसदी से कम पर लाने का लक्ष्य है। दिल्ली में जब अचानक केस बढ़े थे, तब संक्रमण दर एक से दो फीसदी के आसपास चल रही थी। इसके बाद संक्रमण दर अचानक बढ़कर 36 फीसदी तक पहुंच गई थी। दिल्ली में अब हालात पहले से बेहतर हैं। पांच फीसदी से अधिक संक्रमण दर को काफी खराब माना जाता है। अभी संक्रमण दर 6 फीसदी के आसपास है। दिल्ली सरकार का आखिरी लक्ष्य है कि दिल्ली में कोरोना का कोई भी मामला न रहे। कोरोना के मामले जल्द से जल्द जीरो हो जाएं।

स्वास्थ्य मंत्री ने वैक्सीन उत्पादन पर कहा कि हमारी जो भी मांग होती है, पहले उनका मजाक बनाकर नकारा जाता है। मुख्यमंत्री केजरीवाल ने सबसे पहले कहा था कि 45 वर्ष से अधिक उम्र के सभी लोगों को वैक्सीन लगानी चाहिए। इसके बाद एक सप्ताह तक विपक्षी पार्टियों के लोग कहते रहे कि ऐसा नहीं होना चाहिए। इसके बाद उन्होंने 45 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों का वैक्सीनेशन शुरू कर दिया। उसके बाद केजरीवाल ने कहा कि 18 से ऊपर के सभी लोगों को वैक्सीन दी जाए।

सत्येंद्र जैन ने कहा कि इसके बाद उन्होंने कहा कि देश के अंदर वैक्सीन बनाने की तकनीकी है, उसका फार्मूला अन्य कंपनियों के साथ साझा कर उन्हें वैक्सीन बनाने की अनुमति दी जानी चाहिए। वैक्सीन के अंदर सबसे मुश्किल उसकी रिसर्च होती है। अगर रिसर्च करके हमने वैक्सीन बना ली तो उत्पादन की क्षमता हमारे देश में लगभग एक करोड़ वैक्सीन रोजाना की है। ऐसे में देश चाहे तो बड़े पैमाने पर वैक्सीन बना सकता है। साथ ही, अपने देश के लिए ही नहीं, बल्कि दूसरे देशों के लिए भी वैक्सीन बना सकता है। मैं केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी द्वारा दिए गए बयान का स्वागत करता हूं।

सत्येंद्र जैन ने कहा कि दिल्ली सरकार बच्चों को कोरोना से बचाने की तैयारी कर रही है। सरकार बच्चों के लिए भी और बड़े लोगों के लिए भी तैयारी कर रही है। कोरोना की दूसरी लहर अप्रत्याशित थी, किसी भी एजेंसी ने पहले नहीं कहा कि कोई भी लहर इतनी तेजी से दोबारा से आ सकती है। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि दिल्ली में करीब 27 हजार बेड में से 13 हजार बेड खाली हैं। आईसीयू के साढ़े छह हजार बेड़ में से 1200 बेड खाली हैं।


सत्येंद्र जैन ने कहा कि दिल्ली के अंदर काफी ग्रामीण क्षेत्र हैं। पहली लहर के अंदर वहां पर काफी ज्यादा कोरोना के मामले नहीं थे, जबकि इस बार देखने में आया कि वहां काफी मामले आए हैं। इसीलिए दिल्ली सरकार ने सबसे ज्यादा जांच ग्रामीण क्षेत्रों में की है। एक दिन में दस हजार से 12 हजार लोगों की जांच कर रहे थे। अब पिछले चार-पांच दिनों से स्थिति में काफी सुधार आया है और अब वहां की संक्रमण दर काफी कम हो गई है।

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