हरियाणा के यमुनानगर में मजदूरों के सब्र का बांध टूटा, घर जाने को लेकर सड़क पर उतरे,पुलिस ने दौड़ा-दौड़ा कर पीटा

हरियाणा के यमुनानगर में सोमवार को मजदूरों के सब्र का बांध टूट गया। घर जाने की मांग को लेकर सैंकड़ों की तादाद में मजदूर सड़क पर उतर आए। रोड जाम कर दिया। हालात ऐसे बने कि इन मजदूरों को पुलिस की लाठियां खानी पड़ीं।

फोटो : सोशल मीडिया
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धीरेंद्र अवस्थी

अब सरकार के रोजाना दिलाए जा रहे यकीन पर भी मजदूरों का भरोसा उठ गया है। जाहिर है, 40 दिन के लॉकडाउन के बाद यह मजदूर किसी भी हालत में अपने घर पहुंचना चाह रहे हैं। मजदूरों को उम्‍मीद थी कि 3 मई के बाद शायद लॉकडाउन खत्‍म हो जाएगा और सरकार उनके लिए कुछ बंदोबस्‍त करेगी, लेकिन ऐसा हुआ नहीं।

उत्‍तर प्रदेश से सटे हरियाणा के यमुनानगर में यह मजदूर जिंदगी की दुश्‍वारियों से तंग आकर सड़क पर उतर गए। इन मजदूरों की संख्‍या सैकड़ों में बताई जा रही है। यह किसी भी हालत में घर जाने की मांग पर अड़े थे। प्रशासन के यह समझाने के बावजूद कि उन्‍हें घर भेजने के लिए बसें और ट्रेनें भेजीं जाएंगी, मजदूर मानने के लिए तैयार नहीं थे। मजदूर जोडिया इंडस्ट्री के बताए जा रहे हैं। उन्होंने एसके रोड को जाम कर दिया। मौके पर पहुंची पुलिस पर पथराव भी हुआ, जिसके बाद मजदूरों को दौड़ा-दौड़ा कर पीटा गया। कई मजदूरों के हिरासत में लेने की खबर है।

जानकारी के मुताबिक जोडिया इंडस्ट्री एरिया में बड़ी संख्‍या में मजदूर रुके हुए हैं। यह लॉकडाउन में अपने घर नहीं जा सके। मजदूरों का कहना था कि वह अपने घर जाना चाहते हैं, लेकिन सरकार और प्रशासन ने कोई इंतजाम नहीं किया, इसीलिए उन्‍हें सड़क पर उतरना पड़ा।

सरकार के इन दावों के क्‍या मायने हैं

उधर, हरियाणा सरकार ने सोमवार को एक बार फिर दोहराया कि राज्‍य में फंसे बिहार, झारखंड तथा मध्य प्रदेश के मजदूरों को शीघ्र उनके गृह राज्यों में सुरक्षित और व्यवस्थित ढंग से विशेष श्रमिक रेलगाडिय़ों के माध्यम से नि:शुल्क भेजा जाएगा। अब सरकार कह रही है कि घर जाने के इच्‍छुक मजदूरों को पोर्टल पर अपना नाम दर्ज करवाना होगा। सरकार की कागजी व्‍यवस्‍थाएं कम पढ़े लिखे इन मजदूरों की समझ से बाहर हैं। लिहाजा, मजबूरन उन्‍हें सड़क पर उतरना पड़ रहा है।

सरकार कह रही है कि शेष राज्यों के प्रवासी मजदूरों की संख्या हरियाणा में कम है, इसलिए नई दिल्ली से विशेष ट्रेनों के माध्यम से उनकी वापसी सुनिश्चित की जाएगी। इसके अलावा, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, पंजाब, उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश के सीमावर्ती राज्यों के खेतिहर मजदूरों को बसों के माध्यम से उनके घर भेजने की व्यवस्था भी की जा रही है।


गृह विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव विजय वर्धन ने प्रवासी मजदूरों से अपील की है कि वे जहां है, वहीं रहें और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें। सरकार द्वारा उन्हें भेजने की पूर्ण व्यवस्था की जा रही है। इसी कड़ी में हरियाणा सरकार ने अन्य राज्यों के साथ समन्वय स्थापित करने के लिए विभिन्न नोडल अधिकारी भी नामित किए हैं।

एक सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि ऐसे सभी प्रवासी लोगों को सरकार द्वारा ई-दिशा पोर्टल पर सृजित वेब पेज पर अपना पंजीकरण करवाना होगा। प्रवक्ता ने बताया कि कोविड-19 के कारण देशभर में लगे लॉकडाउन के दौरान विभिन्न राज्यों में फंसे हरियाणा के लोगों और हरियाणा में फंसे अन्य राज्यों के लोगों की सुचारू आवाजाही सुनिश्चित करने के लिए हरियाणा सरकार ने मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) जारी की है। लेकिन लाख टके का सवाल यही है कि अपना रोजगार गंवाने के बाद दो वक्‍त के खाने तक के लिए भटक रहे इन मजदूरों के लिए व्‍यवस्‍थाओं की इतनी लंबी फेहरिस्‍त के मायने क्‍या हैं।

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