लखीमपुर हिंसा: सड़कों पर उतरी उत्तराखंड कांग्रेस, पूर्व CM हरीश रावत गिरफ्तार, कहा- इस्तीफा दे 'हत्यारी सरकार'

लखीमपुर में किसानों की हत्या और उनके साथ हुई क्रूरता का विरोध करते हुए सोमवार को हरीश रावत समेत सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने देहरादून एसएसपी कार्यालय पहुंचकर अपनी गिरफ्तारी दी।

फोटो: सोशल मीडिया
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नवजीवन डेस्क

उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में किसानों की मौत के बाद से देश भर में अलग अलग जगहों पर किसान संगठन और विपक्ष सरकार के खिलाफ सड़कों पर उतर गया है। एक ओर जहां कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी को यूपी पुलिस ने हिरासत में लिया, वहीं दूसरी ओर उत्तराखंड के पूर्व सीएम हरीश रावत को भी दून पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है।

आपको बता दें, लखीमपुर में किसानों की हत्या और उनके साथ हुई क्रूरता का विरोध करते हुए सोमवार को हरीश रावत समेत सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने देहरादून एसएसपी कार्यालय पहुंचकर अपनी गिरफ्तारी दी। इस दौरान मौके पर भारी पुलिस फोर्स तैनात रही। खबर है कि इस दौरान पुलिस ने प्रदर्शनकारियों के साथ धक्का मुक्की भी की। एसएसपी कार्यालय पहुंचकर हरीश रावत ने दोषियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की मांग भी की। इससे पहले प्रदर्शनकारियों ने घंटाघर में पुतला भी फूंका।

हरीश रावत ने कहा कि "यह एक शर्मनाक घटना है। इस हत्यारी सरकार (यूपी सरकार) को इस्तीफा देना चाहिए और केंद्रीय मंत्री को हटाया जाना चाहिए। जिम्मेदार लोगों को गिरफ्तार किया जाना चाहिए।

उधर, किसानों के आगे योगी सरकार झुक गई है। योगी सरकार ने किसानों की मांगों को मान लिया है। बताया जा रहा है कि किसानों औ प्रशासन के बीच सहमति बनी है। एडीजी लॉ एंड आर्डर प्रशांत कुमार ने जानकारी देते हुए बताया कि सरकार की तरफ से 45-45 लाख रुपए का मुआवजा और किसान बिमा से पांच-पांच लाख रुपये दिए जाएंगे। इसके साथ ही परिवार के एक सदस्य को उसकी योग्यता के अनुसार नौकरी दी जाएगी। इसके अलावा घायलों को 10-10 लाख रुपये की मदद दी जाएगी।

इसके अलावा किसानों की तहरीर पर मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई की जाएगी। इसके अलावा पूरे मामले की हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज से न्यायिक जांच भी की जाएगी। एडीजी प्रशांत कुमार ने 8 दिन के अन्दर दोषियों की गिरफ्तारी का भरोसा दिया है।एडीजी प्रशांत कुमार ने बताया है कि दोषियों के खिलाफ केस दर्ज हो गया है, जांच जारी है। किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा।

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