दिल्ली पर बढ़ा कोरोना का खतरा: राष्ट्रीय राजधानी का 80 फीसदी हिस्सा रेड ज़ोन में

देश की राजधानी दिल्ली का 80 फीसदी इलाका कोरोना रेड जोन घोषित कर दिया गया है, यानी लगभग पूरी दिल्ली कोरोना संक्रमण के फैलाव के दायरे में आ गई है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने दिल्ली के 11 में से 8 जिलों को रेड जोन घोषित कर दिया।

फोटो : Getty Images
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नवजीवन डेस्क

कोरोना वायरस का प्रसार रोकने के लिए तमाम जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं और लॉकडाउन का विस्तार इसीलिए किया गया है। इस दौरान राजधानी दिल्ली में करीब एक सप्ताह बाद कोरोना वायरस संक्रमित लोगों की संख्या में गिरावट नजर आई है। बुधवार को दिल्ली में कुल 17 नए मरीज सामने आए जबकि दो लोगों की मौत हुई। दिल्ली में अब तक कोरोना से 32 लोगों की मौत हो चुकी है। दिल्ली में कोरोना संक्रमितों की कुल संख्या 1,578 है।

लेकिन खतरे वाली बात यह है कि दिल्ली में रेड जोन बढ़ते जा रहे रहे हैं। देश में दिल्ली एकमात्र राज्य है, जिसका 80 फीसदी क्षेत्र रेड जोन के दायरे में आता है। बुधवार को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने राजधानी के 11 में से 9 जिले रेड जोन के तहत घोषित किए हैं। इन जिलों में बनाए कंटेनमेंट जोन के साथ-साथ अन्य स्थानों पर भी नए मरीज सामने नहीं आते हैं तो भी दिल्ली को कोरोना से जंग जीतने में कम से कम एक महीना लगेगा।

मंत्रालय के अनुसार, दिल्ली के दक्षिण, दक्षिण पूर्वी, शाहदरा, उत्तरी, पश्चिमी, सेंट्रल, नई दिल्ली, पूर्वी, दक्षिणी पश्चिमी जिले रेड जोन में हैं। यहां कोरोना संक्रमण की दर काफी ज्यादा है। इन जिलों में अब तक दोगुनी रफ्तार में केस मिलते आए हैं। इनके अलावा, उत्तर पश्चिमी जिले को हॉटस्पॉट घोषित किया गया है, लेकिन वहां कोरोना के कुछ ही केस मिले हैं।

उत्तरी पूर्वी जिले को नॉन हॉटस्पॉट में रखा गया है। हालांकि वहां एहतियात के तौर पर कलस्टर जोन बनाए गए हैं। बाकी दो जिलों में कोरोना वायरस के 15 से कम मरीज होने के चलते उन्हें नॉन हॉटस्पॉट वर्ग में रखा गया है। वहां के जिला प्रशासन कंटेनमेंट जोन की पद्घति पर ही काम करेंगे। इसका मतलब यह है कि दिल्ली का कोई भी जिला ग्रीन जोन में शामिल नहीं है।

इस बीच दिल्ली स्वास्थ्य विभाग ने भी बताया कि बुधवार तक राजधानी में 56 कंटेनमेंट जोन घोषित किए जा चुके हैं। इन स्थानों पर मंत्रालय से मिली गाइडलाइन के अनुसार काम किया जा रहा है। स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव कुमार अग्रवाल के अनुसार, कोई जिला रेड जोन है तो उसे तब तक ग्रीन घोषित नहीं किया जा सकता, जब तक वहां स्थिति नियंत्रण में नहीं आए। रेड जोन जिले में कंटेनमेंट प्लान एक्टिव होने के 14 दिन तक कोई केस सामने नहीं आता है तो उसे ऑरेंज जोन में शामिल कर दिया जाएगा। अगले 14 दिन तक ऑरेंज जोन में कोरोना केस नहीं मिलता है तो उसे ग्रीन जिला घोषित कर दिया जाएगा। यानी रेड से ग्रीन जोन में आने में दिल्ली को 28 दिन का समय लगेगा, बशर्ते वहां कोई नया मरीज सामने नहीं आए।

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