दिल्ली की हवा फिर हुई जानलेवा, गंभीर श्रेणी में पहुंची वायु गुणवत्ता, सीएम ने शीतकालीन योजना की घोषणा की

केजरीवाल ने कहा कि पराली जलाने से होने वाला वायु प्रदूषण बड़ी चिंता का विषय है। उन्होंने कहा कि पूसा संस्थान के तैयार बायो डीकंपोजर किसानों को मुफ्त दिया जाएगा और 6 अक्टूबर को धूल विरोधी अभियान चलाया जाएगा। साथ ही 586 टीमों द्वारा सक्रिय निगरानी की जाएगी।

फाइल फोटोः सोशल मीडिया
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नवजीवन डेस्क

पराली जलाने के मौसम की शुरूआत के साथ ही दिल्ली की वायु गुणवत्ता फिर से खतरनाक होने लगी है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार शुक्रवार को दिल्ली का समग्र वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 154 दर्ज किया गया। इस बीच, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शुक्रवार को वायु प्रदूषण पर अंकुश लगाने के लिए 15 सूत्रीय शीतकालीन कार्य योजना की घोषणा की।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आंकड़ों के अनुसार शुक्रवार को दिल्ली के आनंद विहार में वायु गुणवत्ता 432 दर्ज की गई जो गंभीर श्रेणी में आती है, जबकि आईटीओ में 232 एक्यूआई के साथ यह खराब श्रेणी में रही। वहीं राजधानी का एक्यूआई गुरुवार को 141 (मध्यम) और बुधवार को 118 (मध्यम) दर्ज किया गया था।


इस बीच, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शुक्रवार को वायु प्रदूषण पर अंकुश लगाने के लिए 15 सूत्रीय शीतकालीन कार्य योजना की घोषणा की। केजरीवाल ने कहा कि सर्दियों का आगमन तय है और हम अक्सर देखते हैं कि सर्दियों के आने पर प्रदूषण का स्तर बढ़ जाता है। दिल्ली सरकार ने कई एजेंसियों के परामर्श से शहर में वायु प्रदूषण को कम करने के लिए कमर कस ली है।

केजरीवाल ने कहा कि पराली जलाने से होने वाला वायु प्रदूषण सबसे बड़ी चिंता का विषय बना हुआ है। केजरीवाल ने कहा कि पूसा संस्थान द्वारा तैयार बायो डीकंपोजर किसानों को मुफ्त में दिया जाएगा। दूसरा, 6 अक्टूबर को धूल विरोधी अभियान चलाया जाएगा। साथ ही 586 टीमों द्वारा सक्रिय निगरानी की जाएगी।

साथ ही सीएम केजरीवाल ने कहा कि वाहनों से होने वाले प्रदूषण के लिए पीयूसी नीति को लागू करने की जांच के लिए करीब 380 टीमों का गठन किया गया है। मुख्यमंत्री केजरीवाल ने कहा कि पिछले साल की तरह इस साल भी दिल्ली में पटाखों पर प्रतिबंध रहेगा।

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