6 मार्च से ‘दिल्ली चलो’ और फिर 10 मार्च को ‘रेल रोको’ आंदोलन, किसान नेताओं ने आंदोलन के नए चरण का ऐलान किया

दोनों किसान मंचों ने फैसला किया कि पंजाब और हरियाणा के किसान शंभू और खनौरी बॉर्डर पर चल रहे आंदोलन को जारी रखेंगे। उन्होंने आह्वान किया कि अन्य राज्यों के किसान और मजदूर मांगों के समर्थन में राजधानी में विरोध प्रदर्शन के लिए 6 मार्च को दिल्ली पहुंचें।

6 मार्च से ‘दिल्ली चलो’ और फिर 10 मार्च को ‘रेल रोको’ आंदोलन, किसान नेताओं का ऐलान
6 मार्च से ‘दिल्ली चलो’ और फिर 10 मार्च को ‘रेल रोको’ आंदोलन, किसान नेताओं का ऐलान
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पीटीआई (भाषा)

किसान नेता सरवन सिंह पंधेर और जगजीत सिंह डल्लेवाल ने किसानों की विभिन्न मांगों को लेकर रविवार को अहम फैसला लेते हुए देश भर के किसानों से विरोध प्रदर्शन के लिए 6 मार्च को दिल्ली पहुंचने का आह्वान किया। इसके साथ किसानों ने अपनी मांगों के समर्थन में 10 मार्च को चार घंटे के देशव्यापी ‘रेल रोको’ अभियान का भी आह्वान किया।

दोनों किसान नेताओं ने कहा कि मौजूदा प्रदर्शन स्थलों पर किसानों का आंदोलन तेज किया जाएगा और तब तक जारी रहेगा जब तक सरकार उनकी मांगें पूरी नहीं कर लेती। दोनों किसान नेताओं ने पंजाब-हरियाणा की सीमा पर स्थित खनौरी ‘बॉर्डर’ पर 21 फरवरी को पुलिस के साथ झड़प के दौरान मारे गए किसान शुभकरण के बठिंडा जिले में स्थित पैतृक गांव बलोह में प्रेस को संबोधित करते हुए ये ऐलान किया।

किसान मजदूर मोर्चा (केएमएम) सरकार पर अपनी मांगों को स्वीकार करने के लिए दबाव बनाने के लिए ‘दिल्ली चलो’ मार्च का नेतृत्व कर रहा है। इसमें शामिल किसान केंद्र से फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गारंटी, कृषि ऋण माफी सहित विभिन्न मांग कर रहे हैं।

दोनों किसान मंचों ने फैसला किया कि पंजाब और हरियाणा के किसान शंभू और खनौरी बॉर्डर पर चल रहे आंदोलन का समर्थन करना जारी रखेंगे। उन्होंने आह्वान किया कि अन्य राज्यों के किसान और खेतिहर मजदूर उनकी मांग के समर्थन में राष्ट्रीय राजधानी में विरोध प्रदर्शन के लिए 6 मार्च को दिल्ली पहुंचें।


पंधेर ने बलोह में जनसभा को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘दूर-दराज के राज्यों के किसान, जो ट्रैक्टर ट्रॉली पर नहीं पहुंच सकते, उन्हें ट्रेन और परिवहन के अन्य साधनों से दिल्ली की ओर रवाना होना चाहिए। इससे यह भी स्पष्ट हो जाएगा कि क्या सरकार उन किसानों को प्रवेश की अनुमति देती है जो बिना ट्रैक्टर ट्रॉली के जाएंगे।’’ उन्होंने कहा, ‘‘शंभू और खनौरी में आंदोलन पहले की तरह जारी रहेगा और इसे और तेज किया जाएगा। मांगें पूरी होने तक हमारा आंदोलन जारी रहेगा।’’

पंधेर ने कहा कि इस आंदोलन को देश भर में फैलाने के लिए दोनों मंचों ने देश भर के किसानों और मजदूरों से आह्वान किया है कि सरकार पर उनकी मांगों के लिए दबाव बनाने के वास्ते 10 मार्च को दोपहर 12 बजे से शाम चार बजे तक देश में ‘रेल रोको’ विरोध प्रदर्शन करें। पंधेर ने कहा कि पंजाब की सभी पंचायतों को किसानों की मांगों के समर्थन में एक प्रस्ताव पारित करना चाहिए और हर गांव से एक ट्रैक्टर ट्रॉली विरोध प्रदर्शन वाले सीमा बिंदुओं पर पहुंचनी चाहिए।

उन्होंने कहा कि केंद्र ने पहले कभी भी किसान आंदोलन में ड्रोन का इस्तेमाल नहीं किया था जैसा कि हरियाणा पुलिस ने हाल ही में किया है। उन्होंने कहा कि हरियाणा के अधिकारियों ने शंभू और खनौरी सीमा पर अवरोधक लगा दिए हैं और पंजाब-हरियाणा सीमा को अंतरराष्ट्रीय सीमा जैसा बना दिया है। पंधेर ने कहा कि केंद्र ने उनके ‘दिल्ली चलो’ मार्च को रोकने के लिए सभी हथकंडे अपनाए।

उन्होंने कहा, ‘‘केंद्र यह धारणा बनाने की कोशिश कर रहा है कि मौजूदा आंदोलन पंजाब तक ही सीमित है और इसका केवल दो मंच नेतृत्व कर रहे हैं। लेकिन हम यह स्पष्ट करना चाहते हैं कि देश के 200 से अधिक संगठन दोनों मंचों का हिस्सा हैं।’’ केंद्र पर किसानों के मुद्दे को हल नहीं करने का आरोप लगाते हुए पंधेर ने बीजेपी पर चुनाव जीतने के लिए विभाजनकारी राजनीति करने का भी आरोप लगाया। उन्होंने दावा किया, ‘‘किसान और खेतिहर मजदूर उनके एजेंडे में नहीं हैं।’’ डल्लेवाल ने कहा, ‘‘हमें अपनी आखिरी सांस तक लड़ना होगा और हम मांगें पूरी होने तक लड़ेंगे।’’

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