जमानत की शर्त: CAA के बारे में सोच बदलो, थानेदार दूर करेंगे शक!

नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ हुए प्रदर्शन के दौरान गिरफ्तार लोगों को जमानत देते हुए कोर्ट ने कुछ शर्तें लगाईं हैं। लेकिन इन शर्तों में एक शर्त ऐसा है जिस पर सवाल उठ रहे हैं। दरअसल कोर्ट ने कहा है कि सभी आरोपियों को 19 जनवरी को दोपहर 2 से 4 बजे के बीच सीमापुरी थाने में पेश होना होगा।

फोटो: सोशल मीडिया
फोटो: सोशल मीडिया
user

नवजीवन डेस्क

राजधानी दिल्ली के सीमापुरी और जाफराबाद में नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के खिलाफ हुए प्रदर्शन के दौरान गिरफ्तार 12 लोगों को कड़कड़डूमा कोर्ट से जमानत मिल गई। कड़कड़डूमा कोर्ट ने इन सभी को 20 हजार रुपये के निजी मुचलके पर रिहा करने का आदेश दिया है। कोर्ट ने सभी को कुछ शर्तों के साथ जमानत दी है। बता दें कि इससे पहले गुरुवार को दरियागंज हिंसा मामले में भी सभी 15 आरोपियों को तीस हजारी कोर्ट ने जमानत दे थी।

नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ हुए प्रदर्शन के दौरान गिरफ्तार लोगों को जमानत देते हुए कोर्ट ने कुछ शर्तें लगाईं हैं। लेकिन इन शर्तों में एक शर्त ऐसा है जिस पर सवाल उठ रहे हैं। दरअसल कोर्ट ने कहा है कि सभी आरोपियों को 19 जनवरी को दोपहर 2 से 4 बजे के बीच सीमापुरी थाने में पेश होना होगा। इतना ही नहीं थाने में उपस्थित एसएचओ और जांच अधिकारी सभी को नागरिकता संशोधन कानून के बारे बताएंगे और इस कानून को लेकर जो भी उनकी आशंकाए हैं उन्हें दूर करेंगे।


जज के इस शर्त को लेकर कई सवाल उठ रहे हैं। सोशल मीडिया पर जमानत के बदले लगाए गए इस शर्त पर काफी चर्चा हो रही है। लोग इसे सोशल मीडिया पर शेयर कर रहे हैं और कह रहे हैं, ‘वाह! जमानत की शर्तों में से एक यह है कि क्या उन्हें पुलिस स्टेशन जाना होगा, जहां उन्हें दिल्ली पुलिस उबताएगी कि सीएए के बारे में कैसे सोचा जाए? हम सभी ने देखा है कि दिल्ली पुलिस "लोगों" को बताती है कि कैसे सोचना है।’

बता दें कि आज (शुक्रवार) नागरिकता संशोधन एक्ट (CAA) के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान गिरफ्तार 12 लोगों को कड़कड़डूमा कोर्ट से जमानत मिल गई। कोर्ट ने दर्जनों लोगों को जमानत देते हुए कुछ शर्तें भी लगाई। कोर्ट ने कहा है कि सभी आरोपी जांच और सबूत से जुड़े किसी भी गवाह या दस्तावेज के साथ छेड़छाड़ नहीं करेंगे। जांच में पूरा सहयोग करेंगे और जब भी पुलिस अधिकारी बुलाएंगे उनके सामने पेश होंगे। कोर्ट ने सभी आरोपियों को हिदायत दी है कि पब्लिक प्लेस में शांति भंग करने की कोई कोशिश नहीं करेंगे। इसके अलावा जांच अधिकारी को अपना पता और मोबाइल नंबर उपलब्ध कराएंगे। लेकिन कोर्ट ने जो आखिरी शर्त रखी है उस पर सवाल उठ रहे हैं।

Google न्यूज़नवजीवन फेसबुक पेज और नवजीवन ट्विटर हैंडल पर जुड़ें

प्रिय पाठकों हमारे टेलीग्राम (Telegram) चैनल से जुड़िए और पल-पल की ताज़ा खबरें पाइए, यहां क्लिक करें @navjivanindia