उपहार अग्निकांड में अदालत ने अंसल बंधुओं को रिहा किया, 2.25 करोड़ रुपये का जुर्माना रखा बरकरार

जिला न्यायाधीश धर्मेश शर्मा ने अंसल बंधुओं की याचिका पर यह फैसला सुनाया। सुनवाई के दौरान, अदालत में सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता और उपहार त्रासदी के पीड़ितों के संघ- एवीयूटी की अध्यक्ष नीलम कृष्णमूर्ति भावुक हो गईं।

फोटोः सोशल मीडिया
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नवजीवन डेस्क

दिल्ली की एक अदालत ने मंगलवार को उपहार सिनेमा आग त्रासदी घटना से जुड़े सबूतों से छेड़छाड़ मामले में जेल की सजा काट चुके रियल एस्टेट कारोबारी सुशील अंसल और गोपाल अंसल को रिहा करने का आदेश दिया। हालांकि, कोर्ट ने 2.25 करोड़ रुपये का जुर्माना बरकरार रखा है।

जिला न्यायाधीश धर्मेश शर्मा ने अपील में उनके बुढ़ापे वाले तर्क पर ध्यान दिया। कोर्ट ने मामले के सह आरोपी अनूप सिंह को सोमवार को जमानत दे दी थी। सुनवाई के दौरान, याचिकाकर्ता और उपहार त्रासदी के पीड़ितों के संघ (एवीयूटी) की अध्यक्ष नीलम कृष्णमूर्ति अदालत में भावुक हो गईं।


इससे पहले, एवीयूटी का प्रतिनिधित्व करने वाले वरिष्ठ अधिवक्ता विकास पाहवा ने प्रस्तुत किया कि अंतिम वांछित परिणाम केवल दस्तावेजों और अदालती रिकॉर्ड से छेड़छाड़ तक ही सीमित नहीं था।

8 नवंबर 2021 को पटियाला हाउस कोर्ट के मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट पंकज शर्मा ने सबूतों से छेड़छाड़ मामले में दोनों पर 2.25 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाने के अलावा सात साल कैद की सजा सुनाई थी। 13 जून 1997 को, हिंदी फिल्म बॉर्डर की स्क्रीनिंग के बीच दक्षिण दिल्ली के ग्रीन पार्क में स्थित उपहार सिनेमा में आग लग गई थी, जिसमें 59 लोग मारे गए थे।

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