दिल्लीः कोर्ट ने सिसोदिया को 7 दिन के लिए ED की रिमांड में भेजा, जमानत पर 21 मार्च तक सुनवाई टली

सुनवाई के दौरान ईडी ने यह कहते हुए सिसोदिया की 10 दिन की रिमांड मांगी कि उन्हें पूरे घोटाले की कार्यप्रणाली का पता लगाना है। केंद्रीय एजेंसी ने तर्क दिया कि सिसोदिया ने सबूत नष्ट कर दिए हैं और एक साल के भीतर 14 फोन नष्ट करके बदले गए हैं।

फोटोः IANS
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नवजीवन डेस्क

दिल्ली की एक अदालत ने शुक्रवार को आबकारी नीति मामले में गिरफ्तार आम आदमी पार्टी (आप) के नेता मनीष सिसोदिया को 7 दिन की ईडी की हिरासत में भेज दिया। ईडी ने कोर्ट से 10 दिन की रिमांड मांगी थी। इसके साथ ही कोर्ट ने सिसोदिया की जमानत अर्जी को 21 मार्च को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया है। आबकारी नीति से जुड़े धन शोधन के एक मामले में सीबीआई ने 26 फरवरी को सिसोदिया को गिरफ्तार किया था, इसके बाद गुरुवार को ईडी ने भी इसी मामले में उन्हें गिरफ्तार कर लिया।

राउज एवेन्यू कोर्ट के विशेष सीबीआई न्यायाधीश एमके नागपाल को भी आज सिसोदिया की जमानत याचिका पर सुनवाई करनी थी, जो समय की कमी के कारण नहीं कर सके। सुनवाई के दौरान ईडी ने यह कहते हुए सिसोदिया की 10 दिन की हिरासत की मांग की कि उन्हें पूरे घोटाले की कार्यप्रणाली का पता लगाना है। रेस्तरां एसोसिएशन और सिसोदिया के बीच हुई बैठकों का हवाला देते हुए ईडी ने आरोप लगाया कि शराब पीने और अन्य चीजों की कानूनी उम्र को कम करने जैसी आबकारी नीति में रेस्तरां को छूट दी गई थी।


इसके अलावा केंद्रीय एजेंसी ने तर्क दिया कि सिसोदिया ने सबूत नष्ट कर दिए हैं। एजेंसी ने दावा किया कि एक साल के भीतर 14 फोन नष्ट करके बदले गए हैं। ईडी के वकील ने कहा कि सिसोदिया ने दूसरों द्वारा खरीदे गए फोन और सिम कार्ड जो उनके नाम पर नहीं हैं, का इस्तेमाल किया है ताकि वह बाद में इसे बचाव के रूप में इस्तेमाल कर सकें। यहां तक कि उनके द्वारा इस्तेमाल किया गया फोन भी उनके नाम पर नहीं है।

ईडी ने आरोप लगाया कि सिसोदिया शुरू से ही टालमटोल करते रहे हैं। सिसोदिया की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता दयान कृष्णन ने कहा कि उन्हें आज जमानत के लिए बहस करनी थी और उन्हें ईडी द्वारा एक बार भी नहीं बुलाया गया। वरिष्ठ अधिवक्ता मोहित माथुर ने भी सिसोदिया का प्रतिनिधित्व किया और कहा कि इन दिनों यह केवल एक फैशन है कि एजेंसियां गिरफ्तारी को अधिकार के रूप में लेती हैं। उन्होंने तर्क दिया कि अब समय आ गया है कि अदालतें इस अधिकार पर कड़ी कार्रवाई करें जो उन्हें लगता है कि उनके पास है।

सिसोदिया के एक अन्य वरिष्ठ अधिवक्ता सिद्धार्थ अग्रवाल ने तर्क दिया कि हमारे देश और हमारी राजनीति में यह कहना इतना आसान है कि हम एक मकसद से पैसा ले रहे हैं। क्या इस आधार पर सलाखों के पीछे डाला जा सकता है? यदि ऐसा किया जाता है, तो धारा 19 पीएमएलए बेमानी हो जाएगा। उन्होंने कहा कि कानून यह है कि यदि गिरफ्तारी के लिए बनाए गए कानून का पालन नहीं किया जाता है, तो गिरफ्तारी अवैध होगी।

वहीं, ईडी के वकील जोहेब हुसैन ने तर्क दिया कि हम रिमांड के चरण में हैं। कृपया देखें कि हमारे पास आरोपियों के खिलाफ क्या है। वे कहते हैं कि नीति कार्यपालिका का मामला है, अगर ऐसा होता तो हमारे पास कोयला घोटाला या 2 जी घोटाला नहीं होता। सिसोदिया अभी तक की जांच में सहयोग नहीं कर रहे हैं। उनसे अभी कई बातों पर पूछताछ की जानी है, इसलिए रिमांड जरूरी है।


रिपोर्ट के अनुसार, आज राउज एवेन्यू कोर्ट परिसर के भीतर और बाहर भारी सुरक्षा व्यवस्था थी। आप के समर्थकों ने अदालत परिसर के बाहर धरना दिया और सिसोदिया के समर्थन में नारे लगाए, जबकि बीजेपी के समर्थकों ने इस मामले को लेकर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के इस्तीफे की मांग करते हुए विरोध प्रदर्शन किया। 6 मार्च को जस्टिस नागपाल ने सिसोदिया को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया था, जिसके बाद उन्हें तिहाड़ जेल में रखा गया है।

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Published: 10 Mar 2023, 5:57 PM