ऑक्सीजन संकट! HC का केंद्र से सवाल- दिल्ली को कब मिलेगा 480 मेट्रिक टन ऑक्सीजन, एक निश्चित तारीख बताए सरकार

दिल्ली सरकार की ओर से पेश हुए वरिष्ठ वकील राहुल मेहरा ने HC से कहा कि दिल्ली को 480 मीट्रिक टन ऑक्सीजन का आवंटन जल्द किया जाए। इस पर कोर्ट ने केंद्र सरकार से पूछा है कि दिल्ली में 480 मीट्रिक टन ऑक्सीजन का आवंटन किया जाएगा।

फोटो: Getty Images
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नवजीवन डेस्क

देश की राजधानी के कई अस्पतालों में ऑक्सीजन की कमी के चलते हाहाकार मचा हुआ है। इन सबके बीच एक और अस्पताल हाईकोर्ट पहुंच गया है। कोरोना के दौरान ऑक्सीजन की कमी के चलते मरीजों की सांसों पर आए संकट को देखते हुए दिल्ली के महाराजा अग्रसेन अस्पताल ने जल्द से जल्द ऑक्सीजन दिलाने के लिए दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर की है। आपको बता दें, जस्टिस विपिन सांघी और जस्टिस रेखा पल्ली की बेंच ने इस मामले की सुनवाई की।

सुनवाई के दौरान दिल्ली सरकार की ओर से पेश हुए वरिष्ठ वकील राहुल मेहरा ने हाईकोर्ट से कहा कि जो कुछ भी चल रहा है, हम उसे संभालने की कोशिश कर रहे हैं, हम ऑक्सीजन की आपूर्ति करेंगे, हालांकि, हम हवा से ऑक्सीजन नहीं बना सकते हैं। हाईकोर्ट ने दिल्ली सरकार से कहा कि जिम्मेदारी उन पर भी आती है। इस दौरान हाईकोर्ट ने दिल्ली सरकार से ऑक्सीजन प्लांट स्थापित करने को कहा है।

वकील राहुल मेहरा ने दिल्ली हाईकोर्ट से कहा कि दिल्ली को 480 मीट्रिक टन ऑक्सीजन का आवंटन जल्द किया जाए। उन्होंने कहा कि अगर हम व्यवस्था को क्रम में नहीं रखेंगे तो पूरी व्यवस्था ध्वस्त हो जाएगी। राहुल मेहरा ने हाईकोर्ट को सूचित किया कि हमारे कोटा 480 मीट्रिक टन के बावजूद शुक्रवार को दिल्ली को लगभग 296 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की आपूर्ति हुई थी। उन्होंने यह भी कहा कि अगर हमें 480 मीट्रिक टन आवंटित ऑक्सीजन नहीं मिली तो 24 घंटे में पूरी फंक्शनिंग ठप हो जाएगी।

इस पर दिल्ली हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार से पूछा है कि दिल्ली में 480 मीट्रिक टन ऑक्सीजन का आवंटन कब किया गया है। कोर्ट का कहना है कि दिल्ली को ऑक्सीजन की सुचारू और पूर्ण रूप से आवंटित आपूर्ति कई समस्याओं को हल कर सकती है। हाईकोर्ट ने कहा कि अगर कोई ऑक्सीजन की आपूर्ति रोकता है तो हम उसे नहीं बख्शेंगे।

गौरतलब है कि दिल्ली हाईकोर्ट ने शुक्रवार को राजधानी के सभी अस्पतालों को निर्देश दिया था कि वो ऑक्सीजन की जरूरतों के लिए केंद सरकार की ओर से नियुक्त नोडल अधिकारियों से संपर्क करें। केन्द्र सरकार की ओर से ऑक्सीजन सुनिश्चित करने के लिए एक नियंत्रण कक्ष स्थापित किए जाने के बारे में कोर्ट को सूचित किए जाने के बाद यह फैसला आया।

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