DUSU चुनाव में जीत के बाद जुलूस नहीं निकाल पाएंगे विजयी उम्मीदवार, दिल्ली हाईकोर्ट ने प्रतिबंध लगाया
मुख्य न्यायाधीश डी के उपाध्याय और न्यायमूर्ति तुषार राव गेडेला की पीठ ने कहा कि अदालत चुनाव में हस्तक्षेप नहीं कर रही है लेकिन अगर चुनाव ‘संतोषजनक क्रम’ में नहीं हुए तो दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ के पदाधिकारियों के कामकाज पर रोक लगाई जा सकती है।

दिल्ली हाई कोर्ट ने 19 सितंबर को दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ (डूसू) चुनाव के नतीजों के बाद उम्मीदवारों और छात्र संगठनों द्वारा राष्ट्रीय राजधानी के किसी भी हिस्से में विजय जुलूस निकालने पर प्रतिबंध लगा दिया है। बुधवार को मुख्य न्यायाधीश डी के उपाध्याय और न्यायमूर्ति तुषार राव गेडेला की पीठ ने कहा कि अदालत चुनाव में हस्तक्षेप नहीं कर रही लेकिन अगर चुनाव ‘संतोषजनक क्रम’ में नहीं हुए तो दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ के पदाधिकारियों के कामकाज पर रोक लगाई जा सकती है।
हाईकोर्ट की पीठ ने कहा, “हम चुनाव में हस्तक्षेप नहीं कर रहे लेकिन अगर चुनाव संतोषजनक क्रम में नहीं हुए तो हम पदाधिकारियों के कामकाज पर रोक लगा सकते हैं।” पीठ ने दिल्ली पुलिस, डीयू अधिकारियों और नागरिक प्रशासन को निर्देश दिया कि वे डूसू चुनावों के दौरान किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए सभी संभव और स्वीकार्य कदम उठाएं और यह सुनिश्चित करें कि चुनावों के दौरान नियमों का कोई उल्लंघन न हो।
शैक्षणिक सत्र 2025-26 के लिए डूसू चुनाव 18 सितंबर को होंगे और मतगणना 19 सितंबर को की जाएगी। हर बार की तरह इस बार भी डूसू चुनाव में कांग्रेस के छात्र संगठन एनएसयूआई और आरएसएस-बीजेपी के छात्र संगठन एबीवीपी के बीच सीधा और कड़ा मुकाबला है। हालांकि, वामपंथी पार्टियों के छात्र सगठन आईसा और एसएफआई ने गठबंधन कर संयुक्त रूप से उम्मीदवार उतारकर मुकाबले को त्रिकोणीय बनाने की कोशिश की है।
एनएसयूआई ने महिला उम्मीदवार जोसलिन नंदिता चौधरी को अध्यक्ष पद का उम्मीदवार घोषित किया है। एनएसयूआई ने इसे एक ऐतिहासिक कदम बताया है क्योंकि 2008 के बाद से कोई भी महिला इस पद पर नहीं रही है। एनएसयूआई ने उपाध्यक्ष पद के लिए राहुल झांसला, सचिव पद के लिए कबीर और संयुक्त सचिव पद के लिए लवकुश भडाना को उम्मीदवार बनाया है।
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वहीं आरएसएस के छात्र संगठन एबीवीपी ने अध्यक्ष पद के लिए आर्यन मान, उपाध्यक्ष पद के लिए गोविंद तंवर, सचिव पद के लिए कुणाल चौधरी और संयुक्त सचिव पद के लिए दीपिका झा को मैदान में उतारा है। आइसा और एसएफआई ने अंजलि को अध्यक्ष पद का उम्मीदवार बनाया है। गठबंधन ने सोहन कुमार को उपाध्यक्ष, अभिनंदना को सचिव और अभिषेक कुमार को संयुक्त सचिव पद के लिए चुनाव मैदान में उतारा है।
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