दिल्ली पुलिस आयुक्त का दावा- किसान नेताओं ने तोड़ा वादा, किसी को बख्शा नहीं जाएगा, वीडियो मौजूद

दिल्ली पुलिस आयुक्त ने कहा कि हमारा समझौता किसान नेताओं के साथ हुआ था और उन्होंने हमारे साथ धोखा किया, इसलिए उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि हिंसा करने वालों के वीडियो पुलिस के पास मौजूद हैं। किसी को भी नहीं छोड़ा जाएगा।

फोटोः ANI
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नवजीवन डेस्क

गणतंत्र दिवस के दिन मंगलवार को राजधानी दिल्ली में किसान ट्रैक्टर परेड के दौरान हुई हिंसा को लेकर दिल्ली पुलिस आयुक्त एस.एन. श्रीवास्तव ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर जानकारी दी। इस दौरान उन्होंने किसान नेताओं पर वादा तोड़ने का आरोप लगाते हुए कहा कि पुलिस के पास वीडियो मौजूद हैं और जो भी हिंसा में शामिल होगा उसे छोड़ा नहीं जाएगा।

हिंसा के एक दिन बाद मीडिया के सामने आए दिल्ली पुलिस आयुक्त एस.एन.श्रीवास्तव ने बताया कि लाल किले पर झंडा फहराने से लेकर नांगलोई, आईटीओ और अक्षरधाम जैसी कई जगहों पर काफी तोड़फोड़ और हिंसा हुई। दिल्ली के कई स्थानों पर हुई इस हिंसा में 394 से ज्यादा पुलिसकर्मी घायल हुए हैं, जिनमें से कुछ आईसीयू में भी भर्ती में हैं।

पुलिस आयुक्त ने कहा कि किसान नेताओं को कुछ शर्तों के साथ कुंडली, मानेसर, पलवल पर ट्रैक्टर मार्च ट्रैक्टर की मंजूरी दी गई थी। लेकिन किसानों ने तय रूट का उल्लंघन किया और बैरिकेड्स तोड़कर दिल्ली के अंदर घुस गए। किसानों को रैली की जो इजाजत दी गई तो उसमें कहा गया था कि रैली में 5000 से अधिक ट्रैक्टर नहीं होने चाहिए और उनके पास कोई हथियार नहीं होगा। लेकिन किसानों ने पुलिस के निर्देशों का उल्लंघन करते हुए पुलिस बैरिकेड तोड़कर हिंसक घटनाओं को अंजाम दिया।

दिल्ली पुलिस आयुक्त ने कहा कि हमारा समझौता किसान नेताओं के साथ हुआ था और उन्होंने हमारे साथ धोखा किया, इसलिए उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि हिंसा करने वालों के वीडियो पुलिस के पास मौजूद हैं। किसी को भी नहीं छोड़ा जाएगा। किसी भी किसान नेता की संलिप्तता पाई जाती है तो उनके खिलाफ भी कानूनी कार्रवाई होगी। उन्होंने कहा कि गाजीपुर में किसान नेता राकेश टिकैत के साथ जो लोग मौजूद थे उन्होंने भी हिंसा को अंजाम दिया और अक्षरधाम तक गए, जहां कुछ किसानों ने पुलिस बैरिकेड तोड़े और लाल किले पहुंचे।

दिल्ली पुलिस आयुक्त ने दावा किया कि हम दिल्ली में अवैध तरीके से किये गए आंदोलन और उस दौरान हुई हिंसा और लाल किले पर झंडा फहराने की घटना को गंभीरता से ले रहे हैं। हिंसा करने वालों के वीडियो मौजूद हैं, उनका विश्लेषण हो रहा है। श्रीवास्ताव ने कहा कि हमने वही तरीका अपनाया जो सभी के हित में था। किसी की मौत पुलिस के कारण या कार्रवाई में नहीं हुई। हमने बहुत संयम से काम लिया।

दिल्ली पुलिस आयुक्त ने बताया कि हिंसा की घटनाओं को लेकर अब तक 25 से ज्यादा मामले दर्ज किए गए हैं। अभी तक कुल 19 लोगों को हिरासत में लिया गया है और 50 से ज्यादा से पूछताछ की जा रही है। जो लोग भी तोड़फोड़ में थे, उन सबकी पहचान की जा रही है, सभी को गिरफ्तार किया जाएगा। जो भी किसान नेता इसमें शामिल होंगे, उनके खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी।

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