दिल्लीः सौरभ भारद्वाज ने बीजेपी सरकार के 100 दिनों का रिपोर्ट कार्ड जारी किया, लगाए कई आरोप
झुग्गी-झोपड़ी वालों से किए गए वादों को लेकर भी आम आदमी पार्टी ने बीजेपी को घेरा। सौरभ भारद्वाज ने कहा कि 'जहां झुग्गी, वहां मकान' का वादा करके अब उन्हीं झुग्गियों पर बुलडोजर चलवाए जा रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि दिल्ली सरकार चोरी-छिपे फैसले ले रही है।

आम आदमी पार्टी के नेता सौरभ भारद्वाज ने शुक्रवार को दिल्ली की बीजेपी सरकार पर तीखा हमला बोला। उन्होंने बीजेपी सरकार के 100 दिनों को 'असफलताओं से भरा हुआ काल' करार देते हुए एक रिपोर्ट कार्ड जारी किया। उन्होंने कहा कि बीजेपी ने खुद का झूठा रिपोर्ट कार्ड तैयार किया है, लेकिन आम आदमी पार्टी ने एक असली रिपोर्ट कार्ड पेश किया है।
सौरभ भारद्वाज ने दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता से दिल्लीवासियों की तरफ से पांच महत्वपूर्ण सवाल पूछे हैं। जिनमें दिल्ली की महिलाओं को वादा किए गए 2500 प्रतिमाह कब मिलेंगे? 10,000 से ज्यादा बस मार्शलों को नौकरी से हटाया गया था और उन्हें 60 दिन में पुनः बहाल करने का वादा किया गया था, उनको अब तक नौकरी क्यों नहीं मिली? निजी स्कूलों द्वारा बढ़ाई गई फीस को वापस लेने का आदेश कब जारी किया जाएगा? डीपीएस द्वारका में बच्चों को प्रताड़ित करने की शिकायत पर अब तक एफआईआर क्यों नहीं दर्ज हुई? क्या डीपीएस द्वारका को सरकार अपने नियंत्रण में ले रही है? अगर हां, तो कार्रवाई कब शुरू होगी?
उन्होंने बीजेपी सरकार पर जनहित की योजनाओं को बंद करने का आरोप भी लगाया। भारद्वाज ने कहा कि बीजेपी ने ‘फरिश्ते स्कीम’ को बंद कर दिया, जिसके कारण हाल ही में एक 9 साल के बच्चे की मौत हो गई। इसके अलावा, बीजेपी ने होली और दीपावली पर मुफ्त गैस सिलेंडर देने का वादा किया था, लेकिन न केवल यह वादा अधूरा रहा, बल्कि सिलेंडर की कीमत 50 रुपये और बढ़ा दी गई।
झुग्गी-झोपड़ी वालों से किए गए वादों को लेकर भी आम आदमी पार्टी ने बीजेपी को घेरा। सौरभ भारद्वाज ने कहा, “जहां झुग्गी, वहां मकान” का वादा करके अब उन्हीं झुग्गियों पर बुलडोजर चलवाए जा रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि दिल्ली सरकार चोरी-छिपे फैसले ले रही है और अभिभावकों से अहम जानकारियां छुपा रही है, जबकि प्राइवेट स्कूलों को हर जानकारी दी जा रही है। उन्होंने कहा कि सरकार एक नया एक्ट ला रही है, लेकिन उसे विधानसभा में प्रस्तुत करने की बजाय अध्यादेश के जरिए लागू करना चाहती है, ताकि जनता के बीच चर्चा न हो सके।
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