दिल्ली: छात्र के आत्महत्या के बाद तनाव! परिजनों ने स्कूल के बाहर किया प्रदर्शन, गिरफ्तारी की मांग
प्रदर्शनकारियों ने कहा कि स्कूल को जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए तथा उन्होंने सरकार से छात्रों के लिए मानसिक स्वास्थ्य सुरक्षा उपायों को मजबूत करने का आग्रह किया।

दिल्ली में आत्महत्या करने वाले 10वीं कक्षा के एक छात्र के परिवार और दोस्तों ने शुक्रवार को सेंट कोलंबस स्कूल के बाहर विरोध प्रदर्शन किया और कुछ शिक्षकों पर उसे मानसिक रूप से परेशान करने का आरोप लगाया व अधिकारियों से सख्त कार्रवाई की मांग की।
प्रदर्शनकारियों ने कहा कि स्कूल को जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए तथा उन्होंने सरकार से छात्रों के लिए मानसिक स्वास्थ्य सुरक्षा उपायों को मजबूत करने का आग्रह किया।

मृतक छात्र के माता-पिता की पारिवारिक मित्र अर्चना ने कहा कि प्रदर्शनकारी निलंबन से अधिक कार्रवाई करने की मांग कर रहे हैं। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि शिक्षकों और स्कूल प्रबंधन दोनों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए।
उन्होंने यह भी कहा कि प्रदर्शनकारी चाहते थे कि सरकार द्वारा गठित समिति छात्रों के मानसिक स्वास्थ्य के संबंध में जिला स्तरीय दिशानिर्देश तैयार करे।

एक अभिभावक ने इस स्थिति पर गहरा दुःख व्यक्त करते हुए कहा कि एक मां ने अपना बच्चा और एक परिवार ने अपना बेटा खो दिया है। उन्होंने कहा कि छात्र अक्सर चुनौतीपूर्ण दौर से गुजरते हैं और ऐसी घटनाओं को रोका जाना चाहिए क्योंकि इस उम्र के बच्चे बहुत नाजुक होते हैं। आरोपों के संबंध में स्कूल प्रशासन की ओर से तत्काल कोई प्रतिक्रिया नहीं आई।
एक अन्य अभिभावक ने आरोप लगाया कि मृतक छात्र की मानसिक समस्याओं से वाकिफ काउंसलर ने परिवार को इसकी जानकारी नहीं दी। अभिभावक ने दावा किया, ‘‘उन्हें पता था कि उसकी हालत ठीक नहीं है, फिर भी उन्होंने इसे नजरअंदाज कर दिया। इसी लापरवाही ने उसे ऐसा कदम उठाने पर मजबूर किया।’’
प्रदर्शनकारियों ने नारे लगाते हुए जिम्मेदार लोगों की गिरफ्तारी की मांग की। मृतक छात्र के चाचा चंद्रशील धवन ने कहा कि सरकार द्वारा गठित उच्च-स्तरीय समिति को निर्णायक कार्रवाई करनी चाहिए और स्कूलों के शिक्षकों के साथ नियमित और सार्थक संवाद सुनिश्चित करना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘‘बच्चों के लिए यह आसान समय नहीं है। उन्हें कई तरफ से दबाव का सामना करना पड़ता है और शिक्षकों को उनके भावनात्मक दबाव को समझने की जरूरत है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘छात्रों के साथ धैर्य और संवेदनशीलता से पेश आना चाहिए। इस अवस्था में वे नाजुक दौर में होते हैं और उनके आसपास के वयस्कों का व्यवहार काफ़ी फ़र्क़ डाल सकता है। स्पष्ट दिशा-निर्देशों की जरूरत है ताकि किसी और बच्चे को ऐसी उपेक्षा का सामना न करना पड़े।’’
पुलिस के अनुसार, 10वीं कक्षा के छात्र ने मंगलवार दोपहर 2.34 बजे राजेंद्र प्लेस मेट्रो स्टेशन के प्लेटफॉर्म से छलांग लगा दी। उसे बीएलके सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल ले जाया गया, जहां उसे मृत घोषित कर दिया गया।
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि छात्र ने एक सुसाइड नोट छोड़ा है जिसमें उसने कुछ शिक्षकों के नाम लिए हैं और उन्हें अपनी मानसिक परेशानी के लिए जिम्मेदार ठहराया है और उनके ख़िलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है। उसने अपने अंगदान की इच्छा भी जताई।
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