दिल्ली विश्वविद्यालय: स्पेशल कटऑफ के आधार पर दाखिले का आखिरी मौका, अभी तक तीन कट-ऑफ लिस्ट जारी

दिल्ली विश्वविद्यालय में अंडर ग्रेजुएट कोर्स के लिए 70 हजार सीटें हैं। दिल्ली विश्वविद्यालय ने इन 70 हजार सीटों पर दाखिले के लिए अभी तक तीन कट-ऑफ लिस्ट जारी की हैं।

फोटो: IANS
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नवजीवन डेस्क

दिल्ली विश्वविद्यालय में विशेष कट ऑफ के आधार पर दाखिला के लिए आवेदन का आखिरी मौका बचा है। स्पेशल कटऑफ के आधार पर शुरू की गई यह दाखिला प्रक्रिया बुधवार आधी रात को समाप्त हो जाएगी। स्पेशल कटऑफ के अन्तर्गत मंगलवार से यह प्रवेश प्रक्रिया शुरू की गई है। हालांकि स्पेशल कटऑफ भी पहले आ चुकी कटऑफ की ही तरह काफी हाई है। स्पेशल कटऑफ में भी अधिकांश पाठ्यक्रमों में लगभग 96 से 99 फीसदी अंक मांगे गए हैं।

गौरतलब है कि दिल्ली विश्वविद्यालय में अंडर ग्रेजुएट कोर्स के लिए 70 हजार सीटें हैं। दिल्ली विश्वविद्यालय ने इन 70 हजार सीटों पर दाखिले के लिए अभी तक तीन कट-ऑफ लिस्ट जारी की हैं। तीनों कट-ऑफ के आधार पर अब तक कुल 1,70,186 छात्रों ने दाखिले के लिए आवेदन किया है। इनमें से 58,000 छात्रों को दिल्ली विश्वविद्यालय के विभिन्न कॉलेजों में दाखिला मिल चुका है।

यह दाखिला प्रक्रिया उन छात्रों के लिए है जो पहली, दूसरी, तीसरी कट ऑफ के आधार पर दाखिला लेने के लिए योग्य तो थे, लेकिन किन्हीं कारणों से प्रवेश नहीं ले सके।

दिल्ली विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार विकास गुप्ता के मुताबिक द्वारा जारी की गई स्पेशल कट ऑफ लिस्ट के आधार पर दाखिले के लिए 27 अक्टूबर की मध्य रात्रि तक आवेदन किया जा सकता है। रजिस्ट्रार के मुताबिक विभिन्न कॉलेज 28 अक्टूबर तक योग्य आवेदनों को दाखिले की मंजूरी देंगे। फीस का भुगतान 29 अक्टूबर तक किया जा सकता है।


दिल्ली विश्वविद्यालय ने स्पेशल कट ऑफ लिस्ट में इकोनामिक्स के लिए 98.25, बीकाम आनर्स के लिए 98.75 और हिस्ट्री के लिए 98.25 फीसदी अंक तय किए हैं। गौरतलब है कि स्पेशल कट ऑफ लिस्ट में सामान्य वर्ग के मुकाबले आरक्षित वर्ग के छात्रों के लिए अधिक अवसर है।

इस बीच दिल्ली विश्वविद्यालय शिक्षक संघ यानी डूटा ने सहायक प्रोफेसर की भर्ती को लेकर अपनाए जाने वाले नए नियमों पर कड़ी आपत्ति दर्ज की है। दिल्ली विश्वविद्यालय शिक्षक संघ का मानना है कि विश्वविद्यालय द्वारा अपनाई जाने वाली नई भर्ती प्रक्रिया से विश्वविद्यालय में कार्यरत 4000 शिक्षक तदर्थ और अस्थायी शिक्षक बेरोजगार हो जाएंगे।

दिल्ली विश्वविद्यालय में 29 अक्टूबर को विश्वविद्यालय की एग्जीक्यूटिव काउंसिल की बैठक होनी है। इस बैठक के लिए तय किए गए कुछ एजेंडा प्रावधानों को लेकर डूटा ने अपनी आपत्ति दर्ज की है।

डूटा के अध्यक्ष राजीब रे ने दिल्ली विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर योगेश सिंह को एक पत्र के माध्यम से बताया है कि डूटा मीटिंग के एजेंडा आइटम 5.01 को गंभीरता से लेता है। विश्वविद्यालय के विभागों और या कॉलेजों में सहायक प्रोफेसरों की सीधी भर्ती के लिए स्क्रीनिंग और या शॉर्टलिस्टिंग मानदंड के लिए प्रस्तावित सिफारिशें (अनुलग्नक 5.01) अस्वीकार्य है। डूटा ने इनकी तत्काल वापसी की मांग की है।

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