जब मचा हंगामा, तो अमित शाह से जुड़े सवाल वापस आ गए राज्यसभा की वेबसाइट पर

वित्त मंत्रालय द्वारा दिए गए जवाब से आरटीआई के जरिये मिली यह जानकारी भी पुख्ता हो जाती है जिसमें यह सामने आया था कि नोटबंदी के 5 दिनों के भीतर अहमदाबाद जिला सहकारी बैंक में लगभग 745 करोड़ रुपए मूल्य के 500 और 1000 के प्रतिबंधित नोट जमा हुए थे और जहां बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह निदेशक थे।

फोटो: सोशल मीडिया 
फोटो: सोशल मीडिया
user

आशुतोष शर्मा

आम लोगों और समाजवादी पार्टी के सांसद नीरज शेखर द्वारा आवाज उठाने के बाद नोटबंदी से जुड़े उन सवालों को जवाब सहित वापस राज्यसभा की वेबसाइट पर अपलोड कर दिया गया है जिन्हें उन्होंने संसद में पूछा था। इससे पहले खबर आई थी कि उन सवालों को राज्यसभा की वेबसाइट से हटा लिया है जिनमें उन सरकारी और जिला सहकारी बैंकों की जानकारी मांगी गई थी जहां नोटबंदी के बाद सबसे अधिक प्रतिबंधित नोट जमा हुए थे। यह भी पूछा गया था कि किस बैंक में कितने रुपए जमा हुए।

सवाल था, “क्या यह आरटीआई जानकारी सही है कि नोटबंदी के 5 दिनों के भीतर अहमदाबाद जिला सहकारी बैंक में लगभग 745 करोड़ रुपए मूल्य के 500 और 1000 के प्रतिबंधित नोट जमा हुए थे। अगर हां तो विवरण दें।” उस बैंक में बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह निदेशक थे।

यह भी पूछा गया कि क्या सरकार ने कथित तौर पर जमा हुए इस पैसे को लेकर जांच की और अगर नहीं तो ‘भ्रष्ट और काल धन जमा करने वालों को बचाने’ का क्या कारण है। यह सारे सवाल नाटकीय रूप से राज्यसभा की वेबसाइट से गायब हो गए थे।

वित्त मंत्रालय द्वारा दिए गए जवाब से आरटीआई के जरिये मिली यह जानकारी भी पुख्ता हो जाती है जिसमें यह सामने आया था कि नोटबंदी के 5 दिनों के भीतर अहमदाबाद जिला सहकारी बैंक में लगभग 745 करोड़ रुपए मूल्य के 500 और 1000 के प्रतिबंधित नोट जमा हुए थे और जहां बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह निदेशक थे।

इस मामले को लेकर आरटीआई आवेदन दाखिल करने वाले मनोरंजन रॉय ने पूरे घटनाक्रम पर कहा, “जिस तरह सवालों को राज्यसभा की वेबसाइट से हटा लिया गया और फिर बाद में उन्हें वापस अपलोड करना पड़ा, वह बताता है कि बीजेपी सरकार को कई मुद्दों पर जवाब देना जरूरी है। इससे यह भी साबित होता है कि पार्टी अध्यक्ष अमित शाह समेत कई बीजेपी नेताओं को नोटबंदी से सीधे तौर पर फायदा हुआ था।”

इससे पहले पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर के बेटे और समाजवादी पार्टी सांसद नीरज शेखर ने नेशनल हेरल्ड को बताया था कि उन्हें सरकार से लिखित जवाब प्राप्त हुआ है लेकिन वे नहीं जानते कि क्यों ये सवाल वेबसाइट से हटा दिए गए हैं, “मैंने इस बात राज्यसभा सचिव के नोटिस में ला दिया है और कहा कि जवाब को वेबसाइट पर अपलोड कर दिया जाए।”

Google न्यूज़नवजीवन फेसबुक पेज और नवजीवन ट्विटर हैंडल पर जुड़ें

प्रिय पाठकों हमारे टेलीग्राम (Telegram) चैनल से जुड़िए और पल-पल की ताज़ा खबरें पाइए, यहां क्लिक करें @navjivanindia