बंगाल की खाड़ी का दबाव प्रचंड चक्रवाती तूफान बन सकता है, आंध्र प्रदेश-ओडिशा में रेड अलर्ट, मछुआरों को चेतावनी
आईएमडी ने बयान में कहा है कि 26 अक्टूबर की शाम से 27 अक्टूबर की शाम तक ओडिशा तट के आसपास समुद्र की स्थिति बहुत खराब रहने की संभावना है। आईएमडी ने कहा कि मछुआरों को 26 से 29 अक्टूबर तक समुद्र में न जाने की सलाह दी जाती है।

भारत मौसम विभाग (आईएमडी) ने शनिवार को कहा कि बंगाल की खाड़ी के दक्षिण-पूर्व में बना दबाव का क्षेत्र पश्चिम की ओर बढ़ गया है और इसके गहरे दबाव में तब्दील होने और आगे चलकर इसके प्रचंड चक्रवाती तूफान में बदलने के आसार हैं। इस दबाव के क्षेत्र के 26 अक्टूबर तक गहरे अवदाब में तब्दील होने और 27 अक्टूबर की सुबह तक दक्षिण-पश्चिम और समीपवर्ती पश्चिम-मध्य बंगाल की खाड़ी में चक्रवाती तूफान के रूप में परिवर्तित होने की संभावना है।
आईएमडी ने एक बयान में कहा कि दक्षिण-पूर्वी बंगाल की खाड़ी पर बना अवदाब आज पूर्वाह्न साढ़े 11 बजे उसी क्षेत्र के ऊपर केंद्रित था। इसके पश्चिम-उत्तरपश्चिम दिशा में आगे बढ़ते हुए 26 अक्टूबर तक गहरे अवदाब में और 27 अक्टूबर की सुबह तक दक्षिण-पश्चिम और समीपवर्ती पश्चिम-मध्य बंगाल की खाड़ी पर चक्रवाती तूफान में परिवर्तित होने की संभावना है।इसमें कहा गया कि इसके बाद यह उत्तर-पश्चिम और फिर उत्तर-उत्तरपश्चिम दिशा में आगे बढ़ते हुए 28 अक्टूबर की सुबह तक एक प्रचंड चक्रवाती तूफान में परिवर्तित हो सकता है।
मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने अधिकारयों को किया अलर्ट
बयान के मुताबिक, आगे बढ़ते हुए इसके आंध्र प्रदेश तट पर मछलीपट्टनम और कलिंगपट्टनम के बीच काकीनाडा के आसपास 28 अक्टूबर की शाम या रात्रि के समय 110 किमी प्रति घंटे तक की अधिकतम हवा की गति के साथ प्रचंड चक्रवाती तूफान के रूप में पार करने की अत्यधिक संभावना है।
इस बीच, हालात को देखते हुए आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू ने सभी जिला कलेक्टरों, पुलिस अधीक्षकों और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों को ‘मोंथा’ चक्रवात के बारे में सतर्क किया और उनके साथ ‘टेलीकांफ्रेंस’ की। नायडू ने एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा, ‘‘चूंकि मोन्था चक्रवात से 26, 27, 28 और 29 अक्टूबर को राज्य पर गंभीर प्रभाव पड़ने की आशंका है, इसलिए विभाग ने रेड अलर्ट जारी किया है और अधिकारियों को सतर्क रहना चाहिए।’’ नायडू ने अधिकारियों को जान-माल के नुकसान को रोकने के लिए तैयारी शुरू करने का निर्देश दिया।
ओडिशा ने आपदा तैयारी मॉडल को सक्रिय किया
वहीं, ओडिशा सरकार ने शनिवार को कहा कि उसने 28 अक्टूबर को पड़ोसी आंध्र प्रदेश तट को पार करने वाले संभावित गंभीर चक्रवाती तूफान (एससीएस) के मद्देनजर अपने आपदा तैयारी मॉडल को सक्रिय कर दिया है। मौसम विज्ञान केंद्र, भुवनेश्वर की निदेशक डॉ. मनोरमा मोहंती के अनुसार, आईएमडी ने 28 और 29 अक्टूबर को दक्षिणी और तटीय जिलों के कुछ जिलों में बारिश और तेज हवा चलने का ‘रेड अलर्ट’ जारी किया है।
आईएमडी के नवीनतम बयान में कहा गया है कि 26 अक्टूबर की शाम से 27 अक्टूबर की शाम तक ओडिशा तट के आसपास समुद्र की स्थिति बहुत खराब रहने की संभावना है। आईएमडी ने कहा, ‘‘मछुआरों को 26 से 29 अक्टूबर तक समुद्र में न जाने की सलाह दी जाती है। जो लोग समुद्री क्षेत्र में हैं, वे तुरंत तट पर लौट आएं।’’ जिला कलेक्टरों को किसी भी स्थिति के लिए तैयार रहने का निर्देश दिया गया है।
बंगाल में 27 अक्टूबर से हल्की से भारी बारिश की आशंका
दक्षिण-पूर्व बंगाल की खाड़ी के ऊपर बने दबाव के पश्चिम की ओर बढ़ने के कारण 27 अक्टूबर से दक्षिण बंगाल के कई जिलों में हल्की बारिश होने की संभावना है। भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के पूर्वी मुख्यालय के एक प्रवक्ता ने शनिवार को यह जानकारी दी। प्रवक्ता ने बताया कि मौसम संबंधी इस प्रणाली के प्रभाव से सोमवार से दक्षिण 24 परगना, झाड़ग्राम, पूर्व और पश्चिम मिदनापुर जिलों के अलग-अलग इलाकों में गरज के साथ हल्की बारिश और बौछारें पड़ेंगी।
उन्होंने कहा, ‘‘28 अक्टूबर को दक्षिण 24 परगना और पूर्व मेदिनीपुर जिलों में कई स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश या गरज के साथ छींटे पड़ेंगे और दक्षिण बंगाल के बाकी जिलों में कुछ स्थानों पर भारी बारिश (07-11 सेमी) होने की संभावना है।’’ प्रवक्ता के मुताबिक, इसी तरह 29, 30 और 31 अक्टूबर को भी राज्य के कई इलाकों में हल्की से मध्यम बारिश के आसार हैं।
कैबिनेट सचिव ने चक्रवात से निपटने की तैयारियों की समीक्षा की
कैबिनेट सचिव टीवी सोमनाथन ने शनिवार को बंगाल की खाड़ी में बन रहे चक्रवात से निपटने की तैयारियों की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना होना चाहिए कि जान-माल की कोई हानि न हो और संपत्ति तथा बुनियादी ढांचे को न्यूनतम नुकसान हो।मछुआरों को समुद्र में न जाने की सलाह दी गई है और 900 से अधिक जहाजों को किनारे पर ले जाया गया है। राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) की टीमों को अलर्ट पर रखा गया है और उन्हें अल्प सूचना पर तैनात किया जाएगा। वहीं, सेना, नौसेना, वायुसेना और भारतीय तटरक्षक बल की बचाव और राहत टीमों को उनके जहाजों और विमानों के साथ तैयार रखा गया है।
मछुआरों को सलाह दी गई है कि वे 26 से 29 अक्टूबर तक तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, पुडुचेरी और ओडिशा तट के साथ-साथ दक्षिण-पश्चिम और निकटवर्ती मध्य बंगाल की खाड़ी में न जाएं।आधिकारिक विज्ञप्ति के अनुसार, समुद्र में मौजूद लोगों को तुरंत तट पर लौटने की सलाह दी गई है। विज्ञप्ति में कहा गया है कि सोमनाथन की अध्यक्षता में राष्ट्रीय संकट प्रबंधन समिति (एनसीएमसी) की बैठक में भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) ने दक्षिण-पूर्वी बंगाल की खाड़ी के ऊपर दबाव के क्षेत्र की वर्तमान स्थिति के बारे में जानकारी दी।
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