हाथरस गैंगरेप: परिजन रोते-बिलखते रहे, मना करते रहे, पुलिस ने जबरन आधी रात को पीड़िता का करा दिया अंतिम संस्कार

पीड़िता शव एंबुलेंस में हाथरस पहुंचा तो बड़ी संख्या में अंतिम दर्शन के लिए लोग पहुंच गए। इस दौरान लोगों ने विरोध प्रदर्शन किया और सड़क पर ही लेट गए। लोग इस बात पर अड़ गए थे कि अंतिम संस्कार नहीं होने दिया जाएगा। ग्रामीणों की पुलिस से धुक्का-मुक्की भी हुई।

फोटो: सोशल मीडिया
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नवजीवन डेस्क

उत्तर प्रदेश की पुलिस ने जबरन हाथरस गैंरेप पीड़िता का अंतिम संस्कार आधी रात को करा दिया है। देर रात करीब एक बजे पीड़िता का शव एंबुलेस में दिल्ली से हाथरस में उसके गांव पहुंचा। ग्रामीणों और परिजनों ने भारी विरोध किया। लेकिन पुलिस ने एक नहीं सुनी और भारी विरोध के बीच पीड़िता का अंतिम संस्कार कराने के लिए लेकर चली गी। तनाव को देखते हुए इलाके में बड़े पैमाने पर पुलिसबल की पहले से ही तैनाती की गई थी।

बताया जा रहा है कि जब पीड़िता शव एंबुलेंस में पहुंचा तो बड़ी संख्या में अंतिम दर्शन के लिए लोग पहुंच गए। इस दौरान लोगों ने विरोध प्रदर्शन किया और सड़क पर ही लेट गए। लोग इस बात पर अड़ गए थे कि अंतिम संस्कार नहीं होने दिया जाएगा। इस बची ग्रामीणों की पुलिस से धुक्का-मुक्की भी हुई।

बताया जा रहा है कि एसपी और डीएम पीड़िता के पिता को अंतिम संस्कार के लिए राजी कराने में जुटे हुए थे। पीड़िता की मां ने रोते हुए पुलिस से कहा कि बच्ची के शव को एक बार घर जाने दीजिए। लेकिन पुलिस इसके लिए राजी नहीं हुई। पुलिस अंतिम संस्कार के लिए परिजनों को समझाने की कोशिश में लगी रही। आखिरकार जब परिजन नहीं माने तो जबरन पुलिस ने पीड़िता का अंतिम संस्कार कर दिया।


परिजन पीड़िता के लिए न्याय की मांग कर रहे हैं। जल्दबाजी में परिजन अंतिम संस्कार करने के लिए राजी नहीं थे। दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में मंगलवार को पीड़िता ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया था। इसके बाद लोगों का गुस्सा देखने को मिला। पीड़िता को न्याय दिलाने के लिए लोग सड़क पर उतर आए थे। पीड़िता के परिवार ने पुलिस पर लापरवाही के आरोप लगाए हैं। पीड़िता के भाई का आरोप है कि एफआईआर के लिए उन्हें 8-10 दिन तक इंतजार करना पड़ा था। पुलिस एक आरोपी को पकड़ती थी और दूसरे को छोड़ देती थी। काफी विरोध-प्रदर्शन के बाद आरोपियों को घटना के 10-12 दिन बाद पकड़ा गया।

वहीं, डीएम ने कहा, “रात को करीब 12:45 बजे शव लाया गया, मेरी पिता और बेटे से बात हुई थी और उन्होंने सहमति दी थी कि रात को ही अंतिम संस्कार कर दिया जाए। करीब एक से सवा घंटे शव वाहन इनके घर पर खड़ा रहा और परिजन वहां पर उपस्थित थे (जब अंतिम संस्कार किया गया)। करीब 3 बजे अंतिम संस्कार किया गया।”

पीड़िता के भाई का आरोप है कि घटना के बाद पुलिसवालों ने एंबुलेंस तक नहीं मंगाई थी। बहन जमीन पर लेटी हुई थी। पुलिसवालों ने कह दिया था कि इन्हें यहां से ले जाओ। पुलिस ने कहा था कि यह बहाने बनाकर लेटी हुई है। हाथरस के चंदपा थाना क्षेत्र में बूलगढ़ी गांव में 14 सितंबर की सुबह युवती अपनी मां के साथ खेत में चारा लाने गई थी। इसी बीच गांव के ही चार युवक उसे खींचकर बाजरे के खेत में ले गए। जहां उन चारों ने उसके साथ दरिंदगी को अंजाम दिया। आरोपियों ने लड़की को बुरी तरह पीटा और मरा हुआ छोड़कर फरार हो गए।

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Published: 30 Sep 2020, 8:52 AM