दिल्ली-एनसीआर में पटाखों पर बैन के बावजूद जमकर हुई आतिशबाजी, हवा हुई खराब, फिर बिछ गई प्रदूषण की चादर
एनसीआर के प्रमुख जगहों में हवा की गुणवत्ता 'मध्यम' श्रेणी में रही। सीपीसीबी के अनुसार, दिल्ली-एनसीआर में सोमवार को सुबह वायु गुणवत्ता का स्तर 300 पर आ गया है।

दिवाली की रात और अगले दिन दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण फिर से बढ़ गया है। दिवाली के बाद हवा की गुणवत्ता 'खराब' श्रेणी में आ गई। वहीं एनसीआर के प्रमुख जगहों में हवा की गुणवत्ता 'मध्यम' श्रेणी में रही। सीपीसीबी के अनुसार, दिल्ली-एनसीआर में सोमवार को सुबह वायु गुणवत्ता का स्तर 300 पर आ गया है।
सुप्रीम कोर्ट के पटाखे फोड़ने पर बैन लगाने के बावजूद भी दिल्ली में जमकर पटाखे फोड़े गए। इससे राजधानी और इसके आस-पास के क्षेत्रों में प्रदूषण खतरनाक स्तर पहुंच चुका है। दिल्ली के शाहपुर जाट, हौज खास, डिफेंस कॉलोनी, छतरपुर, ईस्ट ऑफ कैलाश, मंदिर मार्ग और पहाड़गंज उन कुछ इलाकों में शामिल हैं, जहां शाम 6 बजे के बाद जमकर आतिशबाजी हुई।
पटाखों के जलने के बाद दिल्ली के अलग अलग इलाकों में सड़कों पर घनी धुंध छाई हुई दिखाई दे रही है, जिससे विजिबिलिटी काफी कम हो गई है। 100 मीटर से आगे देखना भी मुश्किल हो गया है।
गौरतलब है कि प्रदूषण से जुड़े पिछले आंकड़े बताते हैं कि अक्टूबर के आखिरी हफ्ते से ही दिल्ली की वायु गुणवत्ता सबसे खराब स्थिति में है। शहर में WHO द्वारा निर्धारित 2.5PM की सीमा से 20 गुना अधिक दर्ज की गई है।
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