कोरोना के बाद करतारपुर कॉरिडोर खुलने के इंतजार में श्रद्धालु, पाकिस्तान ने तो खोल दिया, पर भारत ने कर रखा है बंद

आज पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू ने डेरा बाबा नानक से दूरबीन के जरिए श्री करतारपुर साहिब गुरुद्वारा के दर्शन किए। बड़ी तादाद में आज गलियारा खुलने की वर्षगांठ पर श्रद्धालु डेरा बाबा नानक में मौजूद हैं और बारी-बारी से दूरबीन से दर्शन कर रहे हैं।

फोटोः सोशल मीडिया
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अमरीक

ऐतिहासिक करतारपुर कॉरिडोर को 9 नवंबर 2019 को खोला गया था, लेकिन कोरोना महामारी के आने के चलते 16 मार्च 2020 को बंद कर दिया गया। केंद्र सरकार ने यह फैसला किया था। तब और भी कई तीर्थ स्थल बंद कर दिए गए थे और बाद में धीरे-धीरे उन्हें खोल दिया गया। लेकिन ऐतिहासिक करतारपुर कॉरिडोर नहीं खुला। हालांकि अब गुरु नानक देव जी के जन्मोत्सव पर ननकाना साहिब के लिए पाकिस्तान का वीजा दिया जा रहा है।

सर्वोच्च सिख धार्मिक संस्थाएं श्री करतारपुर साहिब गलियारा खोलने की पुरजोर मांग करती रही हैं। बेशक पंजाब के डेरा बाबा नानक से रोजाना भारी तादाद में श्रद्धालु दूरबीनों के जरिए श्री करतारपुर साहिब गुरुद्वारा के दर्शन करते हैं। पाकिस्तान की ओर से गुरुद्वारे को कई महीने पहले खोल दिया गया था, लेकिन भारतीय सरकार इस बाबत अब तक कोई ऐसा कदम नहीं उठा पाई। कई सिख संस्थाओं की मांग है कि कम से कम 19 नवंबर तक करतारपुर कॉरिडोर खोल दिया जाना चाहिए क्योंकि इसी दिन गुरु नानक देव जी का प्रकाशोत्सव है।

जानकारी के अनुसार आज पाकिस्तान में श्री करतारपुर साहिब में बाकायदा पाठ हुए और कॉरिडोर खोलने की अरदास की गई। इसमें सिंध, पेशावर और लाहौर से हजारों श्रद्धालुओं ने शिरकत की। पाकिस्तान सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (पीएसजीपी) के अध्यक्ष अमीर सिंह ने एक मीडिया इंटरव्यू में बताया कि बेशक भारत से संगत श्री करतारपुर साहिब नहीं पहुंच रही लेकिन पाकिस्तान से संगत का आना पहले की तरह बदस्तूर जारी है।

पीएसजीपी के अध्यक्ष अमीर सिंह ने बताया कि पाकिस्तान से प्रतिदिन सिख, हिंदू और मुस्लिम बड़ी तादाद में श्री करतारपुर साहिब आते हैं। कॉरिडोर खुलने के वक्त पहले समूह संगत के लिए विभिन्न प्रकार के जो लंगर तैयार होते थे, वे आज भी होते हैं। अलबत्ता पहले भारत से भी भारी तादाद में श्रद्धालु आते थे इसलिए 200 से अधिक सेवादार सेवा में रहते थे और अब संगत कम होने के चलते 25 सेवादार ही सेवा निभा रहे हैं।


गौरतलब है कि भारत की ओर से श्री करतारपुर साहिब के दर्शनार्थ आखरी जत्था 15 मार्च को गया था और इसमें 7641 श्रद्धालुओं ने गुरुद्वारा साहिब के दर्शन किए थे। गलियारा खुलने के बाद भारत से रोज 700 से 800 श्रद्धालु जाते थे। 300 से 400 श्रद्धालु अमेरिका, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया और ब्रिटेन आदि देशों से वाया हिंदुस्तान पहुंचते थे। नवंबर 2019 में 11192, दिसंबर 2019 में 23383, जनवरी 2020 में 10529, फरवरी 2020 में 10194 और मार्च 2020 में 7641 भारतीय अथवा भारत होकर जाने वाले श्रद्धालुओं ने करतारपुर गुरुद्वारा के दर्शन किए।

शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) की प्रधान बीबी जागीर कौर कहती हैं कि सरकार से गुजारिश है कि अब क्योंकि काफी कुछ सामान्य हो गया है, सो करतारपुर गलियारा खोल देना चाहिए। उन्होंने कहा कि इस संबंध में भारत सरकार को पाकिस्तान सरकार से भी बात करनी चाहिए। उधर, आज कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू ने डेरा बाबा नानक में दूरबीन के जरिए श्री करतारपुर साहिब गुरुद्वारा के दर्शन किए। बड़ी तादाद में आज गलियारा खुलने की वर्षगांठ पर श्रद्धालु डेरा बाबा नानक में मौजूद हैं और बारी-बारी से दूरबीन के जरिए दर्शन कर रहे हैं।

72 साल के बाद 9 नवंबर 2019 को श्री करतारपुर साहिब गलियारा खुला था और तब देश-विदेश के श्रद्धालुओं में जबरदस्त उत्साह था। भारत की ओर से गलियारे के प्रवेश केंद्र बाबा बकाला में खूब व्यापार भी फलने-फूलने लगा था। गलियारा बंद हुआ तो व्यापार भी ठप हो गया। एक स्थानीय दुकानदार करमजीत सिंह कहते हैं कि कोरोना महामारी के चलते सरकार को गलियारा बंद करना पड़ा और इससे सैकड़ों परिवारों की रोजी-रोटी पर बुरा असर हुआ। अब जब सब कुछ लगभग सामान्य है तो गलियारा खोल देना चाहिए ताकि हर तबके को राहत मिले।

स्थानीय वकील इंदरजीत सिंह कहते हैं कि जब लोग पाकिस्तान के ननकाना साहिब जा सकते हैं तो श्री करतारपुर साहिब क्यों नहीं? जबकि यह स्थल भारतीय पंजाब से चंद मिनटों की दूरी पर है। वहां तक जाना कहीं अधिक सहज है और आसान भी।

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