इस्तीफे के 5 महीने बाद भी धनखड़ को नहीं मिला सरकारी आवास, पूर्व उपराष्ट्रपति की मांग पर ध्यान नहीं दे रही सरकार
अचानक इस्तीफा देने वाले धनखड़ पूर्व उपराष्ट्रपति होने के नाते, लगभग दो लाख रुपये प्रति माह की पेंशन, टाइप-8 का बंगला, एक निजी सचिव, एक अतिरिक्त निजी सचिव, एक निजी सहायक, एक चिकित्सक, एक नर्सिंग अधिकारी और चार निजी परिचारकों के हकदार हैं।

उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफा देने के पांच महीने बाद भी जगदीप धनखड़ को अभी तक पूर्व राष्ट्रपति होने के नाते सरकारी आवास नहीं मिला है। उनके करीबी लोगों ने मंगलवार को बताया कि धनखड़ ने 22 अगस्त को आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय के सचिव को पत्र लिखकर पूर्व उपराष्ट्रपतियों को प्राप्त होने वाले आधिकारिक आवास का अनुरोध किया था।
धनखड़ ने स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए इस वर्ष संसद के मानसून सत्र के पहले दिन 21 जुलाई को उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफा दे दिया था। इसके कुछ हफ्तों बाद, सितंबर में, उन्होंने अपने आधिकारिक आवास ‘उपराष्ट्रपति एन्क्लेव’ को खाली कर दिया था और दक्षिण दिल्ली के छतरपुर इलाके में एक निजी फार्महाउस में चले गए थे। छतरपुर के गदईपुर क्षेत्र में स्थित फार्महाउस इनेलो नेता अभय चौटाला का है।
धनखड़ ने 22 अगस्त को आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय के सचिव को पत्र लिखकर पूर्व उपराष्ट्रपतियों को प्राप्त होने वाले आधिकारिक आवास का अनुरोध किया था। उनके करीबी एक व्यक्ति ने कहा, ‘‘लेकिन अभी तक उन्हें वह आवास उपलब्ध नहीं कराया गया है, जिसके वह हकदार हैं।’’
पूर्व उपराष्ट्रपति होने के नाते, धनखड़ लगभग दो लाख रुपये प्रति माह की पेंशन, टाइप-8 का बंगला, एक निजी सचिव, एक अतिरिक्त निजी सचिव, एक निजी सहायक, एक चिकित्सक, एक नर्सिंग अधिकारी और चार निजी परिचारकों के हकदार हैं। पूर्व उपराष्ट्रपति के निधन के बाद उनका जीवनसाथी इससे थोड़े छोटे आवास टाइप-7 का हकदार होता है।
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