क्या मोदी सरकार ने 2014 में सत्ता संभालते ही देश का 200 टन सोना चोरी छिपे स्विट्ज़रलैंड भेजा !
मोदी सरकार ने मई 2014 में सत्ता संभालते ही देश का 200 टन सोना रिजर्व बैंक से निकालकर चोरी छिपे विदेश भेज दिया था। यह सनसनीखेज़ आरोप लगाया है दक्षिण दिल्ली से चुनाव लड़ रहे एक उम्मीदवार नवनीत चतुर्वेदी ने।
![फोटो : सोशल मीडिया](https://media.assettype.com/navjivanindia%2F2019-05%2Faaf4dba3-4153-43fe-b45f-8ad046f15577%2FGold_Reserve_in_India.jpg?rect=0%2C32%2C1200%2C675&auto=format%2Ccompress&fmt=webp)
नवनीत चतुर्वेदी खोजी पत्रकार रहे हैं। उन्होंने यह दावा आरटीआई जवाबों के आधार पर किया है। उन्होंने पिछले साल की आरबीआई रिपोर्ट में वर्णित सोने के वर्तमान स्टॉक और बीते कई सालों में गोल्ड रिजर्व को लेकर आरबीआई की घोषणाओं के अध्ययन से यह निष्कर्ष निकाला है।
![दक्षिण दिल्ली से लोकसभा चुनाव उम्मीदवार नवनीत चतुर्वेदी](https://media.assettype.com/navjivanindia%2F2019-05%2F5086a3b2-8e5a-43ec-a252-a864e07b8172%2FRBI.jpg?auto=format%2Ccompress)
पत्रकार से नेता बने चतुर्वेदी का दावा है कि देश का जो 200 टन सोना गायब है उसे भारत सरकार ने 2009 में अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष से खरीदा था। भारत ने आईएमएफ के सीमित स्वर्ण बिक्री कार्यक्रम के तहत 31,490 करोड़ का सोना ब्रेटन वुड्स इंस्टीट्यूट से खरीदा था।
नवनीत चौधरी के मुताबिक अगस्त 2018 में उन्होंने आरटीआई के तहत पूछा था कि आरबीआई के नागपुर स्थित वॉल्ट में कितना सोना है। इसके जवाब में आरबीआई ने कहा कि केंद्रीय बैंक के नियमों के मुताबिक यह जानकारी नहीं दी जा सकती।
![क्या मोदी सरकार ने 2014 में सत्ता संभालते ही देश का 200 टन सोना चोरी छिपे स्विट्ज़रलैंड भेजा !](https://media.assettype.com/navjivanindia%2F2019-05%2Ff6b65841-2f8a-4c54-9e3f-805a1151762d%2FRBI2.jpg?auto=format%2Ccompress)
एक और आरटीआई के जवाब में आरबीआई ने कहा कि, “आरबीआई के पास 268.01 टन सोना बैंक ऑफ इंग्लैंड और बैंक ऑफ इंटरनेशनल सेटलमेंट में सुरक्षित रखा है।”
नवनीत चतुर्वेदी पूछते हैं कि आखिर देश का सोना विदेशी बैंकों में क्यों रखा गया है? और इसके बदले भारत को क्या मिला? साथ ही इस सूचना को सार्वजनिक क्यों नहीं किया जा रहा?
चतुर्वेदी का दावा है कि 2011 से 2015 के बीच जारी आरबीआई की ऑडिट रिपोर्ट से जाहिर होता है कि 2014 और 2015 के बीच में कुछ न कुछ तो गड़बड़ हुआ है।
वह बताते हैं कि 30 जून 2011 की आरबीआई की सालाना बैलेंस शीट में इस 200 टन सोने का जिक्र है और कहा गया है कि यह भारत में है। 30 जून 2014 के जारी बैलेंस शीट में भी इसका जिक्र है।
![क्या मोदी सरकार ने 2014 में सत्ता संभालते ही देश का 200 टन सोना चोरी छिपे स्विट्ज़रलैंड भेजा !](https://media.assettype.com/navjivanindia%2F2019-05%2F343dc5ef-407f-4ad6-830c-6e00bdd07632%2FRBI3.jpg?auto=format%2Ccompress)
![क्या मोदी सरकार ने 2014 में सत्ता संभालते ही देश का 200 टन सोना चोरी छिपे स्विट्ज़रलैंड भेजा !](https://media.assettype.com/navjivanindia%2F2019-05%2Fb680ff47-d241-41d9-9e7c-bb1f15058c6f%2FRBI4.jpg?auto=format%2Ccompress)
लेकिन 2015 की सालाना बैलेंस शीट में इस सोने का जिक्र नहीं है। बल्कि कहा गया है कि सोने का एक हिस्सा स्विट्ज़रलैंड की बैंक ऑफ इंटरनेशनल सैटलमेंट में रखा गया है। यानी मई 2014 और जून 2015 के बीच चुपके से 200 टन सोना विदेश भेज दिया गया।
![क्या मोदी सरकार ने 2014 में सत्ता संभालते ही देश का 200 टन सोना चोरी छिपे स्विट्ज़रलैंड भेजा !](https://media.assettype.com/navjivanindia%2F2019-05%2F35aa7cde-f28f-4d34-a48b-bac077c053c6%2FRBI5.jpg?auto=format%2Ccompress)
चतुर्वेदी कहते हैं कि, “देश का सोना अगर विदेश भेजा जा रहा है, तो इस बात को सार्वजनिक किया जाना चाहिए था। लेकिन ऐसा नहीं हुआ। जाहिर है सरकार कुछ न कुछ तो छिपा ही रही है।”
इस बारे में हमने आरबीआई से प्रतिक्रिया की कोशिश की है। आरबीआई की प्रतिक्रिया आने पर हम स्टोरी को अपडेट कर देंगे।
Google न्यूज़, नवजीवन फेसबुक पेज और नवजीवन ट्विटर हैंडल पर जुड़ें
प्रिय पाठकों हमारे टेलीग्राम (Telegram) चैनल से जुड़िए और पल-पल की ताज़ा खबरें पाइए, यहां क्लिक करें @navjivanindia
- Modi government
- RBI
- nagpur
- RTI
- South Delhi
- मोदी सरकार
- रिजर्व बैंक
- आरटीआई
- नागपुर
- Switzerland
- नवनीत चतुर्वेदी
- स्विटज़लैंड
- दक्षिण दिल्ली
- Navneet Chaturvedi