क्या पीएम मोदी ने चीनी घुसपैठ पर गुमराह किया, कांग्रेस ने राजनाथ, सेना प्रमुख से उलट बयान पर उठाए सवाल

पीएम मोदी ने सर्वदलीय बैठक में कहा था कि न तो किसी ने हमारी सीमा में प्रवेश किया है, न ही किसी भी पोस्ट पर कब्जा किया गया है। भारतीय क्षेत्र में किसी का कब्जा नहीं है। पीएम के इस बयान से सवाल उठने लगा हैं कि फिर 20 भारतीय जवान कहां और कैसे शहीद हुए।

फोटोः gettyimages
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नवजीवन डेस्क

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सर्वदलीय बैठक में चीनी सैनिकों द्वारा भारतीय क्षेत्र में कोई घुसपैठ नहीं करने के दावे पर कांग्रेस ने शनिवार को एक बार फिर सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि प्रधानमंत्री का बयान सेना प्रमुख एम एम नरवणे, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और विदेश मंत्री एस जयशंकर द्वारा पूर्व में दिए गए बयानों के उलट और विरोधाभासी है।

वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए पूर्व वित्त मंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता पी चिदंबरम ने कहा, "कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कल सर्वदलीय बैठक में जो कहा था, उसे दोहराकर मैं शुरुआत करना चाहता हूं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस हमारे रक्षा बलों के साथ खड़ी है और यह भी कि पार्टी कोई भी बलिदान करने के लिए तैयार है।"

चिदंबरम ने कहा कि कल की बैठक के अंत में प्रधानमंत्री ने अपना निष्कर्षपूर्ण बयान दिया कि लद्दाख में भारतीय क्षेत्र के अंदर कोई बाहरी नहीं आया था। इस बयान ने व्यावहारिक रूप से सबको चकित और हक्का-बक्का कर दिया। चिदंबरम ने कहा, "यह बिल्कुल स्पष्ट है कि प्रधानमंत्री का बयान सेना प्रमुख, रक्षा मंत्री और विदेश मंत्री द्वारा पूर्व में दिए गए बयानों के उलट है।"

कांग्रेस नेता ने जोर देकर कहा कि अगर प्रधानमंत्री का बयान सही स्थिति को दर्शाता है, तो हम सरकार से कुछ सवाल पूछना चाहेंगे। उन्होंने सरकार से पूछा, "अगर किसी चीनी सैनिक ने वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) को पार नहीं किया था और भारतीय क्षेत्र में नहीं था तो 5-6 मई, 2020 को हुआ टकराव क्या था? 5 मई से 6 जून के बीच, स्थानीय भारतीय कमांडर किस मुद्दे पर चीनी समकक्षों के साथ वार्ता कर रहे थे? 6 जून को दोनों देशों के कोर कमांडरों के बीच वार्ता का विषय क्या था?"

चिदंबरम ने लद्दाख की गलवान घाटी में सोमवार रात चीनी पीपल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के सैनिकों और भारतीय जवानों के बीच हुई हिंसक झड़प में 20 भारतीय जवानों के शहीद होने का जिक्र करते हुए कहा, "हम यह भी पूछना चाहते हैं कि क्या कोई चीनी सैनिक भारतीय क्षेत्र के अंदर नहीं था? 15-16 जून को संघर्ष कहां हुआ? 20 भारतीय जवान कहां शहीद हुए और 85 कहां घायल हुए?"

पूर्व वित्तमंत्री ने सरकार से पूछा कि “अगर चीनी सैनिक भारतीय क्षेत्र में नहीं थे तो विदेश मंत्री एस. जयशंकर और विदेश मंत्रालय के बयानों में पूर्व वाली यथास्थिति बहाल करने की मांग क्यों की गई थी?” उन्होंने यह भी पूछा कि अगर चीनी सैनिक भारतीय क्षेत्र में नहीं थे तो फिर भारतीय जवानों को शहादत क्यों देनी पड़ी?

पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि शुक्रवार को मोदी द्वारा दिए गए बयान के बाद भी चीन ने झड़प के लिए भारत को जिम्मेदार बताया और एक बार फिर पूरे गलवान घाटी पर अपना दावा किया है।चिदंबरम ने पूछा कि इस दावे पर सरकार का क्या जवाब है? क्या सरकार इस दावे को खारिज कर देगी? उन्होंने पूछा कि प्रधानमंत्री ने जब कुछ दिनों पहले कहा था कि जवानों की शहादत बेकार नहीं जाएगी तो उनके दिमाग में क्या चल रहा था?

पी चिदंबरम ने कहा, "राष्ट्र की रक्षा और इसकी क्षेत्रीय अखंडता हर भारतीय के दिल को प्रिय है। इसलिए हम अपनी प्रतिबद्धता को फिर से दोहराने और एकजुटता की तस्वीर पेश करने के लिए सवालों के जवाब चाहते हैं।"

गौरतलब है कि पीएम मोदी ने शुक्रवार को सर्वदलीय बैठक में कहा था कि न तो किसी ने हमारी सीमा में प्रवेश किया है, न ही किसी भी पोस्ट पर कब्जा किया गया है। भारतीय क्षेत्र में किसी का कब्जा नहीं है। मोदी ने सभी नेताओं को भरोसा दिलाते हुए कहा था कि भारतीय सेना सीमाओं की रक्षा करने में सक्षम है और सभी आवश्यक कदम उठाने की छूट दी गई है। पीएम के इस बयान से सवाल उठने लगा हैं कि फिर 20 भारतीय जवान कहां और कैसे शहीद हुए।

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Published: 20 Jun 2020, 7:22 PM