ऐसा कौन सा पेड़ा खाया था आचार्य बालकृष्ण ने, जो जान पर बन आई, और आखिर जांच क्यों नहीं चाहते बाबा रामदेव !

अभी पिछले सप्ताह जन्माष्टमी के मौके पर बाबा रामदेव के नजदीकी आचार्य बालकृष्ण को किसी ने ऐसा पेड़ा खिलाया कि वे बेहोश हो गए और उन्हें ऋषिकेश एम्स में भर्ती कराना पड़ा। लेकिन बाबा रामदेव इस मामले की जांच नहीं कराना चाहते। क्या कुछ छिपाया जा रहा है?

फोटो : सोशल मीडिया
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ज्योति एस

योग गुरु बाबा रामदेव के बेहद करीबी, पतंजलि योग पीठ के महामंत्री आयुर्वेदाचार्य आचार्य बालकृष्ण दो दिनों तक ऋषिकेश एम्स से स्वास्थ्य लाभ कर अपने घरआ गए। पर, यह रहस्य ही बना हुआ है कि उन्हें किसी साजिश के तहत खाने में जहर दिया गया था या फिर यह एक दुर्घटना मात्र थी। आचार्य बालकृष्ण को 23 अगस्त को आश्रम के ही किसी व्यक्ति ने पेड़ा खाने को दिया था जिससे वह गंभीर रूप से बीमार हो गए थे। योग गुरु बाबा रामदेव इस घटना की जांच कराने की जरूरत नहीं समझते। इसीलिए न तो कोई पुलिस रिपोर्ट दर्ज कराई गई है और न ही सरकार से मामले की जांच का आग्रह किया गया है। आचार्य बालकृष्ण का इलाज दो अस्पतालों- श्री भूमानंद अस्पताल और ऋषिकेश एम्स, में हुआ। पर उन अस्पतालों ने भी इसकी सूचना पुलिस को नहीं दी। वैसे, बाबा रामदेव ने खुद के स्तर पर जांच कर साजिश का पर्दाफाश कर दोषी को सजा दिलाने का दावा मीडिया के सामने जरूर किया। पर, इसके लिए वह क्या कर रहे हैं इसकी कोई जानकारी उन्होंने नहीं दी।

23 अगस्त को योग गुरु बाबा रामदेव ने ऋषिकेश एम्स के बाहर मीडिया से बातचीत में कहा था कि आचार्य बालकृष्ण को पेड़ा खिलाने वाला भक्त कोई अपना ही है और उसकी मंशा पर उन्हें कोई संदेह नहीं। अगले दिन भी पतंजलि प्रवक्ता एस के तिजारावाला ने कहा कि पेड़ा खिलाने वाला अपना ही कोई है, हमें फिलहाल किसी की मंशा पर कोई संदेह नहीं। दोनों के ही बयान बता रहे हैं कि आचार्य बालकृष्ण को पेड़ा खिलाने वाला उनका अपना ही कोई नजदीकी था।

उधर, एसएसपी हरिद्वार सेंथिल अबुदई कृष्णराज एस ने बताया कि आचार्य बालकृष्ण मामले में पतंजलि योग पीठ या उनकी ओर से पुलिस को अब तक कोई लिखित शिकायत नहीं दी गई है। इसलिए पुलिस ने मामले की जांच शुरू नहीं की है। लिखित शिकायत मिलने पर ही पुलिस अपनी जांच शुरू करेगी। हालांकि घटना और उसके तथ्यों को लेकर पूरी सजगता-सतर्कता बरती जा रही है और सभी पहलुओं पर निगाह रखी जा रही है।


संभवतः इसी वजह से खास तौर पर सोशल मीडिया में कई सवाल उठाए जा रहे हैं। पहला तो यह कि यह अगर सामान्य फूड प्वाइजनिंग का मसला था, तो आचार्य बालकृष्ण का इलाज तमाम असाध्य रोगों को ठीक करने का दावा करने वाले अपने पतंजलि योग पीठ के आधुनिक आयुर्वेदिक चिकित्सालय में क्यों नहीं किया गया। दूसरा सवाल यह कि इतने बड़े आयुर्वेदाचार्य और योगाचार्य होने, बेहद संयमित जीवन जीने के बावजूद महज एक पेड़ा भर खाने से आचार्य बालकृष्ण की तबीयत इस कदर क्यों और कैसे बिगड़ गई। तीसरा और बड़ा सवाल यह कि पतंजलि की भारी-भरकम निजी सुरक्षा व्यवस्था, दर्जनों सीसीटीवी कैमरों और सुरक्षागार्ड से घिरे रहने वाले आचार्य बालकृष्ण को आखिर कैसे कोई ऐसा जहरीला पदार्थ खिला गया जिससे उनकी जान पर बन आई और अब तक यह तक पता नहीं लगाया जा सका कि उन्हें, दुर्घटनावश ही, जहरीला पदार्थ खिलाने वाला कौन था।

दरअसल, आचार्य बालकृष्ण पतंजलि की निजी गहन सुरक्षा व्यवस्था के बीच रहते हैं और उन तक या उनके कार्यालय तक पहुंचने में आधा दर्जन से अधिक सीसीटीवी कैमरों और अनेक सुरक्षा जांच से होकर गुजरना पड़ता है। वैसे भी, किसी भी आम आदमी का उन तक पहुंच पाना आसान नहीं। इस लिहाज से आचार्य बालकृष्ण को पेड़ा खिलाने वाले के बारे में पुलिस या पतंजलि की निजी सुरक्षा के लिए जानकारी जुटाना कोई मुश्किल काम नहीं।

बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण के गुरु भाई आचार्य कर्मवीर ने फेसबुक और ट्विटर पर तथा हिंदू रक्षा सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष स्वामी प्रबोदानंद गिरि ने हरिद्वार में पत्रकार वार्ता कर आचार्य बालकृष्ण के बीमार होने की उचित जांच कराने की मांग की। उन्होंने कहा कि इस घटना की जांच इसलिए भी जरूरी है क्योंकि स्वामी रामदेव के गुरु स्वामी शंकरदेव भी लंबे समय से गुमशुदा हैं और पतंजलि योग पीठ के शुरूआती दौर में योग गुरु बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण के साथी रहे राजीव दीक्षित की छत्तीसगढ़ के भिलाई में अचानक हुई मौत पर से रहस्य का परदा नहीं उठ पाया है। फिर भी, सोशल मीडिया में जारी अपने धन्यवाद संदेश में आचार्य बालकृष्ण ने व्यंग्य के तौर पर कहा कि कुछ लोग दिवास्वप्न देख रहे थे। उनके लिए इतना ही कहना है कि वे अपना समय बर्बाद न करें, बाकी उनकी मर्जी है। उन्होंने कहा कि वह एक बार फिर योग गुरु बाबा रामदेव के सपनों को पूरा करने और योग-आयुर्वेद को मजबूती प्रदान पूरी ऊर्जा के साथ कर्म करने को तैयार हैं।


बदलाव की चर्चा

दरअसल, यह घटना ऐसे वक्त हुई है जब पतंजलि का डाउनफॉल चल रहा है और ऐसे में, पतंजलि योग पीठ के विभिन्न प्रकल्पों के कार्यभार में भारी बदलाव की चर्चा जोरों पर है, हालांकि रामदेव ने इसे कोरी अफवाह करार दिया है। पतंजलि प्रोडक्ट की हरिद्वार स्थित उत्पादन इकाई प्रदार्था की जिम्मेदारी फिलहाल बाबा रामदेव के भाई रामभरत के पास है। इसी तरह पतंजलि के ग्रामोद्योग से संबंधित काम को बाबा रामदेव के बहनोई यशदेव शास्त्री संभाल रहे हैं। इन दोनों को आचार्य बालकृष्ण या उनकी टीम के भरोसेमंद सदस्य के हवाले किए जाने की संभावना है। इसी तरह आचार्य कुलम का कामकाज योग गुरु बाबा रामदेव की बहन के हवाले है।

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