‘कैफे कॉफी डे’ के मालिक ने कंगाली की वजह से की खुदकुशी? जानिए आईटी पर क्यों लगा अनुचित कार्रवाई का आरोप

कैफे कॉफी डे’ के संस्थापक वीजी सिद्धार्थ सोमवार रात से ही लापता हैं, जिनकी तलाश जारी है। इस बीच वीजी सिद्धार्थ का एक पत्र सामने आया है, जो कई राज खोल रहे हैं। आप भी जानिए उसमें क्या लिखा है।

फोटो: सोशल मीडिया
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नवजीवन डेस्क

कैफे कॉफी डे के संस्थापक और पूर्व सीएम एसएम कृष्णा के दामाद वीजी सिद्धार्थ के लापता होने के बाद से हड़कंप मचा हुआ है। इसी बीच वीजी सिद्धार्थ की एक चिट्ठी भी सामने आयी है, जिससे ये अंदेशा लगाया जा रहा है कि सिद्धार्थ मानसिक रुप से काफी परेशान थे और उन्होंने खुदकुशी कर ली है। सिद्धार्थ ने अपने पत्र में कैफे कॉफी डे के कर्मचारियों और निदेशक मंडल को लिखा था कि हर वित्तीय लेनदेन मेरी जिम्मेदारी है, कानून को मुझे और केवल मुझे जवाबदेह रखना चाहिए।

 ‘कैफे कॉफी डे’ के मालिक ने कंगाली की वजह से की खुदकुशी? जानिए आईटी पर क्यों लगा अनुचित कार्रवाई का आरोप

उन्होंने आगे लिखा, “ मैं अपने निवेशकों और कंपनी के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स से माफी मांगते हूं और मैं अब सरेंडर करता हूं।” उन्होंने कहा कि 37 साल के कठिन परिश्रम से अपनी कंपनियों में 30 हजार नौकरियों को सृजित किया। लेकिन अपने तमाम प्रयासों के बावजूद इन कंपनियों को लाभ का बिजनेस बनाने में नाकाम रहा। उन्‍होंने लिखा कि मुझ पर कर्जदाताओं का अत्‍यधिक दबाव है और किसी को धोखा देना मकसद कभी नहीं रहा, लेकिन एक उद्यमी के रूप में फेल रहा।


सिद्धार्थ के द्वारा लिखी गई चिट्ठी में यह साफ झलक रहा है कि वे काफी दबाव में थे। उन्होंने लिखा है, “मैंने बहुत संघर्ष करने का काम किया लेकिन एक इक्विटी पार्टनर के दबाव को और सहन करने में मैं असमर्थ हूं। वह मुझपर लगातार उन शेयरों को बायबैक (वापस खरीदने) करने के लिए दबाव बना रहे हैं, जिसका ट्रांजैक्शन मैंने आंशिक रूप से छह महीने पहले कर दिया जो एक दोस्त के साथ पूंजी इकट्ठा करने के लिए किया था।”

इस पत्र में सिद्धार्थ ने आयकर विभाग के एक पूर्व डीजी पर प्रताड़ना का आरोप भी लगाया है। उन्होंने कह, “एक पूर्व डीजी ने माइंडट्री के साथ डील ब्लॉक करने के लिए उनके शेयर्स को दो बार अटैच किया, जबकि संशोधित रिटर्न्स उनकी ओर से फाइल किए जा चुके थे। सिद्धार्थ ने आईटी विभाग की इस कार्रवाई को अनुचित बताया है और लिखा है कि इसके कारण पैसे की कमी हो गई थी।” बताया जा रहा है कि सीसीडी पर 7000 करोड़ रुपये से अधिक का कर्ज था।


बता दें कि सिद्धार्थ सोमवार को कर्नाटक के मंगलुरु जा रहे थे जब उन्होंने अपने ड्राइवर को नेत्रवती नदी पर एक पुल के पास कार रोकने के लिए कहा और उतर गए। ड्राइवर से सैर करने की बात कहकर निकले और उसके बाद नहीं लौटे। जब कुछ समय बाद सिद्धार्थ वापस नहीं आए तो ड्राइवर घबरा गया और उसने सिद्धार्थ के परिवार को फोन किया। वह तब से अब तक लापता हैं।

दक्षिण कन्नड़ जिले के उपायुक्त सेंथिल शशिकांत सेंथिल ने बताया कि 200 से अधिक पुलिसकर्मी और गोताखोर 25 नौकाओं के जरिए उनकी तलाश कर रहे हैं। उपायुक्त ने बताया कि खोजी कुत्तों की भी मदद ली जा रही है। मंगलूरू के पुलिस आयुक्त संदीप पाटिल ने बताया कि‘ तलाश में स्थानीय मछुआरों की मदद ली जा रही है। हम यह पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि उन्होंने किस-किससे फोन पर बात की थी।

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Published: 30 Jul 2019, 2:24 PM