अटल सरकार में मंत्री रहे दिलीप रे को कोयला घोटाला मामले में 3 साल की सजा, जुर्माना भी लगा

कोयला भ्रष्टाचार मामले में दोषी करार दिए जा चुके पूर्व केंद्रीय मंत्री दिलीप रे समेत तीन दोषियों को कोर्ट ने 3 साल की सजा सुनाई है। पिछली सुनवाई के दौरान सभी आरोपियों को दोषी करार दिया गया था, लेकिन सजा पर फैसला आज सुनाया गया है।

फोटो: सोशल मीडिया
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विनय कुमार

कोयला भ्रष्टाचार मामले में दोषी करार दिए जा चुके पूर्व केंद्रीय मंत्री दिलीप रे समेत तीन दोषियों को कोर्ट ने 3 साल की सजा सुनाई है। पिछली सुनवाई के दौरान सभी आरोपियों को दोषी करार दिया गया था, लेकिन सजा पर फैसला आज सुनाया गया है। पिछली सुनवाई के दौराना कोर्ट ने सभी दोषियों को व्यक्तिगत तौर पर अदालत में हाजिर होने के लिए निर्देश दिया था। बता दें कि यह मामला झारखंड में 1999 में कोयला ब्लॉक के आवंटन में कथित अनियमितता से संबंधित है।

विशेष न्यायाधीश भारत पराशर ने सजा सुनाते हुए सभी दोषियों पर 10 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है। दिलीप रे का पक्ष रख रहे वकील मनु शर्मा ने कहा कि हम जमानत के लिए अदालत जा रहे हैं और इस फैसले के खिलाफ अपील भी करेंगे।

चलिए बताते है पूरा मामला क्या है। अगस्त 1998 की रिपोर्ट में बताया था कि ब्रह्माडीहा खदान काफी समय से किसी काम लायक नहीं है। ये भी बताया गया कि इससे कोयला निकाला जाना सुरक्षा नियमों के खिलाफ होगा। सीबीआई के मुताबिक, यह फाइल 23 अप्रैल 1999 को दिलीप रे के कार्यालय भेज दी गई थी। सीटीएल ने 12 मई 1999 को नए सिरे से आवेदन देकर उनके आवेदन को शीघ्र निपटाने के लिए कहा था। दिलीप रे ने अगले दिन यह फाइल कोयला सचिव को भेज कर इस पर दोबारा विचार करने के लिए कहा था। एजेंसी का दावा है कि यह फाइल दोबारा नित्यानंद गौतम के पास पहुंची तो उन्होंने पहले के रुख से यू-टर्न लेते हुए खदान आवंटन की सिफारिश कर दी।

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