SIR पर चर्चा: अखिलेश यादव का केंद्र पर हमला, 'SIR के नाम पर छिपा हुआ NRC चल रहा, मृत BLO परिवारों को मिले ₹1 करोड़'

लोकसभा में अखिलेश यादव ने SIR पर गंभीर सवाल उठाते हुए कहा कि BLO ट्रेनिंग के बिना काम कर रहे हैं। उन्हंने कहा कि मृत कर्मियों के परिवार को सहायता मिले और चुनाव सुधार आयोग से शुरू हों।

फोटोः वीडियोग्रैब
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नवजीवन डेस्क

लोकसभा में मंगलवार को चुनाव सुधार पर चर्चा के दौरान सपा सांसद अखिलेश यादव ने चुनाव आयोग और सरकार पर गंभीर सवाल खड़े किए। उन्होंने यूपी में हुए उपचुनाव का जिक्र करते हुए कहा कि चुनाव में निष्पक्ष कार्यवाही कहीं भी देखने को नहीं मिली। रामपुर उपचुनाव में बीजेपी नेतृत्व और मुख्यमंत्री ने तय किया था कि यहां से बीजेपी की जीत होगी।

'वोटरों को घर से निकलने नहीं दिया गया'

उन्होंने कहा वोटिंग के दिन हमने देखा कि किस तरह से पुलिस-प्रशासन इस बात पर ध्यान दे रहा था कि कोई वोटर घर से न निकले। पहली बार बीजेपी वहां से लोकसभा चुनाव जीती। हमने चुनाव आयोग को एक-एक घटना की सूचना दी, लेकिन आयोग ने किसी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की। अगर कार्रवाई हुई हो तो बताया जाए। सपा सांसद ने कहा कि हार-जीत लोकतंत्र का हिस्सा है, लेकिन आयोग की भूमिका निष्पक्ष होनी चाहिए।


CEC की नियुक्ति प्रक्रिया में बदलाव की मांग का समर्थन

अखिलेश यादव ने मुख्य चुनाव आयुक्त की नियुक्ति प्रक्रिया में बदलाव को लेकर कांग्रेस की मांग का समर्थन किया। उन्होंने कहा कि बैलेट पेपर से वोटिंग की व्यवस्था फिर से लागू होनी चाहिए। उन्होंने तर्क दिया कि जापान और जर्मनी जैसे टेक्नोलॉजी-समृद्ध देश भी बैलेट पेपर का उपयोग कर सकते हैं, तो भारत क्यों नहीं?

फ्रीबीज, टीवी स्पेस और चुनावी फंडिंग पर उठाए सवाल

फ्रीबिज नीति पर बीजेपी के आरोपों का जवाब देते हुए अखिलेश ने कहा कि यूपी में बनाई गई नीति को उस समय चुनाव प्रभावित करने की कोशिश बताकर रोकने की मांग की गई थी। उन्होंने कहा कि टीवी पर सभी दलों को बराबर स्पेस मिलना चाहिए। सोशल मीडिया पर बीजेपी हजारों करोड़ रुपए निगेटिव कैंपेन में खर्च कर रही है। इलेक्टोरल बॉन्ड्स सबसे ज्यादा बीजेपी को और दूसरे नंबर पर कांग्रेस को मिले।

मृत BLOs के परिजनों को ₹1 करोड़ और नौकरी की मांग

एसआईआर पर बोलते हुए अखिलेश यादव ने कहा कि यूपी में इस प्रक्रिया के दौरान 10 लोगों की मौत हो चुकी है। अखिलेश यादव ने कहा कि उत्तर प्रदेश में नौ BLO की मौत हो चुकी है। उन्होंने संसद में मांग की कि प्रत्येक मृत BLO के परिवार को ₹1 करोड़ मुआवजा और एक सदस्य को सरकारी नौकरी दी जाए, ताकि भविष्य में ऐसी स्थितियों को गंभीरता से लिया जा सके।


BLO को ट्रेनिंग न मिलने पर सवाल

अखिलेश यादव ने SIR की प्रक्रिया पर गंभीर सवाल उठाते हुए कहा कि बूथ लेवल अधिकारियों को बिना उचित प्रशिक्षण मैदान में उतार दिया गया, जिसके चलते भ्रम और दबाव बढ़ा। उन्होंने दावा किया कि यह पूरे अभियान की पारदर्शिता और विश्वसनीयता पर सवाल खड़ा करता है।

SIR को 'छिपा हुआ NRC' बताने का आरोप

उन्होंने कहा कि वन नेशन-वन इलेक्शन के साथ-साथ वोटर लिस्ट को भी एक करने की बात हो रही है, लेकिन यूपी में आधार जैसी पहचान को मान्यता ही नहीं दी जा रही।

सपा प्रमुख ने यह भी आरोप लगाया कि SIR की आड़ में राज्य में NRC जैसा अभियान चलाया जा रहा है, और इसी वजह से डिटेंशन सेंटर बनाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि वोटर लिस्ट सुधार के नाम पर गरीब, प्रवासी और वंचित तबकों को डराया जा रहा है, जो लोकतांत्रिक अधिकारों का उल्लंघन है।


वोट चोरी, फर्जी मतदान और मतदाताओं को रोकने के आरोप

उन्होंने कहा कि चुनाव सुधार की प्रक्रिया सबसे पहले चुनाव आयोग से शुरू होनी चाहिए। चंडीगढ़ में जिस तरह वोट चोरी हुई, मतदाताओं को वोट डालने से रोका गया, एक ही व्यक्ति ने कई बार वोट डाला और वोटिंग के दिन सरकारी योजनाओं के जरिए मतदाताओं को प्रभावित किया गया। ऐसे मामलों पर सख्त कार्रवाई जरूरी है।

डायरेक्ट कैश ट्रांसफर से चुनाव प्रभावित होने का आरोप

चर्चा के दौरान अखिलेश यादव ने आरोप लगाया कि चुनाव के समय सरकारी योजनाओं के जरिए किए जाने वाले कैश ट्रांसफर वोटरों को प्रभावित करते हैं, और यह निष्पक्ष चुनाव प्रक्रिया में दखल है। उन्होंने कहा कि आयोग को ऐसे मामलों पर सख्त और स्पष्ट दिशानिर्देश जारी करने चाहिए।

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