फिर विवादों में बर्खास्त IAS पूजा खेडकर, अगवा ट्रक चालक को उनके घर से मुक्त कराया गया, मां पर केस दर्ज
पुणे पुलिस ने बताया कि पूजा खेडकर की मां मनोरमा खेडकर के खिलाफ रविवार को ड्राइवर की तलाश में घर में प्रवेश करने की कोशिश कर रही पुलिस को रोकने का केस दर्ज किया गया है। इसके अलावा, पुलिस ने एसयूवी सवार लोगों के खिलाफ अपहरण का केस भी दर्ज किया है।

ओबीसी और दिव्यांगता कोटा का फर्जी तरीके से लाभ उठाने और अन्य आरोपों में सेवा से मुक्त कर दी गई ट्रेनी आईएएस पूजा खेडकर एक बार फिर विवादों में हैं। नवी मुंबई में रोड रेज की घटना के बाद दो व्यक्तियों द्वारा एक ‘एसयूवी’ के जरिये अगवा किये गए ट्रक चालक को खेडकर के पुणे के बंगला से मुक्त कराया गया है। मामले में पुलिस ने पूजा खेडकर की मां के खिलाफ भी केस दर्ज किया है।
पुणे पुलिस ने सोमवार को बताया कि पूजा खेडकर की मां मनोरमा खेडकर के खिलाफ, रविवार को ड्राइवर की तलाश में घर में प्रवेश करने की कोशिश कर रही पुलिस को रोकने का मामला दर्ज किया गया है। इसके अलावा, नवी मुंबई पुलिस ने एसयूवी सवार लोगों के खिलाफ अपहरण का मामला भी दर्ज किया है। खेडकर पर सिविल सेवा परीक्षा में फर्जीवाड़ा करने और गलत तरीके से ओबीसी और दिव्यांग कोटे का लाभ लेने का आरोप है।
पुलिस ने बताया कि अपहरण की घटना शनिवार शाम नवी मुंबई टाउनशिप में मुलुंड-ऐरोली रोड पर हुई, जब प्रह्लाद कुमार (22) अपना कंक्रीट मिक्सर ट्रक चला रहे थे। रबाले पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि ट्रक एक स्पोर्ट्स यूटिलिटी व्हीकल (एसयूवी) को छूते हुए निकल गया था, जिसके बाद कुमार और एसयूवी में सवार दो लोगों के बीच बहस हो गई। अधिकारी ने बताया कि इसके बाद एसयूवी सवार लोगों ने प्रह्लाद कुमार को पुलिस थाने ले जाने के बहाने जबरन अपने वाहन में बिठा लिया और मौके से फरार हो गए।
ट्रक के मालिक की शिकायत के आधार पर रविवार को भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 137(2) (अपहरण) के तहत दो अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया। पुलिस ने बाद में एसयूवी को पुणे में पाया। अधिकारी ने बताया कि तकनीकी साक्ष्यों के आधार पर, नवी मुंबई पुलिस ने पाया कि प्रह्लाद कुमार को पुणे ले जाया गया था, जिसके बाद रविवार को एक टीम वहां गई।
अधिकारी ने कहा, "हमें गाड़ी और पीड़ित, पूजा खेडकर के बंगले में मिले।" उन्होंने बताया कि शुरुआत में खेडकर की मां ने पुलिस को घर में घुसने से रोका और उनसे उलझ पड़ीं।’’ उनके अनुसार, बाद में पुलिस का दल घर में घुसने में कामयाब रहा। उन्होंने कुमार को वहां से मुक्त कराया और उन्हें नवी मुंबई वापस लाया गया। पुलिस ने कहा, "अपहरणकर्ताओं और उनके मकसद की पहचान के लिए मामले की जांच जारी है।"
पुणे के चतुश्रृंगी पुलिस थाने के वरिष्ठ निरीक्षक उत्तम भजनवाले ने कहा, ‘‘रबाले पुलिस थाना की एक टीम ट्रक चालक के अपहरण के मामले में आई थी, जिसे पुणे में मनोरमा खेडकर के बंगले पर पाया गया। जब पुलिस टीम जांच के लिए उनके बंगले पर पहुंची तो उन्होंने उनके साथ सहयोग नहीं किया और कथित तौर पर उन्हें अपने कर्तव्यों का निर्वहन करने से रोका।"
उन्होंने बताया कि रोड रेज की घटना के बाद, एसयूवी सवार दो लोग ट्रक चालक को जबरन अपनी गाड़ी में डालकर मनोरमा के बंगले पर ले आए। उन्होंने बताया कि रबाले पुलिस अधिकारी की शिकायत के बाद, चतुश्रृंगी पुलिस ने मनोरमा खेडकर के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 221 (किसी लोक सेवक को उसके सार्वजनिक कर्तव्यों के निर्वहन में बाधा डालना) के तहत मामला दर्ज किया है। नवी मुंबई पुलिस ने भी उन्हें पूछताछ के लिए उपस्थित होने का नोटिस जारी किया है।
इस बीच, पुणे और नवी मुंबई पुलिस की एक टीम सोमवार दोपहर मामले की जांच के लिए मनोरमा खेडकर के घर पहुंची, लेकिन वह वहां नहीं मिलीं। भजनवाले ने बताया, ‘‘चूंकि बंगले का मुख्य द्वार खोलने के लिए कोई मौजूद नहीं था, इसलिए पुलिसकर्मी लोहे का गेट फांदकर परिसर में घुस गए। लेकिन मनोरमा अंदर नहीं मिलीं।"
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यहां बता दें कि पूजा खेडकर पर आरक्षण का लाभ उठाने के लिए 2022 की यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा के लिए अपने आवेदन में तथ्यों को गलत तरीके से प्रस्तुत करने का आरोप है। इन आरोपों के बाद केंद्र सरकार ने पिछले साल सितंबर में पूर्व परिवीक्षाधीन आईएएस पूजा खेडकर को तत्काल प्रभाव से भारतीय प्रशासनिक सेवा से सेवा मुक्त कर दिया था।
संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) ने खेडकर के खिलाफ कई कार्रवाई शुरू की है, जिसमें फर्जी पहचान बताकर सिविल सेवा परीक्षा में शामिल होने के आरोप में आपराधिक मामला दर्ज करना भी शामिल है, जबकि दिल्ली पुलिस ने उनके खिलाफ विभिन्न अपराधों के लिए प्राथमिकी दर्ज की थी। हालांकि, खेडकर ने अपने ऊपर लगाये गए सभी आरोपों का खंडन किया है। फिलहाल खेडकर जमानत पर हैं।
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पूजा खेडकर की प्रोबेशनरी आईएएस अधिकारी के रूप में नियुक्ति को लेकर विवाद शुरू होने के बाद, पिछले साल एक वीडियो सामने आया था जिसमें उनकी मां एक किसान को पिस्तौल दिखाकर धमकी देती हुई दिख रही थीं। इस मामले में मनोरमा खेडकर को गिरफ्तार किया गया था। हालांकि बाद में उन्हें जमानत पर रिहा कर दिया गया।
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