अयोग्यता मुझे दिया हुआ बीजेपी का सबसे बड़ा तोहफा, पता चल गया सवाल पूछना सही था, जारी रखूंगा- राहुल गांधी

राहुल गांधी ने कहा कि मेरी अयोग्यता का कोई मतलब नहीं है, क्योंकि वायनाड के साथ मेरा रिश्ता जीवन भर चलने वाला है। उन्होंने भले ही मेरा घर, मेरे सांसद का पद ले लिया और मुझे जेल में भी डाल सकते हैं, लेकिन वे मुझे आपका प्रतिनिधित्व करने से नहीं रोक सकते।

फोटोः @INC
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नवजीवन डेस्क

कांग्रेस नेता राहुल गांधी गुजरात कोर्ट से 2019 के आपराधिक मानहानि मामले में दोषी घोषिथत होने पर लोकसभा से अयोग्य ठहराए जाने के बाद आज पहली बार अपने पूर्व संसदीय क्षेत्र वायनाड के दौरे पर पहुंचे, जहां हजारों लोगों की भीड़ ने अपने पूर्व सांसद का जोरदार स्वागत किया। कई लोगों ने दावा किया कि यह वायनाड में अब तक की सबसे बड़ी भीड़ थी, यहां तक कि उस भीड़ से भी ज्यादा जो 2019 के लोकसभा चुनाव के लिए अपना नामांकन दाखिल करने के लिए राहुल गांधी का स्वागत करने के लिए उमड़ी थी।

वायनाड पहुंचने पर जोरदार स्वागत के बाद उन्होंने कलपेट्टा मे विशाल जनसभा को संबोधित किया। अदालत के एक फैसले पर अयोग्य ठहराए जाने के बाद अपने निर्वाचन क्षेत्र के पहले दौरे पर राहुल गांधी को सम्मानित करने के लिए कलपेट्टा में बुलाई गई विशाल जनसभा को तालियों की गड़गड़ाहट के बीच संबोधित करते हुए उन्होंने कहा बीजेपी ने संसद से अयोग्य ठहराकर उन्हें सबसे बड़ा तोहफा दिया है।

राहुल गांधी ने कहा कि उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से केवल गौतम अडानी के साथ उनके रिश्ते के बारे में पूछा था। उसके बाद संसद में हम सभी ने पहली बार देखा कि सरकार खुद सत्र को सुचारु रूप से आगे बढ़ने से रोकने की कोशिश कर रही है। उन्होंने कहा, "यह अयोग्यता बीजेपी का मुझे दिया हुआ सबसे बड़ा उपहार है, क्योंकि मुझे नहीं पता था कि मैं जो कर रहा था, वह सही था या नहीं। लेकिन भाजपा को हर समय मुझ पर हमला करते देखने के बाद मुझे पता चल गया कि मैं सही काम कर रहा हूं। मैं यह काम बंद करने नहीं जा रहा हूं। मैं सवाल पूछना जारी रखूंगा।"


कांग्रेस नेता ने आगे कहा, "मुझे पता है कि यहां सभी मेरा समर्थन कर रहे हैं। मैं आपको विश्वास दिलाता हूं कि मैं हमेशा आपका समर्थन करूंगा, भले ही मैं सांसद रहूं या नहीं। यह दो दृष्टियों के बीच की लड़ाई है, क्योंकि बीजेपी के पास एक अलग दृष्टि है और हमारे पास उससे अलग दृष्टि है। हम सभी जानते हैं कि हम सही रास्ते पर आगे बढ़ रहे हैं। उन्होंने भले ही मेरा घर, मेरे सांसद का पद ले लिया और मुझे जेल में भी डाल सकते हैं, लेकिन वे मुझे आपका प्रतिनिधित्व करने से नहीं रोक सकते।"

कांग्रेस नेता ने कहा, मैं उस घर में खुश नहीं था जहां मैं रहता था, जिसे उन्होंने मुझसे छीन लिया, क्योंकि मुझे पता है कि वायनाड में बहुत सारे लोग हैं, जिन्होंने बाढ़ के दौरान अपने घर खो दिए। मैं वायनाड के मुद्दों को उठाता रहूंगा। उन्होंने कहा कि मेरी अयोग्यता का कोई मतलब नहीं है, क्योंकि वायनाड के साथ मेरा रिश्ता जीवन भर चलने वाला है। यह अयोग्यता आप सभी के साथ मेरे रिश्ते को और गहरा करेगी।

राहुल गांधी के बोलने से पहले प्रियंका गांधी ने भी सभा को संबोधित करते हुए कहा कि उनके भाई एक ईमानदार व्यक्ति हैं। प्रियंका ने कहा कि मैं हाल ही में उनके सामान पैक करने में मदद करने के लिए उनके घर गई थी, क्योंकि उन्हें बाहर जाना था। वहां बैठकर मुझे लगा कि यहां उनका कोई नहीं है, कोई परिवार नहीं है। उन्होंने कहा, "मेरा भाई एक ईमानदार और बहादुर व्यक्ति है और उसे चुप नहीं कराया जा सकता। वह एक ऐसा व्यक्ति है जो लोगों के दर्द को समझता है।"

इससे पहले आज दिन में राहुल गांधी अपनी बहन प्रियंका के साथ कन्नूर पहुंचे और बाद में एक हेलीकॉप्टर से उन्होंने कालपेट्टा के लिए उड़ान भरी। हेलीपैड से लेकर सभा स्थल तक सड़क के दोनों तरफ हजारों की संख्या में लोग उनकी एक झलक पाने के लिए जमा थे। एक खुले वाहन में सभा स्थल तक की दूरी तय करने में उन्हें 30 मिनट से भी अधिक लग गए।

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