नहीं रहे करुणानिधि: 6 दशकों तक तमिलनाडु की राजनीति में चलता रहा उनके नाम का सिक्का

करुणानिधि ने महज 14 की उम्र में राजनीति में कदम रखा। दक्षिण भारत में हिंदी विरोध पर मुखर होते हुए करुणानिधि हिंदी हटाओ आंदोलन में शामिल हो गए। 1937 में स्कूलों में हिंदी को अनिवार्य करने पर बड़ी संख्या में युवाओं ने विरोध किया, उनमें से करुणानिधि एक थे।

फोटो: सोशल मीडिया 
फोटो: सोशल मीडिया
user

नवजीवन डेस्क

लगभग 6 दशकों तक तमिलनाडु की राजनीति का केंद्र रहे करुणानिधि ने आखिरकार दुनिया को अलविदा कह दिया। 5 बार तमिलनाडु के मुख्यमंत्री रहे करुणानिधि द्रविड़ राजनीति की उपज थे।

दक्षिण भारत में सिनेमा से राजनीति में कदम रखने की परंपरा बहुत पुरानी है। पांच बार तमिलनाडु के मुख्यमंत्री और 12 बार विधानसभा सदस्य रहे डीएमके प्रमुख करुणानिधि भी इसी तरह राजनीति में आए। भारतीय राजनीति में एक अलग ही पहचान रखने वाले करुणानिधि तमिल सिनेमा जगत के एक नाटककार और पटकथा लेखक थे। इसलिए उनके प्रशंसक उन्हें कलैनर कहकर बुलाते हैं यानी तमिल कला का विद्वान।

पहली बार करुणानिधि ने 1969 में मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी। इसी साल डीएमके के संस्थापक सीएन अन्नादुरई की मौत के बाद करुणानिधि के हाथ में पार्टी की कमान आई।

करुणानिधि को तिरुचिरापल्ली जिले के कुलिथालाई विधानसभा से1957 में तमिलनाडु विधानसभा के लिए पहली बार चुना गया।1961 में वे डीएमके के कोषाध्यक्ष बने और 1962 में राज्य विधानसभा में विपक्ष के उपनेता बने। 1967 में डीएमके जब सत्ता में आई तब करुणानिधि सार्वजनिक कार्य मंत्री बने।

इस तरह कूदे थे राजनीति में

करुणानिधि ने महज 14 की उम्र में राजनीति में कदम रखा। दक्षिण भारत में हिंदी विरोध पर मुखर होते हुए करुणानिधि हिंदी हटाओ आंदोलन में शामिल हो गए। 1937 में स्कूलों में हिंदी को अनिवार्य करने पर बड़ी संख्या में युवाओं ने विरोध किया, उनमें से करुणानिधि एक थे। इसके बाद उन्होंने तमिल भाषा को हथियार बनाया और तमिल में भी नाटक और स्क्रिप्ट लिखने लगे।

करुणानिधि की बेहतरीन भाषा को देखते हुए पेरियार और अन्नादुराई ने उन्हें 'कुदियारासु' का संपादक बना दिया। हालांकि पेरियार और अन्नादुराई के बीच मतभेद पैदा होने के बाद वे अन्नादुराई के साथ जुड़ गए और इसके बाद उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा।

करुणानिधि ने तीन शादियां की थीं - पहली पत्नी पद्मावती, दूसरी पत्नी दयालु अम्मल और तीसरी पत्नी रजति अम्माल। तीनों पत्नियों से उनके चार बेटे और दो बेटियां है। एमके मुथू पद्मावती के बेटे हैं, जबकि एमके अलागिरी, एमके स्टालिन, एमके तमिलरासू और बेटी सेल्वी, दयालु अम्मल की संतानें हैं। उनकी तीसरी पत्नी रजति अम्माल की बेटी कनिमोड़ी हैं।

Google न्यूज़नवजीवन फेसबुक पेज और नवजीवन ट्विटर हैंडल पर जुड़ें

प्रिय पाठकों हमारे टेलीग्राम (Telegram) चैनल से जुड़िए और पल-पल की ताज़ा खबरें पाइए, यहां क्लिक करें @navjivanindia