DMK ने मनरेगा को खत्म करने के खिलाफ मोर्चा खोला, 24 दिसंबर को चेन्नई सहित सभी जिलों में आंदोलन का किया ऐलान

डीएमके ने महात्मा गांधी का नाम हटाने और हिंदी थोपने जैसे कदमों को भी ग्रामीण भारत की आत्मा के खिलाफ बताया है। गठबंधन का आरोप है कि एआईएडीएमके ने केंद्र सरकार के इन फैसलों का समर्थन कर तमिलनाडु के लोगों को धोखा दिया है।

DMK ने मनरेगा को खत्म करने के खिलाफ मोर्चा खोला, 24 दिसंबर को चेन्नई सहित सभी जिलों में आंदोलन का किया ऐलान
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नवजीवन डेस्क

तमिलनाडु के सीएम एमके स्टालिन की पार्टी द्रविड़ मुन्नेत्र कड़गम (डीएमके) और धर्मनिरपेक्ष प्रगतिशील गठबंधन ने केंद्र की बीजेपी सरकार द्वारा मनरेगा योजना को खत्म करने के फैसले का कड़ा विरोध करते हुए 24 दिसंबर को सुबह 10 बजे चेन्नई सहित राज्य के सभी जिलों में विरोध-प्रदर्शन करने का ऐलान किया है। यह प्रदर्शन केंद्र सरकार के कदम की निंदा करने और इस कदम के लिए एआईएडीएमके के समर्थन का विरोध करने के लिए होगा।

डीएमके का आरोप है कि केंद्र सरकार मनरेगा में संशोधन के नाम पर उसे खत्म कर रही है और ग्रामीणों की आजीविका पर सीधा हमला कर रही है। इसके साथ ही परियोजना के काम में बाधा डाली जा रही है, वित्तीय आवंटन में कटौती की जा रही है, राज्यों पर आर्थिक बोझ बढ़ाया जा रहा है और कार्य दिवसों व लाभार्थियों की संख्या घटाई जा रही है।


पार्टी ने महात्मा गांधी का नाम हटाने और हिंदी थोपने जैसे कदमों को भी ग्रामीण भारत की आत्मा के खिलाफ बताया है। इन बदलावों के कारण '100 दिन काम' अब व्यवहारिक रूप से संभव नहीं रह गया है। डीएमके ने इस मुद्दे पर ऑल इंडिया अन्‍ना द्रविड़ मुन्‍नेत्र कड़गम (एआईएडीएमके) की भूमिका की भी कड़ी आलोचना की है। गठबंधन का आरोप है कि एआईएडीएमके ने केंद्र सरकार के इन फैसलों का समर्थन कर तमिलनाडु के लोगों को धोखा दिया है।

डीएमके के इस प्रदर्शन में राष्ट्रीय और विधानसभा स्तर के नेता, जिला सचिव, राज्य और जिला प्रशासक, यूनियन प्रतिनिधि, स्थानीय निकायों के जनप्रतिनिधि, वार्ड और शाखा संगठनों के पदाधिकारी और गठबंधन से जुड़े सभी सहयोगी दलों के कार्यकर्ता भाग लेंगे। डीएमके ने कार्यकर्ताओं से अपील की है कि वे संगठित होकर शांतिपूर्ण ढंग से प्रदर्शन करें और केंद्र की बीजेपी सरकार और उसका समर्थन कर रही एआईएडीएमके के खिलाफ नारेबाजी कर आवाज बुलंद करें।


पार्टी ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार मनरेगा योजना में संशोधन कर मजदूरों के साथ गलत कर रही है। पहले जहां 90 प्रतिशत राशि केंद्र सरकार देती थी, उसे कम करके राज्य सरकारों पर थोपा जा रहा है। इससे इस योजना को राज्य में लागू करने में भी परेशानी होने वाली है। इसके साथ ही इन लोगों ने महात्मा गांधी के नाम को हटाकर गलत किया है। बीजेपी सरकार लगातार नाम बदलने में लगी हुई है। इसके अलावा इन लोगों के पास कोई काम नहीं बचा हुआ है। देश के विकास के लिए ये लोग कुछ नहीं कर रहे हैं।