दिल्ली यूनिवर्सिटी में 15 जुलाई के आसपास शुरु होगी दाखिला प्रक्रिया, 12वीं की परीक्षा रद्द होने के चलते होगी देरी

दिल्ली विश्वविद्यालय में प्रवेश प्रक्रिया 15 जुलाई के आसपास शुरु होने की संभावना है। लेकिन इस बार दाखिले में देरी हो सकती है क्योंकि 12वीं की परीक्षा रद्द होने के बाद नतीजों का फार्मूला अभी तय नहीं है। इस फार्मूले के बाद ही विश्वविद्यालय प्रवेश प्रक्रिया तय करेगा।

फोटो : सोशल मीडिया
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नवजीवन डेस्क

पीएम मोदी की अध्यक्षता में हुई बैठक के बाद सीबीएसई की 12वीं की बोर्ड परीक्षाएं रद्द होने और उसके बाद कई राज्यों द्वारा ऐसा ही ऐलान अपने बोर्ड्स की परीक्षाओं को लेकर किए जाने के बाद बहस शुरु हो गई है कि अब आखिर विश्वविद्यालयों में छात्रों को दाखिला देने की प्रक्रिया क्या होगी। इसे लेकर दिल्ली विश्वविद्यालय ने कहा है कि इस फैसले का असर निश्चित रूप से दाखिले पर भी पड़ेगा।

दिल्ली विश्वविद्यालय पहले ही कह चुका है कि इस बार परीक्षा रद्द होने के कारण केंद्रीय विश्वविद्यालयों में दाखिले के लिए होने वाले कॉमन एंट्रेंस टेस्ट नहीं लिए जाएंगे। इसके साथ ही अब विश्वविद्यालय ने यह भी स्पष्ट किया है कि इस वर्ष भी दाखिला प्रक्रिया में देरी हो सकती है।

दिल्ली विश्वविद्यालय के कार्यकारी कुलपति पीसी जोशी ने कहा है कि सीबीएसई बोर्ड बारहवीं कक्षा के नतीजे घोषित होने के बाद दाखिला प्रक्रिया शुरू होगी। हालांकि कॉलेजों में यह दाखिला प्रक्रिया पिछले वर्ष के मुकाबले देरी से शुरू हो सकती है।

12वीं की परीक्षा रद्द की जा चुकी है। लेकिन इसका नतीजा किस आधार पर घोषित किया जाएगा यह फामूर्ला अभी तय नहीं किया जा सका है। सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई करते हुए शिक्षा मंत्रालय को 2 सप्ताह का समय दिया है। इन 2 सप्ताह के दौरान शिक्षा मंत्रालय 12वीं का रिजल्ट घोषित करने का फार्मूला तय कर सकता है। वहीं दिल्ली विश्वविद्यालय में स्नातक पाठ्यक्रमों का दाखिला इस बार मेरिट के आधार पर होगा। विश्वविद्यालय प्रशासन के मुताबिक फिलहाल प्रवेश परीक्षाओं को विकल्प के रूप में नहीं रखा गया है।

दिल्ली विश्वविद्यालय के कार्यकारी कुलपति पीसी जोशी ने कहा कि इस साल सेंट्रल यूनिवर्सिटीज कॉमन एंट्रेंस टेस्ट (सीयूसीईटी) लागू होने की संभावना नहीं है। ऐसी स्थिति में विश्वविद्यालय की कट-ऑफ घोषित करते समय सीबीएसई मानदंड का पालन किया जाएगा।


पीसी जोशी ने कहा, यह निर्णय अभूतपूर्व कोविड स्थिति को देखते हुए लिया गया है। हम भारत सरकार के साथ हैं। हमारे प्रवेश मानदंड सख्ती से योग्यता के आधार पर होंगे। हम सीबीएसई बोर्ड की कसौटी का सम्मान करेंगे।

ध्यान रहे कि सीबीएसई की 12वीं की परीक्षा रद्द करते हुए केंद्र सरकार ने कहा कि कक्षा 12 के परिणाम एक अच्छी तरह से परिभाषित उद्देश्य मानदंड के अनुसार संकलित किए जाएंगे। अब दिल्ली विश्वविद्यालय ने आधिकारिक तौर पर कहा कि 12वीं बोर्ड की परीक्षाओं को लेकर सीबीएसई जो भी फॉर्मूला अपनाएगा हम उसी के आधार पर कट-ऑफ घोषित करेंगे। हर साल, डीयू अधिकांश पाठ्यक्रमों में कट-ऑफ के माध्यम से स्नातक प्रवेश आयोजित करता है, जिसकी गणना काफी हद तक कक्षा 12 के अंकों के आधार पर की जाती है।

गौरतलब है कि 12वीं कक्षा की बोर्ड परीक्षाएं रद्द की जा चुकी हैं। छात्रों अभिभावकों व शिक्षाविदों ने इस फैसले का स्वागत किया है। हालांकि 12वीं के छात्रों के रिजल्ट और मूल्यांकन को लेकर प्रश्न अभी भी बाकी हैं। देशभर के कई प्रसिद्ध शिक्षण संस्थानों व शिक्षाविद मूल्यांकन प्रक्रिया को एक समान व पारदर्शी बनाने की अपील कर रहे हैं।

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