देवभूमि में जमकर बरस रही आसमानी आफत, मूसलाधार बारिश से रौद्र रूप में आई गंगा, धर्मनगरी हरिद्वार में आया सैलाब!

इस बार सीजन में पहली बार 2 घंटे के भीतर दो बार गंगा खतरे के निशान को पार कर चुकी है। गंगा के बढ़ते जल स्तर के कारण हरिद्वार से आगे के गंगा किनारे के इलाकों में अलर्ट जारी कर दिया गया है। गंगा के किनारे रहने वाले लोगों से गंगा किनारे ना जाने की अपील की जा रही है।

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नवजीवन डेस्क

उत्तराखंड में भारी बारिश का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। देवभूमि में आसमानी आफत जमकर बरस रही है, जिससे एक बार फिर कई जगहों पर तबाही का मंजर देखने को मिल रहा है। उत्तराखंड में भारी बारिश से नदी नाले उफान पर बह रहे हैं। पहाड़ों पर हो रही मूसलाधार बरसात के चलते अब मैदानी इलाकों में भी गंगा ने अपना रौद्र रूप दिखाना शुरू कर दिया है।

इस बार सीजन में पहली बार 2 घंटे के भीतर दो बार गंगा खतरे के निशान को पार कर चुकी है। गंगा के बढ़ते जल स्तर के कारण हरिद्वार से आगे के गंगा किनारे के इलाकों में अलर्ट जारी कर दिया गया है। गंगा के किनारे रहने वाले लोगों से गंगा किनारे ना जाने की अपील की जा रही है।

बता दें कि शुक्रवार रात से ही हरिद्वार में मूसलाधार बरसात हो रही है, जिसके चलते हरिद्वार के तमाम उन इलाकों में जलभराव हो गया है जहां पर पूर्व में भी पानी भरता आया है। चाहे भगत सिंह चौक हो या फिर ज्वालापुर का कटहरा बाजार चौक बाजार चौहान मोहल्ला या फिर कनखल के बाजार जगह जगह जलभराव के कारण लोगों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।

वहीं दूसरी ओर पहाड़ों पर हो रही मूसलाधार बरसात का असर हरिद्वार और उसके आगे के मैदानी इलाकों पर भी पड़ना शुरू हो गया है। इस बार के बरसाती सीजन में पहली बार गंगा ने 2 घंटे के भीतर खतरे के निशान को पार किया है। जिसने सिंचाई विभाग के साथ जिला प्रशासन की भी चिंता बढ़ा दी है। हालांकि सुबह 8 बजे गंगा का जलस्तर 294.5 मीटर दर्ज किया गया जो 9 बजे घटकर 293.95 मीटर आ गया।

गंगा के लगातार बढ़ते वह घटते जलस्तर को देखते हुए उत्तराखंड सिंचाई विभाग जिला प्रशासन को इसकी सूचना लगातार दे रहा है। जिसके बाद 'जिलाधिकारी हरिद्वार विनय शंकर पांडे' ने गंगा पट्टी में स्थित तमाम बाढ़ चौकियों को अलर्ट कर दिया है। साथ ही सख्त निर्देश दिए हैं कि किसी को भी गंगा के किनारे जाने की अनुमति न दी जाए। क्योंकि गंगा कभी भी मैदानी इलाकों में विकराल रूप धारण कर तबाही मचा सकती है।

'एसडीओ कैनाल एसके कौशिक' ने बताया कि हरिद्वार में गंगा नदी के जलस्तर में थोड़ी कमी आयी है, लेकिन अभी भी गंगा खतरे के निशान से काफी ऊपर बह रही है, जो कभी भी मैदानी इलाकों में रहने वाले लोगों को नुकसान पहुंचा सकती है। हमारी पूरी नजर गंगा के वाटर लेवल पर बनी हुई है। हमारी सभी टीम भीमगोड़ा बैराज पर लगातार मुस्तैद हैं। पल पल की जानकारी प्रशासन व पुलिस के साथ साझा की जा रही है ताकि किसी भी स्थिति से निपटने के लिए तैयार रहा जा सके।

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