असम में भारी बारिश से कई नदियों का जलस्तर बढ़ा, 8 जिलों में आई बाढ़, एक की मौत, 40,000 से अधिक लोग प्रभावित

बाढ़ से नगांव, हैलाकांडी, कार्बी आंगलोंग, करीमगंज, कछार, होजाई, गोलाघाट और पश्चिम कार्बी आंगलोंग प्रभावित हुए हैं।

फोटो: PTI
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नवजीवन डेस्क

असम में चक्रवाती तूफान ‘रेमल’ के प्रभाव से लगातार हो रही बारिश की वजह से बुधवार को राज्य की कई नदियों का जलस्तर बढ़ गया, जिससे आठ जिलों में बाढ़ आ गई। बाढ़ की वजह से एक व्यक्ति की मौत हो गई और 40,000 से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।

अधिकारियों ने बताया कि करीमगंज जिले में एक व्यक्ति डूब गया। इसी के साथ मंगलवार से अब तक बाढ़ से मरने वालों की संख्या पांच हो गई जबकि पड़ोसी कछार जिले में दो अन्य लापता हैं।

बाढ़ से नगांव, हैलाकांडी, कार्बी आंगलोंग, करीमगंज, कछार, होजाई, गोलाघाट और पश्चिम कार्बी आंगलोंग प्रभावित हुए हैं।

अधिकारियों ने बताया कि दीमा हसाओ के 11 गांवों में, कछार के तीन और हैलाकांडी के एक गांव में भूस्खलन की खबर है। उन्होंने बताया कि कछार जिले के सिलचर और उधारबोंड में भी भारी पैमान पर कटान की सूचना है।

बराक घाटी के करीमगंज, कछार और हैलाकांडी जिलों में बराक नदी तथा इसकी सहायक नदियां लोंगई, कुशियारा, सिंगला और कटाखल कई स्थानों पर खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं।

उन्होंने बताया कि करीमगंज में चार तटबंध भी क्षतिग्रस्त हो गए, जहां सबसे अधिक 26,430 लोग बाढ़ से प्रभावित हैं। कछार में कुल 8,351 लोग और हैलाकांडी में 6,227 लोग प्रभावित बाढ़ से प्रभावित हैं।

अधिकारियों ने बताया कि इन जिलों के संवेदनशील इलाकों में रहने वाले लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है और राहत सामग्री मुहैया कराई गई है। उन्होंने बताया कि बाढ़ प्रभावित लोगों के लिए करीमगंज में तीन और कछार जिले में दो राहत शिविर बनाए गए हैं।

अधिकारियों ने बताया कि पहाड़ी दीमा हसाओ जिले में बारिश के कारण सड़क संपर्क प्रभावित होने से जन-जीवन अस्त-व्यस्त हो गया।

हरंगाजाओ के पास एक हिस्सा बह जाने के बाद हाफलोंग-सिलचर सड़क पूरी तरह से कट गई है, जबकि हाफलोंग-हरंगाजाओ मार्ग कई भूस्खलन के कारण अवरुद्ध है।

हरंगाजाओ क्षेत्र में कई यात्री वाहन फंसे हुए हैं, स्थानीय लोग फंसे हुए यात्रियों को भोजन और आश्रय प्रदान कर रहे हैं।


अधिकारियों ने बताया कि माहुर और लाइसोंग के बीच की सड़क पूरी तरह बह गई है, जिससे लाइसोंग गांव अलग-थलग पड़ गया है और कोई वैकल्पिक मार्ग नहीं बचा है। जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण और दीमा हसाओ पुलिस ने लोगों को उमरोंगसो-लंका मार्ग को छोड़कर रात में यात्रा न करने की सलाह जारी की है।

जिला प्रशासन ने खराब मौसम के कारण स्कूलों को बंद करने का आदेश दिया है और हाफलोंग-हरंगाजाओ मार्ग पर भारी वाणिज्यिक वाहनों की आवाजाही को प्रतिबंधित कर दिया है।

इस बीच, राज्य में नौका सेवाएं लगातार दूसरे दिन भी स्थगित रहीं। प्रभावित जिलों में सभी स्कूल और शैक्षणिक संस्थान बंद रहे।

मुख्य सचिव रवि कोटा ने जिला आयुक्तों को प्रभावित लोगों की सुरक्षा एवं कल्याण सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है।

असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण स्थिति पर बारीकी से नजर रख रहा है और किसी भी स्थिति से निपटने के लिए सभी विभागों और एजेंसियों के साथ समन्वय कर रहा है।

इस बीच, असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने चक्रवाती तूफान रेमल के आने के बाद हुई भारी बारिश तथा भूस्खलन के मद्देनजर राज्य में उत्पन्न स्थिति की बुधवार को समीक्षा की।

राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में मौजूद शर्मा ने राज्य सरकार और चक्रवात प्रभावित जिलों के शीर्ष अधिकारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए एक बैठक की और भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) द्वारा भारी से बहुत भारी बारिश के पूर्वानुमान के मद्देनजर सभी संबंधित पक्षों को यथाशीघ्र आपातकालीन स्थितियों से निपटने के लिए सतर्क रहने का निर्देश दिया।

मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारियों को निर्देश दिया कि वे प्रभावित लोगों तक पहुंचने तथा उन्हें हरसंभव सहायता प्रदान करने में कोई कसर न छोड़ें।

एक अधिकारी ने बताया कि मुख्यमंत्री ने जिला आयुक्तों (डीसी) से मृतकों के परिजनों को तत्काल अनुग्रह राशि देने को कहा है।

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